त्योहारों का मकसद लोगों को जिंदगी के और एक दूसरे के पास लाना है. ऐसे में जब अपने परिवार या दोस्तों के साथ महफिल जमती है तो ताश उस महफिल में रंग जमा देता है. दीपावली के मौके पर ताश खेलने का एक अलग ही प्रचलन है. कुल लोग इसे शगुन मानते हैं और अपने परिवार के लोगों के साथ ताश की बाजी लगाते हैं. वैसे तो ताश अब पत्तों से निकलकर मोबाइल स्क्रीन के अंदर पहुंच चुका है, मगर पत्तों पर पत्ते चटकने की आवाज़ अलग ही रोमांच देती है. तीन पत्ती, पोकर और रमी जैसे कुछ गेम्स इस समय काफी प्रचलित हैं. बहरहाल, कुछ सदाबहार ताश के खेल आज भी लोगों के पसंदीदा हैं. आइये जानते हैं वो 5 ताश के खेल जो भारतीयों के बीच सबसे लोकप्रिय हैं.
3-2-5
ये खेल 3 खिलाड़ियों के बीच खेला जाता है. सबसे पहले 2 से लेकर 7 तक के पत्ते डेक से हटा दिए जाते हैं. केवल पान (hearts) और हुकुम (spades) के 7त्ते शामिल किए जाते हैं. अब कुल 30 पत्तों को 3 खिलाड़ियों को 5-3-2 के क्रम में बांट दिया जाता है. जिसे ट्रंप तय करने का मौका मिलता है उसे 5, बांटने वाले को 2 और तीसरे खिलाड़ी को 3 हाथ बनाने होते हैं. यह क्रम हर चाल में आगे चलता रहता है. जो खिलाड़ी अपने हाथ पूरे नहीं बना पाता, उसे अगली बाजी में ज्यादा हाथ बनाने वाले को अपने हाथ से बिना देखे पत्ते देने होते हैं. सामने वाला खिलाडी अपने हाथ से देखकर कार्ड बदल सकता है.
दहला पकड़
4 खिलाड़ियों का ये टीम गेम बेहद शानदार है. हर टीम ज्यादा से ज्यादा 10ले बनाने की कोशिश करती है. नियम है कि कोई दहला नीचे गिरने पर लगातार 2 हाथ बनाने वाला दहले समेत सारे पत्ते उठा सकता है. ज्यादा दहले पकड़ने वाली टीम जीतती है और 2-2 दहले पकड़ने पर जीते पत्तों की गिनती की जाती है.
कोट पीस
यह भी 4 खिलाड़ियों का टीम गेम है. एक टीम ट्रंप तय कर शुरुआत करती है और पार्टनर की मदद से ज्यादा से ज्यादा हाथ बनाने का प्रयास करती है. लगातार 8 हाथ बनाने वाली टीम सामने वाली टीम को कोट से दबा सकती है.
3 पत्ती
इस खेल में 6 या ज्यादा लोग भी शामिल हो सकते हैं. सभी खिलाड़ियों को 1-1 कर पत्ते बांटे जाते हैं. अब अपने कार्ड्स के हिसाब से खिलाड़ी बाजी लगाते हैं और टेबल पर आखिर तक बचने वाला खिलाड़ी पूरी बाजी जीतता है.
लकड़ी
ये खेल बेहद लोकप्रिय है. इसमें 13 बाजियां खेली जाती हैं और ट्रंप पहले ही तय कर लिया जाता है. हर खिलाड़ी को पत्ते बंटने के बाद अपने बनने वाले कार्ड्स का अनुमान लगाना होता है. अनुमान के बराबर या ज्यादा हाथ बनाने पर पूरे नंबर मिलते हैं (4 हाथ बनाने पर 40) जबकि अनुमान से कम हाथ बनाने पर 0 मिलता है. आखिर में सभी 13 बाजियों का स्कोर जोड़कर जीत-हार का फैसला होता है.
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