यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान हो सकती है लड़कियों की तस्करी

उत्तर प्रदेश में 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है. इन चुनावों में चुनाव प्रचार के दौरान राजनैतिक पार्टियां लड़कियों की तस्करी कर सकती हैं. ऐसा करने के पीछे पार्टियों का मकसद अपने वोट बैंक में इजाफा करना बताया जा रहा है. यह पूरा खुलासा एक एनजीओ ने हाल ही में किया है.

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इस खुलासे ने वोट की राजनीति को लेकर एक नया सवाल खड़ा कर दिया है इस खुलासे ने वोट की राजनीति को लेकर एक नया सवाल खड़ा कर दिया है

परवेज़ सागर

  • इलाहाबाद,
  • 24 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 4:29 PM IST

उत्तर प्रदेश में 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है. इन चुनावों में चुनाव प्रचार के दौरान राजनैतिक पार्टियां लड़कियों की तस्करी कर सकती हैं. ऐसा करने के पीछे पार्टियों का मकसद अपने वोट बैंक में इजाफा करना बताया जा रहा है. यह पूरा खुलासा एक एनजीओ ने हाल ही में किया है.

एनजीओ का बड़ा खुलासा
शक्तिवाहिनी नाम की एक एनजीओ ने इस पूरे मामले की जानकारी चुनाव आयोग को देने की तैयारी कर ली है. इस एनजीओ के सदस्य शशिकांत ने बताया कि विधानसभा चुनाव के दौरान लड़कियों की तस्करी और उनके शोषण की प्रबल संभावना है. इलाहाबाद के बरांव इलाके की एक फर्म में छत्तीसगढ़ की 32 लड़कियों का पकड़े जाना इसका ताजा उदाहरण है.

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वोट बैंक की नई राजनीति
उत्तर प्रदेश और बिहार के ग्रामीण इलाकों में किसी भी समारोह के दौरान लड़कियों का डांस आम बात है लेकिन इनका इस्तेमाल चुनाव में वोट बैंक को बढ़ाने के लिए करना गैरकानूनी है. इतना ही नहीं, बताया जा रहा है कि राजनीतिक कार्यक्रमों में इन लड़कियों को नशीले पदार्थ खिलाने के बाद उनका यौन शोषण भी किया जाता है. इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी उन्हीं 32 लड़कियों में से एक 14 साल की मासूम बच्ची ने दी है.

ड्रग्स खिलाकर शारीरिक शोषण
बच्ची ने बताया कि देर रात तक चलने वाले डांस के दौरान ही उन्हें ड्रग्स खिला दिया जाता है. उसके बाद नशे की हालत में उन्हें पार्टियों में आने वाले लोगों को सौंप दिया जाता है. यह लोग उनके साथ दुराचार करते हैं. इस पूरे मामले में बलोद जिले के एसआई आरिफ़ शेख ने बताया कि छत्तीसगढ़ के गरीब परिवार लड़कियों को पैसा कमाने के बहाने पास के शहरों या दूसरे राज्यों में भेज देते हैं. जहां उनका शारीरिक शोषण होना आम बात है लेकिन एक डांस कंपनी की आड़ में इस तरह की हरकत हैरान करने वाली है.

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पहले भी हो चुकी है घटना
हालांकि पश्चिम बंगाल सीआईडी प्रमुख साबरी भट्टाचार्या का कहना है कि दो साल पहले 2014 में उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में इस तरह के एक गिरोह को पर्दाफाश किया जा चुका है, जो गरीब नाबालिग लड़कियों को स्टेरॉयड और नशीला पदार्थ खिलाकर उन्हें अपने ग्राहकों को यौन शोषण के लिए भेज देते थे. बता दें कि स्टेरॉयड देने से उन मासूम बच्चियों का शरीर परिपक्व होने लगता है.

हालांकि ग्रामीण इलाकों में इस तरह के डांस आम हैं लेकिन इस दौरान शारीरिक शोषण की बात हैरान करने वाली है. ऊपर से इसका प्रयोग चुनाव प्रचार के दौरान किया जाना तो वाकई शर्मसार कर देने वाला है. चंद वोटों के खातिर एक लड़की की इज्जत के साथ खिलवाड़ करना, निश्चित तौर पर बर्दाश्त करने के लायक नहीं है.

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