रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जब भी विदेश यात्रा पर जाते हैं, तो दुनिया उनकी सुरक्षा व्यवस्था को हैरानी से देखती है. इस बार भारत आने पर एक बार फिर चर्चा छिड़ गई है कि पुतिन का मल (पॉटी) तक एक विशेष सूटकेस में पैक करके रूस वापस ले जाया जाता है. जी हां, यह कोई मजाक नहीं, बल्कि उनकी सिक्योरिटी का हिस्सा है ताकि कोई विदेशी खुफिया एजेंसी उनके स्वास्थ्य का पता न लगा सके.
आखिर इतनी सख्त और अजीब सुरक्षा क्यों? आइए साल-दर-साल देखते हैं कि पुतिन की यह अल्ट्रा सीक्रेट सिक्योरिटी कैसे विकसित हुई.
जब पुतिन एफएसबी चीफ से प्रधानमंत्री और फिर कार्यवाहक राष्ट्रपति बने, तभी से उनकी सुरक्षा में क्रांति शुरू हो गई. राष्ट्रपति सुरक्षा सेवा (SBP/FSO) को पूरी तरह नया रूप दिया गया. अब कोई अनियोजित जनता से मुलाकात नहीं, कोई अचानक कार्यक्रम नहीं. सब कुछ पहले से तय और गुप्त.
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इस दौर में पुतिन होटल का पानी, बर्तन या हाउसकीपिंग पर भरोसा करना बंद कर चुके थे. उनके साथ हमेशा रूस से बोतलबंद पानी, खुद का बिस्तर, डॉक्टर और मेडिकल किट जाने लगी. विदेश जाने से पहले उनकी एडवांस टीम होटल के कमरे को पूरी तरह सैनिटाइज करती और जरूरी सामान बदल देती.
2010 तक नियम बन गया – पुतिन विदेश में किसी भी बैंक्वेट का खाना नहीं खाते. उनके साथ पूरा मोबाइल फूड लैबोरेटरी जाता है जिसमें शेफ, टेस्टर और वैज्ञानिक होते हैं. हर चीज – पानी से लेकर सलाद तक – पहले लैब में टेस्ट होती है, फिर परोसी जाती है.
इस समय से पुतिन जो भी गिलास छूते, टिश्यू इस्तेमाल करते या कोई सामान छोड़ते, उनकी टीम उसे तुरंत इकट्ठा करके रूस ले जाती. यहां तक कि होटल की प्लंबिंग (नाली) तक सील कर दी जाती ताकि कोई जैविक नमूना न मिल न सके.
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फ्रांस और सऊदी अरब की यात्रा के दौरान पहली बार मीडिया ने देखा कि पुतिन जब टॉयलेट से बाहर आते हैं, तो उनकी सुरक्षा टीम एक खास सूटकेस लेकर जाती है. फ्रेंच मीडिया ने खबर छापी – रूसी राष्ट्रपति अपना मल तक रूस वापस ले जाते हैं ताकि कोई उनके स्वास्थ्य की जांच न कर सके. इसी साल यह पूप सूटकेस दुनिया भर में मशहूर हो गया.
अब तो तौलिया, कचरा, इस्तेमाल किया गिलास – सब कुछ पैक करके ले जाया जाने लगा. पुतिन का विशेष विमान (Il-96) में मिनी हॉस्पिटल बना दिया गया. उनकी बुलेटप्रूफ गाड़ी में भी मेडिकल सुविधा रहती है.
युद्ध शुरू होने के बाद पुतिन की विदेश यात्राएं बहुत कम हो गईं. जो भी यात्रा हुई, उसमें पुरानी सभी व्यवस्थाओं पर दोहरी निगरानी रखी गई. इसी समय पुतिन के बॉडी डबल (हमशक्ल) की अफवाहें भी जोर पकड़ने लगीं.
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आज पुतिन की सुरक्षा दुनिया की सबसे उन्नत और गुप्त व्यवस्था मानी जाती है. भारत यात्रा में भी यही सब हो रहा है...
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पुतिन की सुरक्षा पिछले 20 साल में बहुत बढ़ गई है क्योंकि रूस का सुरक्षा माहौल अस्थिर है. ड्रोन, साइबर हमले जैसे नए खतरे हैं. अब उनकी सुरक्षा सिर्फ बॉडीगार्ड तक सीमित नहीं – दवा, खाना, मल-मूत्र सब कुछ कंट्रोल में रहता है ताकि कोई देश उनके स्वास्थ्य का डेटा न ले सके. तो अगली बार जब आप पुतिन को भारत या कहीं और देखें, तो याद रखिए – जो दिख रहा है, उसके पीछे एक पूरी गुप्त दुनिया चल रही है, जिसमें उनका मल तक राष्ट्रीय सुरक्षा का हिस्सा है.
शिवानी शर्मा