भारत जल्द ही रूस से S-400 एयर डिफेंस सिस्टम के लिए बड़ी संख्या में मिसाइलें खरीदने की तैयारी में है. यह सौदा करीब 10 हजार करोड़ रुपये का बताया जा रहा है. भारतीय वायुसेना का S-400 सिस्टम पहले ही पाकिस्तान के खिलाफ साबित हो चुका है. चार दिन चले संघर्ष के दौरान इस सिस्टम ने पाकिस्तान के पांच से छह लड़ाकू विमान और एक जासूसी विमान को 300 किलोमीटर दूर मार गिराया था. वायुसेना ने इसे गेम चेंजर बताया था.
सूत्रों के अनुसार, वायुसेना अपनी एयर डिफेंस क्षमता को और मजबूत करने के लिए इन मिसाइलों की खरीद करना चाहती है. इस सौदे को लेकर भारत और रूस के बीच बातचीत चल रही है. रक्षा मंत्रालय की रक्षा खरीद परिषद की बैठक 23 अक्टूबर को होने वाली है, जिसमें इस प्रस्ताव पर चर्चा हो सकती है.
रूस के साथ 10 हजार करोड़ रुपये का सौदा
भारत अब अपनी वायुसेना में और अधिक S-400 स्क्वॉड्रन जोड़ने की योजना बना रहा है. रूस से पहले ही तीन स्क्वॉड्रन मिल चुके हैं जो ऑपरेशनल हैं। चौथे स्क्वॉड्रन की डिलीवरी से ठीक पहले रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू हो गया था. भारत ने रूस से बाकी दो स्क्वॉड्रन की आपूर्ति जल्द करने की मांग की है.
दोनों देशों के बीच S-500 एयर डिफेंस सिस्टम पर भी बातचीत चल रही है. साथ ही भारत रूस से नई एयर-टू-एयर मिसाइलें खरीदने के विकल्प पर भी विचार कर रहा है ताकि उसकी बीवीआर (बियॉन्ड विजुअल रेंज) क्षमता और बढ़ सके.
S-500 एयर डिफेंस सिस्टम पर भी बातचीत शुरू
इसके अलावा, ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की क्षमता बढ़ाने पर भी भारत और रूस के बीच चर्चा हुई है. दोनों देशों के बीच सैन्य रिश्ते काफी मजबूत हैं और भारतीय वायुसेना की स्ट्राइक क्षमता का बड़ा हिस्सा रूसी तकनीक पर आधारित है.
मंजीत नेगी