Formation Day: आज ही के दिन देश में बने थे ये नए राज्‍य, जानें फॉर्मेशन डे का इतिहास

Formation Day History and Significance: आज ही के दिन 01 नवंबर को मध्य प्रदेश, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, हरियाणा, पंजाब, केरल, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु राज्य अपना स्थापना दिवस मना रहे हैं. वहीं दिल्ली, चंडीगढ़, पुडुचेरी, लक्षद्वीप और अंडमान और निकोबार को भी आज ही के दिन केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया था.

Advertisement
Formation Day (Photo:Doordarshan) Formation Day (Photo:Doordarshan)

aajtak.in

  • नई दिल्‍ली,
  • 01 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 8:16 AM IST

Formation Day History and Significance: आज हम अपने भारत देश को जैसा देखते हैं, वैसा यह एक दिन में नहीं बना. आजादी के बाद देश में कई बदलाव और राजनीतिक संशोधन हुए. भारत के मौजूदा 28 राज्य भी एक दिन में नहीं बने थे. कई राज्यों का गठन समय के साथ बात में किया जाता रहा. भारत का हर राज्य अपनी अनूठी संस्कृति और जनसांख्यिकी के लिए जाना जाता है. इन्‍हीं कारकों को ध्यान में रखते हुए अलग-अलग समय में विभिन्न राज्यों का गठन किया गया.

Advertisement

आज ही के दिन यानी 01 नवंबर को मध्य प्रदेश, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, हरियाणा, पंजाब, केरल, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु राज्य अपना स्थापना दिवस मना रहे हैं. वहीं दिल्ली, चंडीगढ़, पुडुचेरी, लक्षद्वीप और अंडमान और निकोबार को भी आज ही के दिन केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया था. आइये जानते हैं इन भारतीय राज्‍यों के गठन का इतिहास.

आंध्र प्रदेश (01 नवंबर 1956) - कई जन आंदोलन और बलिदानों के बाद तत्कालीन मद्रास प्रेसीडेंसी से अलग कर आंध्र प्रदेश राज्य का गठन किया गया था. तेलंगाना, जो उस समय हैदराबाद राज्य का हिस्सा था, बाद में आंध्र राज्य में विलय हो गया और आंध्र प्रदेश एक पूर्ण राज्य बना.

तमिलनाडु (01 नवंबर 1956) - आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और केरल का एक हिस्सा मद्रास प्रेसीडेंसी से अलग हो गया. अक्टूबर 1956 में 75 दिनों के अनिश्चितकालीन उपवास के बाद तमिल विद्वान और गांधीवादी, के शंकरलिंगनार की मृत्यु ने तत्कालीन प्रशासन को 1956 में राज्यों के भाषाई पुनर्गठन विधेयक को राज्य विधानसभा में पारित करने और संसदीय मंजूरी देने के लिए प्रेरित किया.

Advertisement

केरल (01 नवंबर 1956) - 1956 में राज्यों के भाषाई पुनर्गठन विधेयक के पारित होने और मालाबार, कोचीन और त्रावणकोर प्रांतों के विलय के बाद केरल राज्‍य मद्रास प्रेसीडेंसी से अलग हो गया.

मध्य प्रदेश (01 नवंबर 1956) - राज्य पुनर्गठन अधिनियम के अनुसार, मध्य भारत, विंध्य प्रदेश और भोपाल राज्यों को मध्य प्रदेश में मिला दिया गया, और मराठी भाषी दक्षिणी क्षेत्र विदर्भ को बॉम्बे राज्य को सौंप दिया गया था.

कर्नाटक (01 नवंबर 1956) - दक्षिण भारत के कन्नड़ भाषा बोलने वाले क्षेत्रों को मिलाकर कर्नाटक राज्य बनाया गया. एक एकीकृत कन्नड़ भाषी उप-राष्ट्रीय इकाई बनाने के लिए मैसूर की रियासत को बॉम्बे और मद्रास प्रेसीडेंसी के कन्नड़ भाषी क्षेत्रों के साथ-साथ हैदराबाद की रियासत के साथ मिला दिया गया था.

हरियाणा (01 नवंबर 1966) - न्यायमूर्ति जेसी शाह की अध्यक्षता में पंजाब पुनर्गठन अधिनियम (1966) के अनुसार, शाह आयोग ने पंजाब के मौजूदा राज्य को विभाजित किया और नए राज्य हरियाणा की सीमाओं का निर्धारण किया.

पंजाब (01 नवंबर 1966) - 1956 में पूर्वी पंजाब राज्य को एकीकृत किया गया ताकि एक नया विस्तृत भारतीय राज्य बनाया जा सके जिसे केवल "पंजाब" कहा जाए. हालांकि, हरियाणा राज्य को भाषाई आधार पर बनाने के बाद, पंजाबी भाषी आबादी ने पंजाब पुनर्गठन अधिनियम (1966) के तहत राज्य का गठन किया.

Advertisement

छत्तीसगढ़ (01 नवंबर 2000) - तत्कालीन राष्ट्रपति द्वारा 25 अगस्त 2000 को मध्य प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2000 को अपनी सहमति देने के बाद, मध्य प्रदेश के दस छत्तीसगढ़ी और छह गोंडी भाषी जिलों को विभाजित करके नये राज्य छत्‍तीसगढ़ का गठन किया गया था. 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement