NEET 2020 Paper Analysis: कैसी थी परीक्षा, जानें- कौन सा सेक्शन था मुश्किल

NEET 2020 paper analysis: नीट परीक्षा में 85 प्रतिशत से ज्यादा छात्र शामिल हुए हैं. परीक्षा का आयोजन कोरोना संकट के बीच 13 सितंबर को किया गया था. आइए जानते हैं कैसी रही परीक्षा. कैसा था पेपर.

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NEET 2020 EXAM NEET 2020 EXAM

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 14 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 11:53 AM IST

NEET 2020 Paper Analysis: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने 13 सितंबर को देशभर में नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET UG 2020)  परीक्षा का आयोजन किया.  इस साल परीक्षा के लिए 15 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था. बताया जा रहा है परीक्षा में 85 प्रतिशत से ज्यादा छात्र शामिल हुए. परीक्षा का आयोजन कोरोना संकट के बीच किया गया था. आइए जानते हैं कैसी रही परीक्षा. कैसा था पेपर.

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NEET 2020 के प्रश्न पत्र को तीन प्रश्नों में विभाजित किया गया था -  फिजिक्स,  केमिस्ट्री और बायोलॉजी (Botany and Zoology). परीक्षा में इन तीनों सेक्शन से 45 प्रश्न शामिल थे.  वहीं 180 मल्टीपल चॉइस क्वेश्चन थे. पूरी परीक्षा 720 अंकों की थी.

कैसा रहा फिजिक्स का सेक्शन

पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों की तुलना में  फिजिक्स का सेक्शन आसान था. लगभग 30-40% प्रश्न सीधे NCERT सिलेबस पर आधारित थे. ग्राफ़, डेटा और साथ ही कुछ कथन सीधे NCERT  सिलेबस से लिए गए थे. कुल मिलाकर कहा जा सकता है फिजिक्स का सेक्शन आसान था.  

कैसा था केमिस्ट्री का सेक्शन

केमिस्ट्री सेक्शन थोड़ा कठिन था. सभी प्रश्न निर्धारित NEET सिलेबस और  NCERT किताबों पर आधारित थे.  कथन सीधे NCERT पुस्तकों से लिए गए थे. प्रश्न सीधे और सरल थे. जो छात्र नीट की परीक्षा में शामिल हुए उन्होंने कहा, पेपर का स्तर मध्यम से कठिन था. केमिस्ट्री सेक्शन काफी मुश्किल था. इसी के साथ कई छात्रों ने कहा, बॉटनी के प्रश्नों में काफी कन्फ्यूजन हुई. जिसे सॉल्व करने में परेशानी आ रही थी.

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कैसा था बायोलॉजी (Botany and Zoology) का पेपर

पिछले वर्षों की तुलना में परीक्षा का स्तर कठिन था. कक्षा 11वीं से 25 प्रश्न और कक्षा 12वीं से 19 प्रश्न 2 NCERT के दायरे से बाहर थे, जूलॉजी मॉडरेट कुछ अपवादों के साथ. बहु-वैचारिक प्रश्न जिसमें निर्णायक सोच और सटीकता की आवश्यकता होती है.

कुछ प्रश्न शब्दावली में कठिन और लुप्त हो गए थे. NCERT डोमेन से परे कुछ शब्द. दो प्रश्नों के लिए भाषाई कौशल की आवश्यकता थी. कुल मिलाकर, सवाल काफी सोचनीय थे, जिसमें मन की सतर्कता और आलोचनात्मक दृष्टिकोण की आवश्यकता थी. कुल मिलाकर परीक्षा का स्तर काफी कठिन था.

अनुराग तिवारी, राष्ट्रीय शैक्षणिक निदेशक (चिकित्सा)  अनुराग तिवारी ने कहा, परीक्षाएं पिछले वर्षों की तुलना में आसान थीं.

 

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