यूक्रेन का एक खास ड्रोन दल के सदस्य लंबी रात की तैयारी कर रहे हैं. एक हल्के स्टैंड पर एंटीना और सेंसर लगाए जा रहे हैं. हार्ड केस से मॉनिटर और कंट्रोल निकाले जा रहे हैं. और एक नया गेम-चेंजर हथियार तैनात करने के लिए तैयार किया जा रहा है. Photo: AP
यह है स्टिंग नाम का इंटरसेप्टर ड्रोन, जो उड़ते हुए थर्मस की तरह दिखता है. यह यूक्रेन का खुद का बनाया नया हथियार है. इस दल के कमांडर, जिन्हें सिर्फ कॉल साइन लोई से जाना जाता है, कहते हैं कि ये इंटरसेप्टर रूस के तेजी से बदलते सुसाइड ड्रोनों का अच्छे से मुकाबला कर सकते हैं. Photo: AP
यूक्रेन के शहरों और बिजली ढांचे पर हर रात हमले हो रहे हैं. इससे कीव को हवाई रक्षा के नियम पूरी तरह बदलने पड़े हैं. अब सस्ते ड्रोन किलर बनाए जा रहे हैं, जिनकी कीमत सिर्फ 1000 डॉलर तक है. 2025 में ये इंटरसेप्टर प्रोटोटाइप से कुछ ही महीनों में बड़े पैमाने पर उत्पादन में आ गए. यह आधुनिक युद्ध का नया बदलाव है. Photo: AP
यूक्रेन में अच्छी रक्षा के लिए बड़े पैमाने पर उत्पादन, तेज इनोवेशन और सस्ते सिस्टम को पुरानी रक्षा में जोड़ना जरूरी है, न कि कुछ महंगे हथियारों पर निर्भर रहना. वाइल्ड हॉर्नेट्स नाम की वॉलंटियर स्टार्टअप स्टिंग जैसे मॉडल बनाती है. नया बुलेट ड्रोन तेज स्पीड बढ़ाकर दुश्मन ड्रोन से टकराते हैं. Photo: AP
इन्हें पायलट मॉनिटर देखकर या फर्स्ट-पर्सन-व्यू गॉगल्स पहनकर उड़ाते हैं. कीमत का खेल बहुत महत्वपूर्ण है. जनरल चेरी स्टार्टअप के एंड्री लाव्रेनोविच कहते हैं कि जिन ड्रोनों को वे नष्ट करते हैं, उनकी कीमत 10,000 से 300,000 डॉलर तक होती है. हम दुश्मन को बड़ा आर्थिक नुकसान पहुंचा रहे हैं. Photo: AP
लाव्रेनोविच कहते हैं कि रूस ईरान के डिजाइन वाले शाहेद सुसाइड ड्रोन इस्तेमाल करता है. इसके कई वैरिएंट बनाए हैं, जिनमें जैमर, कैमरा और टर्बोजेट इंजन लगे हैं. यह नवाचार की निरंतर लड़ाई है. कुछ क्षेत्रों में वे आगे हैं. कुछ में हम नया समाधान लेकर आते हैं और वे नुकसान उठाते हैं. Photo: AP
वाशिंगटन के सेंटर फॉर यूरोपियन पॉलिसी एनालिसिस के डिफेंस एनालिस्ट फेडेरिको बोर्सारी कहते हैं कि ये इंटरसेप्टर यूक्रेन और यूरोप की एंटी-ड्रोन ताकत में कीमती जोड़ हैं. सस्ते इंटरसेप्टर ड्रोन इतनी जल्दी इतने महत्वपूर्ण हो गए कि इन्हें आधुनिक काउंटर-ड्रोन सिस्टम का आधार मान सकते हैं. ये हवाई रक्षा की कीमत और स्केल को संतुलित करते हैं. Photo: AP
इनकी मोबिलिटी और कम कीमत से ज्यादा टारगेट्स की रक्षा हो सकती है, लेकिन बोर्सारी कहते हैं कि इन्हें चमत्कारी हथियार न समझें. इनकी सफलता सेंसर, तेज कमांड और कुशल ऑपरेटरों पर निर्भर है. ये कई विकल्पों का हिस्सा हैं, जो महंगी मिसाइलों से शुरू होकर जाल और एंटी-एयरक्राफ्ट गनों तक जाते हैं. Photo: AP
यूक्रेन और नाटो के रक्षा प्लानर उम्मीद करते हैं कि 2026 में दोनों तरफ ड्रोन उत्पादन बहुत बढ़ेगा. इससे यूरोप की ड्रोन वॉल योजना में तेजी आएगी. यह यूरोप की पूर्वी सीमाओं पर दो साल में बनने वाला नेटवर्क है, जो ड्रोन का पता लगाएगा, ट्रैक करेगा और रोकेंगे. यूक्रेनी स्टाइल इंटरसेप्टर इसमें मुख्य भूमिका निभा सकते हैं. Photo: AP
यूक्रेनी ड्रोन कंपनियां अगले साल अमेरिकी और यूरोपीय कंपनियों के साथ सह-उत्पादन बढ़ाएंगी. युद्ध में आजमाए डिजाइन और डेटा को पश्चिमी स्केल और फंडिंग से जोड़कर उत्पादन बढ़ेगा. यूक्रेन नाटो सप्लाई चेन में शामिल होगा. एक और ट्रेंड ऑटोमेशन है. Photo: AP
हमारे मोबाइल ग्रुप को फ्रंट लाइन के पास नहीं जाना चाहिए, जहां वे टारगेट बनते हैं. ड्रोन को पूरी तरह ऑटोनॉमस रोबोट बनना चाहिए. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ – जितना डरावना लगे, सैनिकों की जान बचाने के लिए. Photo: AP