स्प्रिंग थंडर टूर ऑपरेशन का पर्दाफाश, विदेश से फंड जुटाने की फिराक में नक्सली

नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबल लगातार ऑपरेशन चला रहे हैं, जिसकी वजह से नक्सलियों के हौसले इस वक्त पस्त हैं. भारत में उनकी फंडिंग के रास्ते लगभग बंद हो चुके हैं, लिहाजा अब नक्सली विदेशों से फंड हासिल करने की फिराक में हैं. इसके लिए वे स्प्रिंग थंडर टूर ऑपरेशन की तैयारी कर रहे हैं. खुफिया एजेंसियों ने गृह मंत्रालय को सौंपी गई एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया है.

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NIA में नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अलग विंग बनाने की तैयारी की जा रही है NIA में नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अलग विंग बनाने की तैयारी की जा रही है

परवेज़ सागर / जितेंद्र बहादुर सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 14 जून 2018,
  • अपडेटेड 11:45 AM IST

नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबल लगातार ऑपरेशन चला रहे हैं, जिसकी वजह से नक्सलियों के हौसले इस वक्त पस्त हैं. भारत में उनकी फंडिंग के रास्ते लगभग बंद हो चुके हैं, लिहाजा अब नक्सली विदेशों से फंड हासिल करने की फिराक में हैं. इसके लिए वे स्प्रिंग थंडर टूर ऑपरेशन की तैयारी कर रहे हैं. खुफिया एजेंसियों ने गृह मंत्रालय को सौंपी गई एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया है.

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रिपोर्ट के मुताबिक नक्सली विदेशों से फंड इकट्ठा करने और भारत को बदनाम करने की कोशिश में जुटे हैं. गृह मंत्रालय को भेजी गई रिपोर्ट के अनुसार नक्सली भारत सरकार को बदनाम करने के लिए बड़ी साजिश करने में लगे हैं. खुफिया एजेंसियों ने नक्सलियों के "स्प्रिंग थंडर टूर" नाम के ऑपरेशन का पता लगाया है. जिसका मकसद नक्सलियों के पक्ष में दुनिया भर के देशों से समर्थन जुटाना है, पैसा इकट्ठा करना है.

आज़तक को मिली रिपोर्ट के मुताबिक 'स्प्रिंग थंडर टूर' के तहत पिछले 23 अप्रैल को जर्मनी के बर्लिन और हैमबर्ग में नक्सल समर्थित भारत के एक गुट ने स्विटजरलैण्ड के गुट के साथ भारतीय दूतावास के सामने प्रदर्शन किया था. यही नहीं 12 अप्रैल को फ्रांस में भी इन नक्सली समर्थक गुटों ने भारत के खिलाफ फेसबुक, ब्लॉग मैं मुहिम चलाई और यह बताने की कोशिश की कि किस तरीके से हमारे सुरक्षा बल बेगुनाह लोगों को मार रहे हैं. जबकि नक्सली लोगों की मदद कर रहे हैं. रिपोर्ट ने ये भी खुलासा किया है कि 1 मई को भी इटली की एक राजनीतिक पार्टी के साथ मिलकर नक्सली समर्थक गुटों ने भारतीय दूतावास के सामने प्रदर्शन किए.

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इसके बाद नक्सलियों की फंडिंग को नाकाम करने के लिए गृह मंत्रालय ने हाल ही में नया एक्शन प्लान बनाया है. शायद यही वजह है कि विदेशों में नक्सली फण्ड के लिए तलाश कर रहे हैं. आज़तक को गृह मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक़, इसके लिए मल्टी डिसिप्लिनरी टास्क फोर्स का गठन किया गया है. इस टास्क फोर्स में ED, CBI, CBDT, DRI और NIA को शामिल किया गया है.

गृह मंत्रालय ने ये भी तय किया है कि NIA के अंदर नक्सल का एक अलग विंग बनाया जाए. जिससे नक्सलियों की साज़िश और उनकी गतिविधियों की जांच फुल फ्रूफ तरीके से की जा सके. इस टास्क फोर्स को नक्सल फंडिंग को पूरी तरह से रोकने का काम दिया गया है. यही नहीं MHA नक्सल के टॉप कमांडर्स की संम्पत्ति और उसके साधन का डोजियर भी तैयार कर लिया है. ताकि टॉप नक्सलियों के ख़िलाफ़ कड़ी करवाई की जा सके.

जानकारी के मुताबिक़ इस मामले में गृह मंत्रालय ने काफी काम कर दिया है. गृह मंत्रालय की नक्सल विंग को मिली रिपोर्ट के मुताबिक नक्सलियों के कमांडर ने उगाही, लेवी, तेंदू पत्ता के जरिये करोड़ो रूपये कमाए हैं. गृह मंत्रालय और सरकार की दूसरी एजेंसियां ने हाल ही में नक्सलियों के फंडिंग को रोकने के लिए देश मे कई कदम उठाए हैं. ताकि उनकी कार्यवाही पर नकेल कसी जा सके. इस दिशा में सरकार को बड़ी कामयाबी भी मिली हाल के दिनों में सरकार की कोशिश है कि जिस तरीके से रेड कॉरिडोर सिकुड़ता जा रहा है, आगे की कार्यवाही में नक्सलियों पूरी तरीके से उनकी कमर तोड़ी जा सके.

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