मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने छात्रों को लेकर बड़ी घोषणा की है. सीएम ने ऐलान किया है कि आगामी सत्र से सभी निजी और प्राइवेट स्कूलों में 5वीं और 8वीं की परीक्षाएं बोर्ड पैटर्न पर होगी. आपको बता दें कि साल 2007-08 शैक्षणिक सत्र से पांचवी और आठवीं कक्षाओं को बोर्ड परीक्षा से अलग कर दिया गया था.
स्कूल शिक्षा और जनजातीय कार्य विभाग द्वारा नवनियुक्त शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम शिवराज ने ये घोषणा की. उन्होंने कहा कि प्रदेश की शालाओं में अध्ययनरत बच्चों की शैक्षणिक गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए शासकीय शालाओं के साथ शासकीय मान्यता प्राप्त सभी अशासकीय और अनुदान प्राप्त शालाओं में 5वीं और 8वीं की परीक्षाएं बोर्ड पैटर्न पर की जाएंगी. साथ ही इन शालाओं में आंतरिक मूल्यांकन भी नियमित रूप से सुनिश्चित कराया जाएग. बच्चों का भविष्य गढ़ने का दायित्व शिक्षकों पर है. शिक्षकों के सम्मान और उन्हें प्रणाम करने के उद्देश्य से ही यह कार्यक्रम किया गया है.
बता दें कि अब पांचवीं और आठवीं कक्षा में पूरे विषय में भी फेल होने वाले छात्र दो माह बाद दोबारा परीक्षा दे सकेंगे. फिर यदि वे दोबारा भी फेल हुए तो उन्हें बतौर नियमित छात्र उसी कक्षा में एडमिशन मिल जाएगा. साल 2010 से 5वीं- 8वीं की बोर्ड परीक्षा समाप्त कर दी गई थी. मध्यप्रदेश सहित छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र आदि राज्यों ने 5वीं-8वीं की बोर्ड परीक्षा शुरू करने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था. केंद्र सरकार ने इसकी मंजूरी दे दी है. साल 2009 में शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने के बाद पांचवीं-आठवीं की परीक्षा को परीक्षा नहीं बल्कि मूल्यांकन कहा जाने लगा था.
रवीश पाल सिंह