डी-कंपनी के सरगना अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद का करीबी रहा गैंगस्टर एजाज लकड़ावाला अब पुलिस की गिरफ्त में है. उसने बुधवार को पूछताछ में कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं. सबसे बड़ी बात ये कि उसने मुंबई हमलों के मास्टर माइंड दाऊद इब्राहिम के पाकिस्तान में मौजूद दो ठिकानों के पते भी अधिकारियों को बताए हैं. लकड़ावाला की मानें तो दाऊद का एक घर कराची के डिफेंस हाउसिंग एरिया में और दूसरा घर क्लिफ्टन इलाके में है.
पाकिस्तान में डॉन के दो पते
आईएएनएस की एक रिपोर्ट के मुताबिक एजाज लकड़ावाला ने पूछताछ करने वाले अधिकारियों को बताया कि डॉन दाऊद इब्राहिम के एक घर का पता 6ए, खायबान तंजीम फेज-पांच, डिफेंस हाउसिंग एरिया, कराची है. जबकि उसके दूसरे घर का पता डी-13, ब्लॉक चार, क्लिफ्टन, कराची है. बता दें कि इससे पहले भी दाऊद के ठिकाने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की नजर में रहे हैं.
डॉन को ISI ने दिलाया फर्जी पासपोर्ट
एजाज लकड़ावाला ने पूछताछ में बताया कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) ने दाऊद इब्राहिम को विदेश जाने के लिए फर्जी पासपोर्ट दिलाने में भी मदद की है. लकड़ावाला ने यह बताया कि आईएसआई ने दाऊद के अलावा अनीस इब्राहिम और छोटा शकील को भी फर्जी पासपोर्ट दिलाया है.
ISI की पनाह में D गैंग
पूछताछ के दौरान गैंगस्टर एजाज लकड़ावाला ने साफतौर पर बताया कि दाऊद इब्राहिम ही नहीं, बल्कि अनीस इब्राहिम और छोटा शकील भी पाकिस्तान में आईएसआई की पनाह में रह रहे हैं. एजाज ने जांच अधिकारियों को बताया कि अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के कराची में होने की संभावना सबसे अधिक है. अधिकारी लगातार उससे पूछताछ कर रहे हैं.
महाराष्ट्र का मोस्ट वॉन्टेड था एजाज
एजाज लकड़वाला महाराष्ट्र पुलिस का मोस्ट वॉन्टेड अपराधी है. कभी किसी दौर में पहले वो दाऊद और फिर छोटा राजन गैंग का मेंबर था. उसके खिलाफ मुंबई और राजधानी दिल्ली में दो दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज हैं. जिनमें रंगदारी, वसूली, हत्या और फिरौती वसूलने के मामले शामिल हैं.
अस्पताल से भाग निकला था एजाज
एजाज कभी मुंबई के जोगेश्वरी इलाके में रहता था. उसने बांद्रा के सेंट स्टेनीस्लूस स्कूल से पढ़ाई की. खुफिया सूत्रों के अनुसार, वर्तमान में एजाज कनाडा में रहता है. साल 2003 में एक हमले के बाद वह अस्पताल से फरार हो गया था. इसके बाद उसके साउथ अफ्रीका भाग जाने की ख़बरें आई थी.
लेकिन बाद में साल 2004 के दौरान एजाज को कनाडा पुलिस ने ओटावा से गिरफ्तार किया था. लेकिन कुछ दिनों उसे जेल में रखने के बाद रिहा कर दिया गया था. रिहा होने के बाद वह कई साल तक अंडरग्राउंड रहा. मगर साल 2008 में फिरौती के एक मामले में उसका हाथ होने की ख़बर एजेंसियों को मिली थी. तब से उसका कुछ पता नहीं था. लेकिन अब वो पुलिस के हत्थे चढ़ गया है.
aajtak.in / परवेज़ सागर