Career Tips: फॉरेन लैंग्वेज कोर्स किया है तो मिलेगी मोटी सैलरी, जानें कहां मिलती है नौकरी

Foreign Language Demand in India: आज ऐसी कई फॉरेन लैंग्वेज हैं जिन्हें सीखने के बाद लोग मोटी सैलरी पा रहे हैं. इनमें चाइनीज (मैंडरिन) लैंग्वेज पहले नंबर पर आती है. अगर आप भी फॉरेन लैंग्वेज में करियर बनाना चाहते हैं तो आपका 12वीं पास होना और अंग्रेजी भाषा का ज्ञान होना काफी है.

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foreign language demand in india (सांकेतिक तस्वीर- फ्रीपिक) foreign language demand in india (सांकेतिक तस्वीर- फ्रीपिक)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 12 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 5:45 PM IST

Foreign Language Demand in India: भारत, आउटसोर्सिंग वर्क का एक बड़ा हब बन चुका है. दुनिया भर की बड़ी-बड़ी कंपनियां भारत में निवेश कर रही हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 14 हजार से विदेश कंपनियां कारोबार कर रही हैं. जैसे-जैसे भारत में विदेशी कंपनियों का कामकाज बड़ा है वैसे ही फॉरेन लैंग्वेज की मांग भी तेजी बढ़ी है. आज ऐसी कई फॉरेन लैंग्वेज हैं जिन्हें सीखने के बाद लोग मोटी सैलरी पा रहे हैं. इनमें चाइनीज (मैंडरिन) लैंग्वेज पहले नंबर पर आती है. 

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भारत में इन विदेशी भाषाओं को सबसे ज्यादा चलन
भारत में नौकरी के अवसर देने वाली प्रमुख विदेशी भाषाओं में जर्मन, मैंडरिन (चीनी), जैपनीज, फ्रेंच, कोरियाई और स्पेनिश शामिल हैं. होटल एंड टूरिजम, सरकारी विभागों में ट्रांसलेटर, MNC कंपनियों, मीडिया मैनेजमेंट, ऑनलाइन कस्टमर केयर सर्विस समेत अनगिनत जगहों पर विदेशी भाषा बोलने वालों की बड़ी मांग है. 

फॉरेन लैंग्वेज कोर्स के बाद अनुमानित सैलरी

  • एक्सपर्ट्स का मानना है कि इंडिया में चाइनीज (मैंडरिन) लैंग्वेज वालों को सबसे ज्यादा 12 लाख रुपये (प्रतिवर्ष) सैलरी मिलती है.
  • लगभग 10 लाख रुपये (प्रतिवर्ष) तक सैलरी के मामले में फ्रेंच दूसरे नंबर पर है.
  • स्पेनिश बोलने वाले प्रोफेशनल्स को 9.80 लाख रुपये (प्रतिवर्ष) तक सैलरी मिलती है.
  • इस लिस्ट में चौथा नंबर जर्मन लैंग्वेज वालों का है, इनकी एवरेज सालाना सैलरी 9.50 लाख रुपये तक होती है.
  • जैपनीज सीखने वालों को सालाना 6 लाख रुपये तक सैलरी दी जाती है. इंटरनेशन ट्रेड मार्केट में इसका इस्तेमाल सबसे ज्यादा होता है.
  • जैपनीज के बाद डच लैंग्वेज वालों को सबसे ज्यादा सैलरी मिलती है, इनकी सालाना इनकम 5 लाख रुपये से ज्यादा मानी जाती है.

कहां से कर सकते हैं फॉरेन लैंग्वेज कोर्स
अगर आप भी फॉरेन लैंग्वेज में करियर बनाना चाहते हैं तो आपका 12वीं पास होना और अंग्रेजी भाषा का ज्ञान होना काफी है. जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (नई दिल्ली), दिल्ली यूनिवर्सिटी (नई दिल्ली), EFLU हैदराबाद (तेलंगाना), बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (उत्तर प्रदेश), जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी (नई दिल्ली), कलकत्ता विश्वविद्यालय (पश्चिम बंगाल), पुणे विश्वविद्यालय (महाराष्ट्र) समेत कई बड़े संस्थान हैं जो फॉरेन लैंग्वेज कोर्स कराते हैं.

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