जिनकी वजह से दुनिया को बेहोशी की दवा मिली...

विलियम टी जी मॉर्टन को दुनिया एक ऐसे शख्सियत के तौर पर जानती है जिसने एनेस्थेसिया जैसा नायाब गिफ्ट दिया. उनका जन्म साल 1819 में 9 अगस्त के रोज हुआ था.

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विष्णु नारायण

  • नई दिल्ली,
  • 09 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 11:26 AM IST

एक समय ऐसा भी हुआ करता था कि किसी शख्स के चोटिल होने पर और किन्हीं विशेष परिस्थितियों में यदि ऑपरेशन की जरूरत पड़ जाए तो बड़ी दिक्कतें आती थीं. दांत दर्द की स्थिति में तो लोग खासा बेहाल रहते. फिर विलियम टी जी मॉर्टन ने पहलेपहल सल्फरिक एथर का इस्तेमाल किया. इसे एनेस्थेटिक के रूप में जाना जाता है. उनका जन्म साल 1819 में 9 अगस्त के रोज हुआ था.

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1. वे एक अमेरिकी डेंटिस्ट थे और उन्हें दुनिया में सर्जिकल एनेस्थीसिया की स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए जाना जाता है.

2. उन्होंने एक नोवल डिलीवरी यंत्र भी बनाया, जिसे ऑपरेशन के दौरान एथर लेने में इस्तेमाल किया जा सकता था.

3. उन्होंने साल 1846 में 30 सितंबर को पहली बार सल्फरिक एथर को दांत के छोटे से ऑपरेशन में इस्तेमाल किया.

4. मॉर्टन को हालांकि ये साबित करने में कम कामयाबी मिली कि वो एथर की प्रॉपर्टी खोजने वाले दुनिया के पहले व्यक्ति थे.

5. लीथियोन के लिए पेटेंट का दावा करने के बाद उनकी काफी आलोचना हुई. साल 1968 में 15 जुलाई को कंगाली में दुनिया छोड़ गए.

 

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