जानिए वो पूरा मामला, जिसकी वजह से निलंबित हुए नोएडा के SSP वैभव कृष्ण

वैभव कृष्ण जब जिला गौतमबुद्ध नगर यानी नोएडा के एसएसपी बनाए गए थे, तभी से उन्होंने कथित तौर पर कुछ भ्रष्ट नेताओं और पत्रकारों के खिलाफ अभियान शुरू किया था.

Advertisement
IPS वैभव कृष्ण अक्सर चर्चाओं में रहते हैं (फाइल फोटो) IPS वैभव कृष्ण अक्सर चर्चाओं में रहते हैं (फाइल फोटो)

aajtak.in / परवेज़ सागर

  • नोएडा,
  • 09 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 7:50 AM IST

  • नोएडा के SSP वैभव कृष्ण के खिलाफ बड़ी कार्रवाई
  • आपत्तिजनक वीडियो वायरल होने के बाद एक्शन
  • कई IPS अफसरों पर लगाए थे गंभीर आरोप

उत्तर प्रदेश के चर्चित आईपीएस वैभव कृष्ण को किरकिरी होने के बाद आखिरकार योगी सरकार ने निलंबित कर दिया. साथ ही उन अधिकारियों के भी तबादले कर दिए गए, जिन पर वैभव कृष्ण ने कुछ दिन पहले गंभीर आरोप लगाए थे. इसके बाद यूपी के कुछ आईपीएस अफसर दो खेमों में बंटते नजर आए. यह मामला वैभव कृष्ण का एक अश्लील वीडियो वायरल होने के बाद सुर्खियों में आया था.

Advertisement

वैभव कृष्ण जब जिला गौतमबुद्ध नगर यानी नोएडा के एसएसपी बनाए गए थे, तभी से उन्होंने कथित तौर पर कुछ भ्रष्ट नेताओं और पत्रकारों के खिलाफ अभियान शुरू किया था. विवाद तब खड़ा हुआ, जब कुछ पत्रकारों के भ्रष्टाचार और ब्लैकमेलिंग के आरोप लगाकर नोएडा पुलिस ने गिरफ्तार किया.

गिरफ्तारी के तरीके से नोएडा पुलिस पर उठे सवाल

गिरफ्तारी का जो तरीका अपनाया गया था, उसे लेकर नोएडा पुलिस सवालों के घेरे में आ गई थी. उस प्रकरण के चलते सियासी गलियारों में भी आलोचना का दौर शुरू हुआ. मामला अभी तक ठंडा भी नहीं हुआ था कि बीते साल के आखरी माह में अचानक सोशल मीडिया में नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण का एक अश्लील वीडियो वायरल हो गया. वीडियो वायरल होने के बाद जब पुलिस के संज्ञान में पहुंचा तो महकमे में हड़कंप मच गया.

Advertisement

जब तक पुलिस मामले को संभाल पाती, तब वीडियो लखनऊ तक जा पहुंचा. नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण इस मामले में घिर गए. खुद घिरता देख वो सफाई देने के लिए मीडिया के सामने आ गए. वैभव ने उनका अश्लील वीडियो वायरल होने के बाद आईपीएस अफसर अजयपाल शर्मा, सुधीर सिंह, हिमांशु कुमार, राजीव नारायण मिश्रा तथा गणेश साहा पर ट्रान्सफर-पोस्टिंग का धंधा चलाने और षडयंत्र के तहत उनकी मॉर्फ वीडियो बनाने के आरोप लगाए.

एसएसपी वैभव कृष्ण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सफाई दी थी. उन्होंने कहा था कि सोशल मीडिया पर मेरा ‘मॉर्फ्ड वीडियो' पोस्ट किया गया है. इस वीडियो में उनकी तस्वीर के साथ एक महिला की आपत्तिजनक आवाज थी. एसएसपी ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो को फर्जी और साजिश का हिस्सा बताया था.

वैभव कृष्ण ने क्या कहा था?

तब वैभव कृष्ण ने कहा, 'मैंने बीते एक साल में संगठित अपराध और रंगदारी मांगने वाले रैकेट्स के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया है, जिसके चलते अब वो लोग मेरा नाम खराब करने के लिए साजिश रचकर ऐसा कर रहे हैं. मैंने खुद भी वायरल वीडियो को देखा है. आपराधिक तत्वों ने मेरी छवि खराब करने के लिए जान बूझकर ऐसी साजिश रची है.'

फिर वैभव कृष्ण ने ‘फर्जी वीडियो' सोशल मीडिया पर वायरल होने के मामले में थाना सेक्टर 20 में अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई. मामला प्रकाश में आने के बाद यूपी पुलिस की खासी किरकिरी हुई. तब यूपी के पुलिस प्रमुख ओ.पी. सिंह को सामने आना पड़ा.

Advertisement

वायरल वीडियो के मामले में डीजीपी ओपी सिंह ने जांच के आदेश दिए. इस मामले की जांच हापुड़ के एसपी संजीव सुमन को दी गई. उस पर भी सवाल खड़े हो गए. क्योंकि संजीव सुमन नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण से 4 बैच जूनियर हैं. हालांकि डीजीपी ने इस मामले का सुपर विजन एडीजी आलोक सिंह को सौंपा.

डीजीपी ने दी थी ये सफाई

डीजीपी ओपी सिंह और गृह सचिव अवनीश अवस्थी ने नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण के अश्लील वीडियो के वायरल होने के मामले में सफाई पेश की. डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि मीडिया में जिस तरह से इस मुद्दे को लेकर खबरें सामने आ रही हैं, उस पर पुलिस ने यह साफ किया है कि वैभव कृष्ण कुछ भ्रष्टाचार में लिप्त पत्रकारों और नेताओं के खिलाफ कार्रवाई कर रहे थे.

हालांकि ये भी कहा गया कि वैभव ने पुलिस सर्विस कोड का उल्लंघन किया है. इसके बारे में एक गोपनीय रिपोर्ट शासन को भेजी गई थी, जिसकी विवेचना चल रही है और उस रिपोर्ट का कई लोगों पर उल्टा असर पड़ना था.

उधर, इस मामले में वायरल वीडियो को जांच के लिए गुजरात की एक विशेष फोरेंसिक लैब में भेजा गया. अब बताया जा रहा है कि गुजरात भेजे गए वीडियो की रिपोर्ट आने के बाद ही योगी सरकार ने आईपीएस वैभव कृष्ण को सस्पेंड किया है. बता दें कि आईपीएस वैभव कृष्ण विवादों के चलते ही सपा सरकार के शासनकाल में भी बुलंदशहर से निलंबित हुए थे.

Advertisement

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement