चीन ने अपने HQ-9B एयर डिफेंस सिस्टम को ईरान को दे दिया है. यह वही सिस्टम है, जो पाकिस्तान में कई बार नाकाम साबित हुआ. आइए, समझते हैं कि यह सिस्टम क्या है? यह पाकिस्तान में क्यों फेल हुआ? अब ईरान को इसे देने के पीछे क्या कारण हो सकते हैं?
HQ-9B एयर डिफेंस सिस्टम क्या है?
HQ-9B एक आधुनिक हथियार सिस्टम है, जिसे चीन ने बनाया है. यह हवा में आने वाले खतरों, जैसे दुश्मन के विमान, ड्रोन, क्रूज मिसाइल और कुछ हद तक बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने के लिए बनाया गया है. इसे रूस के S-300 सिस्टम से प्रेरणा लेकर बनाया गया है, लेकिन इसमें कुछ अमेरिकी और इजरायली तकनीकों का भी इस्तेमाल हुआ है.
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कैसे काम करता है?
यह सिस्टम रडार की मदद से दुश्मन के विमानों या मिसाइलों को ढूंढता है. फिर यह अपनी मिसाइलें दागकर उन्हें हवा में ही नष्ट कर देता है. इसमें एक बार में 8-10 मिसाइलों को निशाना बनाने की क्षमता है.
पाकिस्तान में HQ-9B क्यों फेल हुआ?
पाकिस्तान ने HQ-9B को भारत की बढ़ती वायु शक्ति, खासकर राफेल जेट और ब्रह्मोस मिसाइलों से बचाव के लिए लिया था. लेकिन कई मौकों पर यह सिस्टम नाकाम रहा. खास तौर पर मई 2025 में भारत की ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इसका प्रदर्शन बहुत खराब रहा.
ऑपरेशन सिंदूर में क्या हुआ?
भारत ने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए. इन हमलों में भारत ने ब्रह्मोस मिसाइल, फ्रेंच स्कैल्प क्रूज मिसाइल और इजरायली हारोप ड्रोन का इस्तेमाल किया. लेकिन HQ-9B इनमें से किसी भी मिसाइल को रोक नहीं पाया. भारतीय हमले इतने सटीक थे कि लाहौर में मौजूद HQ-9B की एक बैटरी को भी नष्ट कर दिया गया.
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अन्य मौकों पर नाकामी
2024 में ईरान ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान में मिसाइल और ड्रोन हमले किए. उस वक्त भी HQ-9B ने कोई जवाबी कार्रवाई नहीं की.
क्यों फेल हुआ?
कई कारणों से HQ-9B पाकिस्तान में कामयाब नहीं रहा...
इन नाकामियों की वजह से पाकिस्तान में इस सिस्टम की बहुत आलोचना हुई. यहां तक कि चीन के सोशल मीडिया पर भी लोगों ने पाकिस्तानी सेना को मूक दर्शक कहा और HQ-9B की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए.
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चीन ने ईरान को HQ-9B क्यों दिया?
जुलाई 2025 में खबर आई कि चीन ने HQ-9B सिस्टम को ईरान को दे दिया है. यह सौदा तेल के बदले हुआ, क्योंकि ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों की वजह से वह नकद भुगतान नहीं कर सकता.
ईरान को क्यों जरूरत?
ईरान का सामना इजरायल और अमेरिका जैसे मजबूत दुश्मनों से है. हाल ही में इजरायल ने ईरान पर हवाई हमले किए थे, जिसके बाद ईरान अपनी वायु रक्षा को मजबूत करना चाहता है. HQ-9B उसे लंबी दूरी तक हवाई खतरों से बचाने में मदद कर सकता है.
चीन का फायदा
क्या ईरान में HQ-9B कामयाब होगा?
यह सवाल अभी अनसुलझा है. पाकिस्तान में HQ-9B की नाकामी का मतलब यह नहीं कि यह सिस्टम पूरी तरह बेकार है. अगर ईरान इसे सही तरीके से इस्तेमाल करता है, तो यह इजरायल और अमेरिका के लिए चुनौती बन सकता है. लेकिन कुछ बातें ध्यान में रखनी होंगी...
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इसका भारत पर क्या असर होगा?
भारत के लिए यह खबर चिंता की बात हो सकती है, क्योंकि ईरान और भारत के रिश्ते पहले जैसे नहीं रहे. अगर ईरान HQ-9B का सही इस्तेमाल करता है, तो यह मिडिल ईस्ट में ताकत का संतुलन बदल सकता है. लेकिन भारत की मजबूत वायु रक्षा, जैसे S-400 और आकाश सिस्टम, उसे किसी भी खतरे से निपटने में सक्षम बनाती हैं.
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