बैलों के खुर की राख, अंडे के छिलके और घोंघा... पहली बार ऐसे बना था टूथपेस्ट

रोजमर्रा की जिंदगी में टूथपेस्ट हमारी बुनियादी जरूरत है. हर घर में मिलने वाली इस कॉमन सी चीज की शुरुआती कहानी काफी दिलचस्प है. इसने कई पड़ाव पार किए, तब जाकर आज अपने मौजूदा रूप में हमारे सामने है. ऐसे में जानते हैं पहली बार कैसे लोगों ने टूथपेस्ट तैयार किया और इसमें किस तरह से बदलाव आते गए.

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3000 हजार साल पहले पहली बार बनाया गया था टूथपेस्ट (Photo - AI Generated) 3000 हजार साल पहले पहली बार बनाया गया था टूथपेस्ट (Photo - AI Generated)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 27 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 4:24 PM IST

टूथपेस्ट हर घर इस्तेमाल किया जाता है. यह हर एक इंसान के डेंटल केयर के लिए पहली और बुनियादी जरूरत है. ऐसे में क्या कभी इसे देखकर ये सोचा है कि दांतों को स्वस्थ रखने वाले ये साधारण सी, लेकिन कमाल की चीज बनी कैसे? टूथपेस्ट आज हमारे रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल होने वाली एक कॉमन चीज है. लेकिन, इसे वर्तमान रूप देने में हजारों साल लग गए. किसी ने एक दिन में बैठकर इसे तैयार नहीं किया, कि मुझे दांतों को साफ करने के लिए आज टूथपेस्ट बनाना है. 

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हजारों साल पहले जैसे-जैसे लोगों को अपने दांतों को साफ और स्वस्थ रखने की जरूरत महसूस होती गई. लोगों ने टूथपेस्ट बनाने की दिशा में अपने स्तर से कई तरह के प्रयोग किए और टूथपेस्ट और पाउडर के नए-नए वेरिएंट सामने आते गए. ऐसे में जानते हैं  पहली बार कैसे बना था टूथपेस्ट?

इन चीजों से बनाया गया  पहली टूथपेस्ट
अजीब बात है कि टूथपेस्ट का आविष्कार टूथब्रश से भी पहले हुआ था. हिस्ट्री.कॉम  के मुताबिक, इंडियाना यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ डेंटिस्ट्री के फ्रैंक लिपर्ट ने 2003 के एक मोनोग्राफ में लिखा - लगभग 3,000-5,000 ईसा पूर्व, प्राचीन मिस्रवासियों ने पहली बार एक डेंटल क्रीम विकसित किया था. इसमें बैलों के खुरों की राख, गंधरस और अंडे के छिलके का चूर्ण होता था. फिर लगभग 1,000 ईसा पूर्व फारसियों ने इसमें घोंघे और सीपों के जले हुए छिलके, जिप्सम, जड़ी-बूटियां और शहद मिलाए.

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पहले लोग खुद बनाते थे टूथपेस्ट
सदियों बाद व्यावसायिक रूप से उत्पादित टूथपेस्ट के आगमन के बाद भी लोग अपने टूथपेस्ट और पाउडर खुद ही बनाते रहे. उदाहरण के लिए 1860 में प्रकाशित 'द प्रैक्टिकल हाउसवाइफ' नामक एक पुस्तक में, पिसी हुई ओरिस-जड़, पिसा हुआ चारकोल, पिसी हुई पेरू की छाल, चाक और बरगामोट या लैवेंडर के तेल के मिश्रण से टूथपेस्ट तैयार करने की विधि बताई गई थी. 

ट्यूब पैक के आविष्कार के बाद शुरू हुआ व्यवसायिक उत्पादन
कनेक्टिकट के एक दंत चिकित्सक, वाशिंगटन वेंटवर्थ शेफील्ड को 1880 के दशक में टूथपेस्ट को एक निचोड़ने योग्य ट्यूब में पैक करने का विचार दिया था.  अमेरिकन डेंटल एसोसिएशन (एडीए) के अनुसार, इससे पहले, इसे आमतौर पर बोतलों, चीनी मिट्टी के बर्तनों या कागज के डिब्बों में बेचा जाता था.

एडीए का कहना है कि इस सफलता ने टूथपेस्ट को कारखानों में बड़े पैमाने पर तैयार करने और व्यापक तौर से बाजार में उतारने का रास्ता प्रदान किया.  1955 में, क्रेस्ट ने फ्लोराइड युक्त पहला टूथपेस्ट लॉन्च किया. एक शोध में इस टूथपेस्ट को दांतों की सड़न कम करने में कारगर पाया गया था.

पहला फ्लोराइडयुक्त टूथपेस्ट
चित्रकार नॉर्मन रॉकवेल द्वारा बनाए गए, क्रेस्ट के शुरुआती विज्ञापनों में मुस्कुराते हुए लड़के-लड़कियां अपने दंत चिकित्सक के पास हाल ही में गए दौरे की रिपोर्ट दिखाते हुए दिखाई देते थे और टैगलाइन थी - देखो मां—कोई सड़न नहीं है! आज, ADA की स्वीकृति की मुहर वाले सभी टूथपेस्ट में फ्लोराइड होना अनिवार्य है और कई शहरों में म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन इसे अपने पीने के पानी में मिलाती हैं.

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इस तरह हजारों साल पहले से दांतों को स्वस्थ्य और साफ रखने के सतत प्रयास किए जाते रहे. इसे के परिणामस्वरूप वर्तमान समय में इस्तेमाल होने वाला टूथपेस्ट तैयार हो पाया. एक बार में ही टूथ पेस्ट का कोई फॉर्मूला तैयार नहीं किया गया था. इसको लेकर किए गए दर्जनों प्रयोग के बाद यह अपने मौजूदा रूप में हम सबके सामने है. 

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