भारत में सबसे बड़ा सोने का भंडार बिहार की धरती के अंदर छिपा हुआ है. यहां धरती के नीचे लगभग 222.8 मिलियन टन सोने के अयस्क होने का अनुमान है. इस लिहाज से देखा जाए तो बिहार सबसे महंगे धातु के मामले में देश का सबसे समृद्ध राज्य बन सकता है.
बिहार में सोने के अयस्क का ये भंडाल जमुई जिले में मिला है. बताया जाता है कि यहां इतना बड़ा भंडार हैं, जो देश के आधे से ज्यादा गोल्ड रिजर्व को कवर करता है. वैसे अभी यहां गोल्ड माइनिंग शुरू नहीं हुई है.
छिपे सोने के भंडार के मामले में बिहार है नंबर वन
भारत सरकार के मुताबिक, गोल्ड रिजर्व के मामले में बिहार नंबर एक पर है. इसके बाद राजस्थान और फिर कर्नाटक का नंबर आता है. देश में कर्नाटक सबसे बड़ा स्वर्ण उत्पादक राज्य है. कर्नाटक की हट्टी और कोलार स्वर्णक्षेत्र (अभी बंद हैं) से सबसे ज़्यादा सोना निकाला जाता है. कर्नाटक का देश के सोना उत्पादन में 99% योगदान है.
राष्ट्रीय खनिज सूची के आंकड़ों के अनुसार, देश में स्वर्ण अयस्क के कुल भंडार 1 अप्रैल, 2015 तक 501.83 मिलियन टन अनुमानित किए गए हैं. इनमें से 17.22 मिलियन टन को भंडार श्रेणी में और शेष 484.61 मिलियन टन को बचे हुए संसाधन की श्रेणी में रखा गया है. भारत में, स्वर्ण अयस्क का सबसे बड़ा रिजर्व बिहार में है.
बिहार में छिपा है देश का 44 प्रतिशत सोना
बिहार में देश का लगभग 44% सोना है. इसके बाद राजस्थान में 25%, कर्नाटक में 21%, पश्चिम बंगाल में 3%, आंध्र प्रदेश में 3% और झारखंड में 2% सोने के भंडार हैं. शेष 2% स्वर्ण अयस्क के भंडार छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में स्थित हैं.
ऐसे लगा बिहार में सोने के भंडार का पता
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) संभावित खनिज समृद्ध क्षेत्रों की पहचान करने और संसाधनों का पता लगाने के उद्देश्य से सोने सहित विभिन्न खनिजों के जियोलॉजिकल मैपिंग करता रहता है. ऐसे ही सर्वे में बिहार में सोने के विशाल भंडार का पता लगा था. हर साल जीएसआई देश के विभिन्न भागों में खनिज संसाधनों की खोज के लिए सर्वे करता है और इन्वेस्टिगेटिंग प्रोजेक्ट शुरू करता है.
जल्द सोने की माइनिंग हो सकती है शुरू
2021 में राज्यसभा में खान, कोयला और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने एक लिखित उत्तर में बताया था कि हाल ही में भारत सरकार ने सोने सहित अन्य खनिजों के लिए जी4 स्तर पर लाइसेंस की नीलामी की अनुमति देने हेतु एमईएमसी नियमों में संशोधन किया है. इससे खनिजों के भंडार की खोज और खनन के क्षेत्र में उन्नत तकनीक वाले निजी निवेश को प्रोत्साहन दिया जा सकेगा. इससे धरती के नीचे छिपे सोने के अयस्क निकालने और उनसे शुद्ध सोना अलग करने की लागत कम होने की उम्मीद है.
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