दिल्ली में रहते हैं या फिर दिल्ली आए हैं और इंडिया गेट नहीं देखा तो क्या देखा... ऐसा बहुत से लोगों का कहना है. इंडिया गेट सिर्फ दिल्ली ही नहीं, दुनिया के टॉप ऐतिहासिक स्थानों में से एक है. शायद आपने भी ये ऐतिहासिक प्लेस देखा हो और अगर आप दिल्ली में रहते हैं तो आप इसके सामने से कई बार गुजरे होंगे. लेकिन, क्या आप जानते हैं जिस जगह पर इंडिया गेट बना हुआ है, उस जगह पर पहले क्या बना था और वो जमीन किसकी थी? तो जानते हैं इंडिया गेट की जमीन से जुड़ी कुछ खास बातें...
किसकी जमीन पर बना है इंडिया गेट?
इंडिया गेट का निर्माण साल 1921 के बाद शुरू हुआ था और इससे बनने में करीब 10 साल लगे थे और 1931 में यह बनकर तैयार हो गया था. ड्यूक ऑफ कनॉट ने उस वक्त इसकी आधारशिला रखी थी और इसे सर एडविन लुटियंस ने डिजाइन किया था. जिस जमीन पर इंडिया गेट बना है, उसकी बात करें तो यह सरकारी जमीन थी. ऐसा नहीं है कि इसे बनाने के लिए किसी से जमीन खरीदी गई थी. जब नई दिल्ली को विकसित करने का प्लान किया गया था, उस वक्त तक इंडिया लगभग बन चुका था.
पहले वहां क्या था?
इंडिया गेट वाली जगह सरकारी तो थी, लेकिन ये पूरी तरह से खाली नहीं थी. इंटरनेट पर मौजूद रिपोर्ट्स के अनुसार, जहां इंडिया गेट है, वहां पहले एक रेलवे लाइन थी. यहां से रेलवे लाइन गुजरती थी और उस वक्त दिल्ली में पुरानी दिल्ली वाला है रेलवे स्टेशन था. बताया जाता है कि साल उस समय यहां से आगरा-दिल्ली रेलवे लाइन थी, लेकिन फिर इसे यहां से ट्रांसफर किया गया. इसे यमुना नदी के पास से निकाला गया.
अगर आप नई दिल्ली बनाने के रोडमैप का 1931 का नक्शा देखें तो उसमें ये रेलवे लाइन यमुना के पास से ट्रांसफर की हुई नजर आती है. इससे भी समझा जा सकता है रेलवे ट्रैक पहले सीधा था. हालांकि, इस जमीन को लेकर आधिकारिक जानकारी इंटरनेट पर नहीं है और कई रिपोर्ट्स में रेलवे ट्रैक होने का दावा किया जाता है.
क्यों बनाया गया था?
इंडिया गेट आजादी से पहले ही बनवा दिया गया था और ब्रिटिश सरकार ने इसका निर्माण करवाया था. इसका निर्माण पहले विश्व युद्ध और 1919 में हुए एंग्लो अफगान युद्ध में शहीद हुए 80 हजार भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए करवाया गया था.
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