सहारनपुर जातीय हिंसाः दलितों ने 700 से ज्यादा लोगों के खिलाफ दी तहरीर

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में जातीय हिंसा को लेकर तनाव अभी थमा नहीं है. बुधवार को दलित पक्ष ने पुलिस को शपथ पत्र देते हुए चार-चार अलग अलग तहरीर सौंपी हैं. जिनमें ठाकुर पक्ष के 24 लोगों नामजद को नामजद किया गया है जबकि 700 से ज्यादा लोगों के खिलाफ मारपीट और लूट का आरोप लगाया गया है. पुलिस ने जांच के बाद केस दर्ज करने का आश्वासन दिया है.

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इस हिंसा के बाद यूपी की सियासत में भूचाल आ गया था इस हिंसा के बाद यूपी की सियासत में भूचाल आ गया था

परवेज़ सागर

  • सहारनपुर,
  • 06 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 10:07 PM IST

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में जातीय हिंसा को लेकर तनाव अभी थमा नहीं है. बुधवार को दलित पक्ष ने पुलिस को शपथ पत्र देते हुए चार-चार अलग अलग तहरीर सौंपी हैं. जिनमें ठाकुर पक्ष के 24 लोगों नामजद को नामजद किया गया है जबकि 700 से ज्यादा लोगों के खिलाफ मारपीट और लूट का आरोप लगाया गया है. पुलिस ने जांच के बाद केस दर्ज करने का आश्वासन दिया है.

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सहारनपुर के एक स्थानीय दैनिक में प्रकाशित ख़बर के मुताबिक जातीय हिंसा के इस मामले में चार अलग-अलग तहरीर सहारनपुर के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) को सौंपी गई हैं. एक तहरीर में ठाकुर पक्ष के तीन सौ अज्ञात पर आगजनी और लूटपाट का आरोप लगाया गया है. दूसरी तहरीर में अनुज कुमार ने चार को नामजद किया है जबकि पांच अज्ञात लोग इसमें शामिल हैं. इसी तरह अन्य दो तहरीरों में भी ठाकुर पक्ष के कई लोगों को नामजद और सैंकड़ो अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है. पुलिस ने चारों तहरीर बडगांव थाने भेज दी हैं.

गौरतलब है कि जातीय हिंसा की घटना के बाद 23 मई को पूर्व मुख्यमंत्री मायावती शब्बीरपुर में दलितों का हाल जानने पहुंची थी. उनके वहां से जाने के बाद फिर से हिंसा भड़क गई थी. उस हिंसा में कुछ दंगाईयों ने आशीष नामक एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी थी. पुलिस इस मामले में आरोपी की तलाश में थी. पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार भी किया था. जिसके मुख्य आरोपी सुधीर ने गुरुवार को अदालत में सरेंडर कर दिया है. अब आरोपी पुलिस रिमांड पर है.

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बताते चलें, इस जातीय हिंसा के बाद कई नेताओं ने शब्बीरपुर का दौरा किया था. यहां तक कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर भी सहारनपुर पहुंचे थे. इस मामले में बीएसपी, सपा और बीजेपी नेताओं पर दोनों पक्षों के लोगों को भड़काने का आरोप भी लगा है. हालांकि इस मामले में सबसे ज्यादा भीम आर्मी के चन्द्रशेखर का नाम सुर्खियों में रहा था.

 

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