ईरान के सिस्तान प्रांत के स्थानीय लोगों ने वहां के और अंतरराष्ट्रीय मीडिया को यह बताया कि मिलिट्री मूवमेंट बढ़ गई है. ईरान अपनी सेना, टैंक, मिसाइलों, ड्रोन्स को पाकिस्तान सीमा के पास तैनात कर रहा है. वह भी बड़े पैमाने पर. पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार तो हैं लेकिन ईरान के पास उससे कहीं ज्यादा पारंपरिक हथियारों का जखीरा मौजूद है.
इतना ही नहीं ईरान ने यह घोषणा भी की है कि वह पाकिस्तान सीमा के पास बड़े इलाके में मिलिट्री युद्धाभ्यास करने जा रहा है. हजारों की संख्या में सैनिक और हथियार वहां पहुंच चुके हैं. पाकिस्तान की तैयारियों की फिलहाल कोई सूचना नहीं है लेकिन ऐसा लग रहा है कि ईरान किसी बहुत बड़ी तैयारी में लगा है. ये संभव है कि जल्द ही युद्ध का ऐलान हो.
ईरान ने चारों तरफ से अपनी सीमाओं की किलेबंदी तेज कर दी है. यह भी जानकारी मिली है कि ईरान ने इराक की सीमा के पास भी मिसाइल लॉन्चर्स तैनात किए हैं. लेकिन तनाव बढ़ने की आशंका पाकिस्तान सीमा पर ही है. वैसे तो पाकिस्तान और ईरान के रिश्ते बहुत तनाव भरे कभी नहीं रहे लेकिन इस समय मामला एकदूसरे के इलाके में हमले का है.
कहानी शुरू कहां से हुई...
दो मुस्लिम देश एकदूसरे के सामने क्यों आए हैं. शुरूआत हुई सीरिया में इस्लामिक स्टेट के अड्डों और ईराक में इजरायली जासूसी संस्था मोसाद के ठिकानों पर ईरानी हमले के बाद. ईरान ने इसके बाद 16 जनवरी 2024 को पाकिस्तान के बलूचिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों पर हमला किया. दावा किया कि उसने Jaish al-Adl के दो ठिकानों को खत्म कर दिया.
इस इलाके में रहने वाले सुन्नी समूहों को दोनों तरफ रहने वाले बलूच लोगों से दिक्कत होती है. दोनों एकदूसरे से संघर्ष करते रहते हैं. पाकिस्तान ने कहा कि ईरान के हमले में दो बच्चे मारे गए और तीन लोग जख्मी हुए हैं. यह पाकिस्तान की संप्रभुता के लिए खतरा है. दो दिन बाद पाकिस्तानी सेना के फाइटर जेट्स ने ईरान के अंदर घुसकर एयरस्ट्राइक किया.
बलूच आतंकी संगठनों यानी बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी और बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट के कई ठिकानों पर हमला किया. पाकिस्तान ने कहा कि वह ईरान के हमले का करारा जवाब था. दावा किया गया कि कई आतंकी मारे गए. ईरान ने कहा कि पाकिस्तान के हमले में 9 विदेशी लोग मारे गए हैं, इनमें चार बच्चे हैं. अब सीमा पर तैनाती बढ़ रही है.
अब चीन ने कहा- वह शांति बहाली में कर सकता है मदद
चीन ने कहा है कि वह दोनों देशों के बीच शांति बहाल करने में मदद कर सकता है. चीन दोनों देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध रखता है. मिलिट्री और आर्थिक रिश्ते भी हैं दोनों के साथ. चीन चाहता है कि जियोपॉलिटिकल स्थिति में वह हीरो बनकर उभरे. चीन का हिमालय से लेकर अरब की खाड़ी तक. पाकिस्तान से लेकर ईरान तक बीजिंग की बेहतरीन पहुंच है. दोनों ही देशों में चीन का जलवा है. सरकारों और आर्थिक जगत में गहरी पैठ है.
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