इलाहाबाद के फूलपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद केशव प्रसाद मौर्य को उत्तर प्रदेश बीजेपी का नया अध्यक्ष बनाया गया है. पार्टी विद डिफरेंस का नारा देने वाली भाजपा हाई कमान ने केशव को अहम जिम्मेदारी सौंपते हुए उनके अतीत को दरकिनार कर दिया. दरअसल उनके दामन पर जुर्म के कई दाग लगे हैं. भाजपा के नए प्रदेशाध्यक्ष पर हत्या समेत कई गंभीर मामले दर्ज हैं.
हत्या का मुकदमा
केशव प्रसाद मौर्य पर राजनीतिक ही नहीं बल्कि गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. जिनमें हत्या का एक चर्चित मामला भी शामिल है. 31 अगस्त 2011 को ईद के दिन कोखराज थाना इलाके के ननमई गांव में लाऊड स्पीकर बजाने को लेकर विवाद हुआ था. जिसमें मोहम्मद गौस नामय व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी. पुलिस जांच में इस हत्या के पीछे केशव प्रसाद मौर्य का नाम मुख्य साजिशकर्ता के रूप में सामने आया था. इसके अलावा केशव के खिलाफ कौशांबी और इलाहाबाद में 10 गंभीर मुकदमें दर्ज हैं.
अन्य मुकदमें
केशव विहिप और संघ के पक्के समर्थक माने जाते हैं. वे मोदी लहर के चलते पहली बार लोकसभा चुनाव जीते हैं. केशव प्रसाद के खिलाफ इलाहाबाद के कर्नलगंज और सिविल लाइन थाने में मुकदमे दर्ज हैं. लोक सेवा आयोग में गड़बड़ी के आरोपों के दौरान जब छात्रों ने शहर में बवाल किया था, तो केशव भी आंदोलन में भागीदारी कर रहे थे. उन पर छात्रों को भड़काने का भी इल्जाम है. दूसरा मामला सिविल लाइन थाने में उस वक्त दर्ज हुआ था, जब इलाहाबाद में मसीही समाज के कार्यक्रम में केशव ने जाकर विरोध प्रदर्शन किया था.
मोदी लहर ने पहुंचाया संसद
नए बीजेपी अध्यक्ष पिछले 18 वर्षों से विश्व हिंदू परिषद से जुड़े हैं. वह गंगापार और यमुनापार में प्रचारक भी रहे हैं. 2002 में शहर की पश्चिमी विधानसभा सीट से उन्होंने भाजपा प्रत्याशी के रूप में राजनीतिक सफर शुरू किया था. लेकिन उन्हें बसपा प्रत्याशी राजू पाल के हाथों हार का मुंह देखना पड़ा था. इसके बाद वर्ष 2007 के चुनाव में भी उन्होंने इसी सीट से किस्मत आजमाई थी लेकिन वे फिर हार गए थे. मगर 2012 के विधानसभा चुनाव में उन्हें सिराथू विधानसभा सीट से जीत हासिल हुई थी. इसके बाद उन्हें 2014 में फूलपुर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया था और मोदी लहर में वो जीत गए थे.
केशव प्रसाद मौर्य का आपराधिक इतिहास
01. धारा 302/120 B थाना कोखराज़, जनपद कौशांबी
02. धारा 153 A/188 थाना कोखराज़. जनपद कौशांबी
03. धारा 147/148/153/153 A/352/188/323/ 504 /506 थाना मंझनपुर, जनपद कौशांबी
04. धारा 147/295 A/153 थाना मोहम्मदपुर पाईसा, जनपद कौशांबी
05. धारा 420/467/465/171/188 थाना मोहम्मदपुर पाईसा, जनपद कौशांबी
06. धारा 147/352/323/504/506/392 थाना मंझनपुर, जनपद कौशांबी
07. धारा 153 A /353/186/504 /147 /332 थाना पश्चिम शरीरा, जनपद कौशांबी
08. धारा147 /332/504/332/353/506/380 थाना कर्नलगंज, जनपद इलाहाबाद
09. धारा 147/148/332/336/186/427 थाना कर्नलगंज, जनपद इलाहाबाद
10. धारा 143/353/341 थाना सिविल लाइन, जनपद इलाहाबाद
इनमें से सात मामलों में उन्हे आरोपी बनाया गया है जबकि तीन मामलों में वह बरी हो चुके हैं. उनको अध्यक्ष बनाए जाने के पीछे जातिगत समीकरणों को भी एक बड़ी वजह माना जा रहा है.
परवेज़ सागर