दिल्ली ब्लास्ट में अल फलाह यूनिवर्सिटी पर जांच की आंच... ED की भी एंट्री, उधर वेबसाइट डाउन

दिल्ली ब्लास्ट की साजिश में हरियाणा के अल-फलाह यूनिवर्सिटी के कुछ प्रोफेसर का नाम जुड़ने के बाद इसकी मान्यता को लेकर सवाल उठने लगे हैं. इस पर मेडिकल रेगुलेटरी ऑथरिटी NMC के अध्यक्ष ने यूनिवर्सिटी को नोटिस भेजा है. वहीं अब ED ने भी दस्तक दे दी है.

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अल-फलाह यूनिवर्सिटी तक पहुंची अब ED और हरियाणा पुलिस, वेबसाइट डाउन (Photo - AL Falah university) अल-फलाह यूनिवर्सिटी तक पहुंची अब ED और हरियाणा पुलिस, वेबसाइट डाउन (Photo - AL Falah university)

मिलन शर्मा / मुनीष पांडे / जितेंद्र बहादुर सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 13 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 2:17 PM IST

दिल्ली ब्लास्ट के बाद फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी की काफी चर्चा हो रही है. क्योंकि धमाके की साजिश से जुड़े कुछ आरोपी उसी यूनिवर्सिटी के मेडिकल कॉलेज में काम करते थे. अब इस यूनिवर्सिटी की NAAC मान्यता को लेकर एनएमसी ने बड़ी बात कह दी है. 

शुरुआती जांच में पुलिस ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी में काम करने वाले तीन आरोपियों - डॉ. मुजम्मिल, डॉ. आदिल और डॉ. शाहीन को गिरफ्तार किया था. रिपोर्ट्स में बताया गया था कि सभी अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े प्रोफेसर हैं. इसके बाद से ही यह यूनिवर्सिटी और उससे जुड़ा मेडिकल कॉलेज चर्चा में हैं. आज यूनिवर्सिटी की वेबसाइट भी डाउन हो गई है. इसे खोलने पर पेज पर कोई  जानकारी नहीं दिखाई दे रही है.

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यूनिवर्सिटी की जांच में अब ईडी की एंट्री
यूनिवर्सिटी की मान्यता को लेकर जहां मेडिकल रेगुलेटरी ऑथरिटी NMC ने नोटिस भेजा है. वहीं अलफलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े हुए डॉक्टर की फाइनेंशियल इन्वेस्टिगेशन करने के लिए ED और दूसरी वित्तीय जांच करने वाली एजेंसियों की भी अब एंट्री होने वाली है. आज केंद्रीय गृह मंत्री के साथ ED डायरेक्टर बैठक में मौजूद थे. सूत्रों के मुताबिक उसके बाद ही जांच का फैसला लिया गया. बताया जा रहा है कि अल फलाह यूनिवर्सिटी का फॉरेंसिक ऑडिट भी एजेंसियों के द्वारा किया जाएगा.

एक दिन पहले यूनिवर्सिटी ने दी थी सफाई
ब्लास्ट मामले की साजिश में यूनिवर्सिटी का नाम उछलने के बाद अल-फलाह यूनिवर्सिटी की ओर से वीसी डॉ. भूपिंदर कौर आनंद ने सफाई भी दी थी. उन्होंने एक लिखित बयान जारी कर बताया था कि आरोपियों के निजी मामले से विश्वविद्यालय का कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने स्पष्ट किया था कि विश्वविद्यालय का आरोपी व्यक्तियों से उनके ऑफिशियल ड्यूटी के अलावा कोई संबंध नहीं है.

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यूनिवर्सिटी की सुविधाओं के दुरुपयोग का किया था खंडन
साथ ही बयान में यह भी साफ कर दिया गया था कि जिस तरह से मीडिया रिपोर्ट्स में यूनिवर्सिटी के संसाधनों का आरोपियों द्वारा दुरुपयोग की बात कही जा रही है, ऐसा कुछ भी नहीं है. यूनिवर्सिटी फैसलिटी का इस्तेमाल किसी भी साजिश के लिए नहीं किया गया है. वहीं उन्होंने लैब एक्टिविटिज को सिर्फ अधिकृत पढ़ाई के लिए नैतिक मानकों के अनुसार सख्ती से संचालित किए जाने की बात कही थी. 

यूनिवर्सिटी को एनएमसी ने भेजा नोटिस 
यूनिवर्सिटी की ओर से इस तरह के बयान जारी होने के बाद अब अल-फलाह यूनिवर्सिटी के NAAC मान्यता को लेकर चिकित्सा नियामक प्राधिकरण के रूप में, एनएमसी (NMC) के चेयरपर्सन ने यूनिवर्सिटी को शो कॉज नोटिस भेजा है. उन्होंने कहा है कि इस पूरे मामले की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही तय किया जाएगा कि यूनिवर्सिटी पर क्या कार्रवाई की जाए. 

जांच एजेंसियों की रिपोर्ट आने के बाद होगी कार्रवाई
एनएमसी के अध्यक्ष ने कहा है कि यह पूरा मामला अभी जांच के अधीन है. जांच एजेंसियों की रिपोर्ट में क्या बात निकलकर सामने आती है, इसके बाद ही कानूनी प्रावधानों के अनुसार उचित कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने यह बात अल-फलाह यूनिवर्सिटी के नैक एक्रिडेशन को रद्द करने या नहीं करने के बारे में कही. 

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यह भी पढ़ें: जानिए कौन चलाता है अल-फलाह यूनिवर्सिटी, जहां चल रही दिल्ली ब्लास्ट से जुड़ी पूछताछ

दिल्ली स्थित यूनिवर्सिटी के हेडक्वार्टर पहुंची हरियाणा पुलिस
वहीं अल-फलाह यूनिवर्सिटी के दिल्ली के ओखला में स्थित हेड क्वार्टर में हरियाणा पुलिस पहुंची हुई है. पुलिस यहां फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल मामले की जांच के  पहुंची हुई है. इस साजिश में शामिल आरोपी डॉक्टर मुज़म्मिल, डॉक्टर शाहीन सईद और डॉक्टर उमर का अल फलाह यूनिवर्सिटी से संबंध है. उनके बारे में जानकारी और उनसे जुड़े दस्तावेज के लिए ही हरियाणा पुलिस अल-फलाह यूनिवर्सिटी के हेड क्वार्टर पहुंची है.

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इनपुट - अरविंद ओझा, श्रेया चटर्जी, पीयूष मिश्रा

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