उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ हाई कोर्ट और एक स्थानीय अदालत में आईपीसी की धारा 124-ए के तहत परिवाद दायर किया गया है. दोनों मामलों में उनके खिलाफ भारत माता की जय नहीं बोलने के मामले में कार्रवाई करने की मांग की गई है.
धारा 124ए की है याचिका
ओवैसी के खिलाफ याचिका आईपीसी की धारा 124-ए के तहत दायर की गई है. कोर्ट की बेंच ओवैसी पर लगे आरोपों की सही मानती है तो उन पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज हो सकता है. इस धारा 124-ए के तहत लिखित या फिर मौखिक शब्दों या फिर चिन्होंद या फिर प्रत्यकक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर नफरत फैलाने या फिर असंतोष जाहिर करने पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाता है. 124ए के तहत केस दर्ज होने पर दोषी को उम्रकैद की सजा हो सकती है.
ओवैसी के खिलाफ परिवाद
स्थानीय अधिवक्ता संतोष पाण्डेय ने लखनऊ की सीजेएम कोर्ट में परिवाद दाखिल करते हुए कहा कि उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला चलाया जाना चाहिए. हालांकि अभी तक कोर्ट की तरफ से इस पर कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.
कोर्ट इंसाफ करेगी
लखनऊ हाई कोर्ट खंडपीठ और एक स्थानीय अदालत में अपने खिलाफ याचिका दायर होने पर सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि उन्हें देश के कानून और कोर्ट पर पूरा भरोसा है. उन्हें भरोसा है कि अदालत उनके साथ इंसाफ करेगी, अपने बयान के अंत में उन्होंने 'जय हिंद' भी कहा.
जनसभा में दिया था बयान
बताते चलें कि एआईएमआईएम के अध्यक्ष और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने एक जनसभा में कहा था कि वह संघ नेताओं के कहने भारत माता की जय के नारे नहीं लगाएंगे. ओवैसी ने यह बात महाराष्ट्र के लातूर जिले के उडगीर में आयोजित एक सभा में अपने भाषण के दौरान कही थी.
जय बोलना जरूरी नहीं
ओवैसी ने सभा के दौरान कहा था कि संघ नेताओं के कहने पर वो भारत माता की जय के नारे नहीं लगाएंगे. ओवैसी का कहना था कि वह भारत में रहेंगे पर भारत माता की जय नहीं बोलेंगे. क्योंकि यह हमारे संविधान में कहीं नहीं लिखा है कि भारत माता की जय बोलना जरूरी है. चाहे तो उनके गले पर चाकू लगा दीजिए, पर वह भारत माता की जय नहीं बोलेंगे. उन्हें भारत का संविधान इसकी आजादी देता है कि वे ऐसा कोई नारा न लगाएं.
संघ प्रमुख के बयान का जवाब
कुछ दिन पहले ही आरएसएस प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने कहा था कि देश में लोगों को भारत माता की जय बोलना सिखाया जाता है. जेएनयू में देशद्रोही नारेबाजी की घटना के सामने आने के बाद उन्होंने कहा था कि नई पीढ़ी को देश भक्ति की बातें सिखाई जानी चाहिए. ओवैसी ने संघ प्रमुख भागवत का विरोध करते हुए ये बातें कही.
परवेज़ सागर