पिछले दो महीनों से अमेरिकी सेना ने कैरेबियन सागर में सैन्य गतिविधियां तेज कर दी है. युद्धपोतों, फाइटर जेट, नौसैनिकों की टुकड़ी, ड्रोन और टोही जासूसी विमानों की तैनाती की गई है. यह सब सिर्फ इसलिए है कि वेनेजुएला को दबाव में लाया जा सके. अमेरिका ने वेनेजुएला के राष्ट्रपति पर आरोप लगाया है कि वो एक नार्को-आतंकी संगठन के मुखिया हैं. इस संगठन का नाम - कार्टेल डे लॉस सोल्स है. वहीं वेनेजुएला ऐसे किसी भी संगठन के अस्तित्व को नकारता रहा है.
संयुक्त राज्य अमेरिका ने कार्टेल डे लॉस सोल्स (स्पेनिश में इसका अर्थ है सूर्यों का कार्टेल) को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया है. इसे एक ऐसा समूह बताया गया है जिसके बारे में उसका आरोप है कि इसका नेतृत्व वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो और उनकी सरकार के वरिष्ठ लोग करते हैं.
ऐसे में किसी संगठन को आतंकवादी समूह घोषित करने से अमेरिकी कानून प्रवर्तन और सैन्य एजेंसियों को उसे निशाना बनाने और नष्ट करने के लिए व्यापक अधिकार मिल जाते हैं.
वेनेजुएला ने बताया तेल भंडार पर नियंत्रण पाने का हथकंडा
हाल के महीनों में, अमेरिका मादुरो पर दबाव बढ़ाता जा रहा है. यह कहते हुए कि पिछले साल के चुनाव के बाद उनकी सरकार अवैध हैं.उनपर ड्रग्स कार्टेल का नेता होने का आरोप लगाया है. मादुरो ने इस आरोप से इनकार किया है और अमेरिका पर वेनेजुएला के तेल भंडार पर नियंत्रण पाने के लिए युद्ध भड़काने का प्रयास करने का आरोप लगाया है.
क्या है कार्टेल डे लॉस सोल्स
इन सब घटनाक्रम के बीच इस बात पर सवाल उठाए गए हैं कि क्या कार्टेल डे लॉस सोल्स वास्तव में अस्तित्व में है. इस नाम को ही वेनेजुएला के विदेश मंत्रालय ने दृढ़ता से और पूरी तरह से खारिज कर दिया है. ऐसे किसी भी संगठन के अस्तितव को वेनेजुएला ने हास्यास्पद झूठ बताया है.
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, वेनेजुएला के आंतरिक एवं न्याय मंत्री, डिओसडाडो कैबेलो लंबे समय से कार्टेल डे लॉस सोल्स को अमेरिका का एक आविष्कार कहते रहे हैं.कैबेलो, पर भी कथित तौर पर इस कार्टेल के उच्च पदस्थ सदस्य होने का आरोप लगाया गया है. वहीं कैबेलो ने अमेरिकी अधिकारियों पर आरोप लगाया है कि वे इस शब्द का इस्तेमाल उन लोगों को निशाना बनाने के लिए कर रहे हैं जिन्हें वे पसंद नहीं करते.
क्या सच में अस्तित्व में है ये संगठन
वेनेजुएला के पड़ोसी देश कोलंबिया के वामपंथी राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने भी कार्टेल के अस्तित्व से इनकार किया है. उन्होंने अगस्त में एक्स पर लिखा था कि यह अति दक्षिणपंथियों का काल्पनिक बहाना है कि वे उन सरकारों को गिरा दें जो उनकी बात नहीं मानतीं. लेकिन, अमेरिकी विदेश विभाग इस बात पर अड़ा हुआ है कि कार्टेल डे लॉस सोल्स न केवल अस्तित्व में है, बल्कि इसने वेनेजुएला की सेना, खुफिया विभाग, विधायिका और न्यायपालिका को भ्रष्ट कर दिया है.
पहली बार 90 के दशक में सामने आया था नाम
कार्टेल डे लॉस सोल्स शब्द पहली बार 1990 के दशक के प्रारंभ में सामने आया. वेनेजुएला के मीडिया ने इस शब्द का प्रयोग वेनेजुएला के राष्ट्रीय गार्ड में ड्रग्स विरोधी अभियानों के इंचार्ज रहे एक जनरल पर लगे ड्रग्स की तस्करी के आरोपों के तौर पर किया था. इसका तात्पर्य सूर्य के आकार के उस प्रतीक चिह्न से था, जो जनरल अपने एपॉलेट पर अपने पद को दर्शाने के लिए पहनते थे.
अमेरिका में संगठित अपराध के विशेषज्ञ माइक लासुसा ने बीबीसी को बताया कि यह उपनाम जल्द ही उन सभी वेनेजुएलाई अधिकारियों के लिए इस्तेमाल किया जाने लगा, जिन पर कथित तौर पर मादक पदार्थों की तस्करी का आरोप था, भले ही वे अधिकारी उसी संगठन का हिस्सा थे या नहीं.
ये है कार्टेल डे लॉस सोल्स की कहानी
मेक्सिको के यूएनएएम विश्वविद्यालय के संगठित अपराध विशेषज्ञ राउल बेनिटेज़-मनाऊ का कहना है कि संगठन की गतिविधियां 1980 के दशक के अंत और 1990 के दशक की शुरुआत में पड़ोसी कोलंबिया, जो दुनिया में कोकीन का सबसे बड़ा उत्पादक है, वहां हुए घटनाक्रमों के जवाब में शुरू हुईं.
उस समय, कोलम्बियाई शहर में स्थित शक्तिशाली मेडेलिन कार्टेल को ध्वस्त किया जा रहा था और देश में मादक पदार्थों के विरुद्ध एक बड़ा अभियान चल रहा था. बेनिटेज़-मनाऊ का तर्क है कि जैसे-जैसे तस्करी मार्गों पर दबाव बढ़ता गया, कार्टेल डे लॉस सोल्स ने कोलंबिया से कोकीन के परिवहन के वैकल्पिक रास्ते उपलब्ध कराने शुरू कर दिए.
वे कहते हैं कि वेनेजुएला के वामपंथी राष्ट्रपति ह्यूगो चावेज के राष्ट्रपति काल के शुरुआती वर्षों में यह संगठन मजबूत हुआ. चावेज 1999 से 2013 में अपनी मृत्यु तक वेनेज़ुएला के राष्ट्रपति रहे. मनाऊ बताते हैं कि चावेज को अमेरिका को चुनौती देना पसंद था और उन्होंने वेनेजुएला की सेना और अमेरिका के बीच सभी सैन्य सहयोग संबंधों को समाप्त कर दिया.
कोलंबिया के वामपंथी गुरिल्ला संगठन के साथ थी सांठ-गांठ
बेनिटेज-मनाऊ कहते हैं कि अमेरिकी ड्रग प्रवर्तन प्रशासन (डीईए) की निगरानी के बिना, वेनेजुएला के कुछ सैन्य अधिकारी अपराधियों के साथ व्यापार करने के लिए स्वतंत्र महसूस करते थे. वे कहते हैं कि कोलंबिया के वामपंथी फार्क गुरिल्लाओं के साथ चावेज की सहानुभूति - जो कोकीन की तस्करी के माध्यम से बड़े पैमाने पर अपना वित्त पोषण करते थे - वेनेजुएला के माध्यम से कुछ नशीली दवाओं की तस्करी को पुनः शुरू करने की एक वजह थी.
कोलंबिया के कोकीन कारोबारियों को वेनेजुएला में मिली थी पनाह
वेनेजुएला में काम कर चुके पूर्व डीईए एजेंट वेस्ले टैबोर कहते हैं कि फार्क को न केवल वेनेजुएला में एक सुरक्षित आश्रय मिला, बल्कि कई सरकारी अधिकारी, सड़क-स्तर की पुलिस से लेकर सैन्य विमानन तक, जल्द ही मादक पदार्थों की तस्करी में उनके सहयोगी बन गए.
कार्टेल डे लॉस सोल्स संगठन नहीं एक भ्रष्ट व्यवस्था
वेस्ले ने कहा कि दोनों ने मिलकर अमेरिका में सैकड़ों टन कोकीन की बाढ़ ला दी.वहीं लासुसा कहते हैं कि कार्टेल डे लॉस सोल्स अन्य ड्रग नेटवर्कों से इस मायने में भिन्न है कि इसमें औपचारिक संरचना का अभाव है. उनका कहना है कि यह कोई समूह नहीं है, बल्कि यह व्यापक भ्रष्टाचार की व्यवस्था है.
उन्होंने कहा कि यह संकट राष्ट्रपति चावेज के उत्तराधिकारी निकोलस मादुरो के शासनकाल में वेनेजुएला में आए आर्थिक संकट के कारण उत्पन्न हुआ है.लासुसा बताते हैं कि मादुरो शासन सुरक्षा बलों को उचित वेतन नहीं दे सकता है और अपनी वफादारी बनाए रखने के लिए, वह उन्हें मादक पदार्थों के तस्करों से रिश्वत लेने की अनुमति देता है.
मादुरो के शासन काल में भी ऐसे व्याप्त है यह भ्रष्ट व्यवस्था
बेनिटेज़-मनाऊ का कहना है कि मध्यम और निम्न श्रेणी के अधिकारी, जो वेनेजुएला के प्रमुख प्रवेश और निकास बिंदुओं, जैसे हवाई अड्डों, को नियंत्रित करते हैं. कार्टेल डे लॉस सोल्स का गठन करते हैं, क्योंकि वे मादक पदार्थों के प्रवाह को सुविधाजनक बनाने के लिए प्रमुख स्थिति में हैं.
वहीं अमेरिकी अधिकारी इस बात पर अड़े हुए हैं कि कार्टेल डे लॉस सोल्स की पहुंच मादुरो सरकार के उच्चतम स्तर तक है, जिसमें स्वयं राष्ट्रपति भी शामिल हैं.2020 में, अमेरिकी न्याय विभाग ने मादुरो और 14 अन्य पर सशस्त्र कोलंबियाई समूहों के साथ मिलकर संयुक्त राज्य अमेरिका में कोकीन भेजने की साजिश रचने का आरोप लगाया था.
मादुरो के इस मंत्री की सहभागिता आई थी सामने
इन गतिविधियों में उच्च पदस्थ अधिकारियों में रक्षा मंत्री व्लादिमीर पैड्रिनो और वेनेजुएला के सुप्रीम कोर्ट के पूर्व प्रमुख माइकेल मोरेनो शामिल होने के भी आरोप हैं. अभियोग में, अमेरिकी अभियोजकों ने यह भी आरोप लगाया कि कम से कम 1999 से, कार्टेल डे लॉस सोल्स का नेतृत्व और मादुरो प्रशासन के आंतरिक मंत्री डिओसडाडो कैबेलो, पूर्व सैन्य खुफिया प्रमुख ह्यूगो कार्वाजल और पूर्व जनरल क्लिवर अल्काला द्वारा किया जा रहा था.
कार्टेल के कई पूर्व सहयोगियों ने किया खुलासा
उनका कहना है कि वेनेजुएला के पूर्व उच्च सैन्य अधिकारियों - जिनमें कार्वाजल और अल्काला भी शामिल हैं - द्वारा दी गई जानकारी इस बात की पुष्टि करती है. दिवंगत ह्यूगो चावेज के पूर्व सुरक्षा प्रमुख लेम्सी सालाज़ार ने 2014 की शुरुआत में ही अमेरिकी अधिकारियों को कार्टेल डे लॉस सोल्स के बारे में जानकारी प्रदान की थी.
डीईए की मदद से वेनेजुएला छोड़ने वाले सालाजार ने कहा कि आंतरिक मंत्री कैबेलो ने कार्टेल डे लॉस सोल्स का नेतृत्व किया था. कैबेलो ने इस आरोप से इनकार करते हुए तर्क दिया कि यह एक "अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र" का हिस्सा है. 2020 में, जनरल अल्काला ने मादुरो सरकार से मतभेद होने के बाद खुद को डीईए एजेंटों के हवाले कर दिया और फार्क और उनके कोकीन-तस्करी कार्यों को समर्थन प्रदान करने का दोषी पाया.
इस वर्ष की शुरुआत में, वेनेजुएला के पूर्व जासूस प्रमुख कार्वाजल - जो मादुरो से असहमत होने के बाद वेनेजुएला से भाग गए थे. उन्होंने ने भी अमेरिकी अदालत में मादक पदार्थों की तस्करी और नार्को आतंकवाद के आरोपों में दोषी करार दिया था.
कोकीन का हथियार के तौर पर किया इस्तेमाल
एक संघीय अभियोजक ने मुकदमे के दौरान कार्वाजाल के बारे में कहा कि वर्षों से, वह और कार्टेल डे लॉस सोल्स के अन्य अधिकारी कोकीन को हथियार के रूप में इस्तेमाल करते रहे हैं, तथा न्यूयॉर्क और अन्य अमेरिकी शहरों में जहर की बाढ़ लाते रहे हैं.
ऐसे मादुरो पर अमेरिका ने इनाम घोषित किया
मादुरो और गृह मंत्री कैबेलो अभी भी वेनेजुएला में हैं, लेकिन अमेरिका ने हाल ही में उनकी गिरफ्तारी में सहायक सूचना देने वाले को मिलने वाले इनाम को बढ़ाकर क्रमशः 50 मिलियन डॉलर (£38 मिलियन) और 25 मिलियन डॉलर कर दिया है.
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