गुरुग्राम: खतरनाक ड्राइविंग के मामले बढ़े, पुलिसवाले भी बने शिकार

हरियाणा की हाईटेक सिटी गुरुग्राम में सड़क हादसों के पीछे खतरनाक ड्राइविंग यानी Rash Driving को अहम वजह माना जा रहा है. इन हादसों के शिकार होने वालों में आम लोगों के अलावा ट्रेफिक पुलिसकर्मी भी शामिल हैं.

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फोटो- रॉयटर्स फोटो- रॉयटर्स

राहुल झारिया / तनसीम हैदर

  • नई दिल्ली,
  • 05 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 7:00 PM IST

पुलिस विभाग की लाख कोशिशों के बावजूद खतरनाक ड्राइविंग यानी Rash Driving के मामले बढ़ते जा रहे हैं. वहीं साइबर सिटी गुरुग्राम में हालात इस कदर बिगड़ चुके है कि पहले जहां आम जनता इसका शिकार बनती रही है वहीं, अब पुलिसकर्मियों भी इससे अछूते नहीं हैं.

इसकी बानगी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बीते दिसंबर 2018 में ही अलग-अलग चौराहों पर दो ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को कुचलने की कोशिशों के मामले सामने आ चुके हैं.

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बता दें कि गुरुग्राम पुलिस ने 1 जनवरी 2018 से 31 दिसम्बर 2018 तक ऐसे Rash Driving और Rough Driving के तकरीबन 15 हजार 780 चालान काटे हैं.  इसके बावजूद लगातार ये आंकड़े बढ़ते जा रहे है और इसका खामियाजा बेकसूर लोगों को चुकाना पड़ रहा है.

2018 में जहां 1200 के करीब सड़क हादसे दर्ज किए गए तो वहीं 442 लोगों ने इन हादसों में अपनी जान गंवाई. गुरुग्राम के एसीपी क्राइम के मुताबिक, गुरुग्राम पुलिस स्कूल-कॉलेजों में जाकर बच्चों और युवाओं को जागरूक करने की कोशिश में कई वर्कशॉप लंबे समय से आयोजित करती आ रही है. लेकिन युवा पीढ़ी पर तो जैसे Rash Driving का खुमार बढ़ता ही जा रहा है.

Rash Driving के मामले बढ़ने के पीछे इनमें सजा का प्रावधान बहुत कम होने को भी माना जा रहा है. ऐसे मामलों में दोष साबित होने के बाद ज्यादा-से-ज्यादा 3 साल की सजा और 1000 रुपये का जुर्माना वसूला जाता है. साथ ही दोषी को जमानत का लाभ भी मिल सकता है.

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