अब बांग्लादेश के बच्चे नहीं पढ़ पाएंगे शेख हसीना के बयान...युनुस सरकार ने लिया सिलेबस बदलने का फैसला

बांगलादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद से इस्तीफे और सरकार के गिरने के बाद, बांगलादेश के पाठ्यक्रम में महत्वपूर्ण बदलाव किए जा रहे हैं. राष्ट्रीय पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तक बोर्ड (NCTB) ने निर्णय लिया है कि आगामी शैक्षणिक वर्ष के लिए पाठ्यपुस्तकों से पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बयानों को हटा दिया जाएगा.

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Sheikh Hasina Sheikh Hasina

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 02 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 10:01 AM IST

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख़ हसीना हिंसक आंदोलनों की वजह से अपने पद से इस्तीफ़ा देकर देश छोड़ भारत आ गई थीं. शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद बांगलादेश के स्कूली पाठ्यक्रम में बदलाव करने का फैसला लिया गया है. राष्ट्रीय पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तक बोर्ड (NCTB) के अनुसार, सरकार ने निर्णय लिया है कि अगले शैक्षणिक वर्ष में पाठ्यपुस्तकों से ऐसी जानकारी को हटाया जाएगा, जो ऐतिहासिक तथ्यों को बढ़ा-चढ़ा कर पेश करती हो या किसी व्यक्ति को जरूरत से ज्यादा महिमामंडित करती हो.

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5 अगस्त को शेख हसीना सरकार के गिरने के बाद, NCTB ने 2025 में पुराने पाठ्यक्रम को बहाल करने का निर्णय लिया था. अधिकारियों ने कहा कि पुराने पाठ्यक्रम के तहत कक्षा 6 से 9 के पाठ्यपुस्तकों के साथ-साथ कक्षा 4 और 5 की पाठ्यपुस्तकों में आगामी शिक्षा वर्ष के लिए संशोधन किया जा रहा है, जबकि कक्षा 1 से 3 के पाठ्यक्रम में कोई बदलाव नहीं होगा. 

किताबों की समीक्षा के लिए बनाए गए एक्सपर्ट पैनल

सरकार ने पाठ्यपुस्तकों में बदलाव को आसान बनाने के लिए 33 किताबों की समीक्षा के लिए विशेषज्ञ समितियां बनाई हैं. हर समिति में तीन से पांच विशेषज्ञ होंगे, जो NCTB और अंतरिम सरकार के निर्देशों के अनुसार इन किताबों की समीक्षा और संशोधन करेंगे.

पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के भाषण और बयान हटाए गए

NCTB सदस्य (पाठ्यक्रम) प्रोफेसर रॉबिउल कबीर चौधुरी ने बताया कि पुस्तकों में बदलाव की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और यह काम इस महीने के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है. इस प्रक्रिया में शामिल एक सदस्य ने दैनिक स्टार से कहा, "हमने जो पाठ्यपुस्तकें पिछली सरकार के कार्यकाल में लिखी गई थीं, उनमें पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के भाषणों और बयान शामिल थे, साथ ही अन्य अति-उत्थानकारी जानकारी भी थी. हमें ऐसी सामग्री को हटाने के निर्देश दिए गए हैं."

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एक अन्य सोर्स ने बताया कि जिस पुस्तकों में शेख हसीनो को नायक की तरह प्रस्तुत किया गया है वह सभी हटा दिया जाएगा. उन्होंने आगे कहा "बांगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान और जियाउर रहमान को उनके राष्ट्रीय योगदानों के लिए सम्मान दिया जाएगा, और अब पाठ्यपुस्तकों में कोई गलत या विकृत इतिहास नहीं होगा.

उन्होंने यह भी कहा कि जियाउर रहमान के योगदानों को शामिल करने का प्रस्ताव पहले ही किया जा चुका है, जिन्हें पहले हटा दिया गया था. संशोधन में शामिल लेखक और कार्यकर्ता रेखल राहा ने कहा, "हमारे पास बड़े बदलाव करने के लिए बहुत कम समय है, लेकिन सरकार ने हमें निर्देश दिया है कि किसी भी व्यक्ति के महिमामंडित या अति-उत्थानकारी खातों को संशोधित करें." 

गणित की पाठ्यपुस्तकों के संदर्भ में, राहा ने कहा कि संशोधन प्रक्रिया चुनौतीपूर्ण रही है क्योंकि विशेषज्ञों को यह सुनिश्चित करना होगा कि नए पाठ्यक्रम से पुराने पाठ्यक्रम में परिवर्तन करने वाले छात्रों को उनकी पढ़ाई खराब ना हो. आईसीटी टीम भी छात्रों के लिए सामग्री को सरल बनाने पर काम कर रही है.

बदले जाएंगे सभी किताबों के कवर पेज

NCTB के अध्यक्ष प्रोफेसर ए.के.एम. रियाजुल हसन ने कहा कि सभी पाठ्यपुस्तकों के कवर पृष्ठों से अति-उत्थानकारी चित्र हटा दिए जाएंगे. इसके बजाय, कवर पर राष्ट्रीय मूल्यों या आपातकालीन सेवाओं से संबंधित सामग्री हो सकती है. "सामाजिक, राजनीतिक या धार्मिक दृष्टिकोण से संवेदनशील किसी भी सामग्री की समीक्षा की जा रही है ताकि ऐतिहासिक सत्यता सुनिश्चित हो सके और राजनीतिक रूप से विवादास्पद सामग्री से बचा जा सके.

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जब उनसे पूछा गया कि क्या छात्र-नेतृत्व वाले बड़े उथल-पुथल के बारे में कोई सामग्री शामिल की जाएगी, तो प्रोफेसर रियाजुल ने कहा, टसमय की कमी के कारण इस बार यह समावेशन संभव नहीं है. लेकिन हम अगले बार इस पर काम करेंगे."  भविष्य में नए पाठ्यक्रम के बारे में पूछे जाने पर, प्रोफेसर रियाजुल ने कहा, "फिलहाल हम तात्कालिक कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. एक बार ये निपट जाएं, तो हम नए पाठ्यक्रम के विकास पर विचार करेंगे." 

साल 2022 में शेख हसीना सरकार ने बनाया था पाठ्यक्रम

हसीना के नेतृत्व वाली सरकार ने 2022 का राष्ट्रीय पाठ्यक्रम पेश किया था, जिसे 2023 में कक्षा 1, 6 और 7 के लिए लागू किया गया था, और इस साल कक्षा 2, 3, 8 और 9 में इसका विस्तार किया गया था. हालांकि, अंतरिम सरकार ने इस महीने इस पाठ्यक्रम को "अप्रभावी" बताते हुए इसे जारी रखने का निर्णय नहीं लिया, और 2012 के पाठ्यक्रम को फिर से लागू करने का निर्णय लिया.

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सोर्स- The Daily Star / Bangladesh

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