कानपुर गोलीकांड में आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे को लेकर हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं. 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के आरोपी विकास दुबे की पत्नी को लेकर अब नया खुलासा हुआ है. उसकी पत्नी ऋचा दुबे ने साल 2015 में गांव में समाजवादी पार्टी की सदस्यता ली थी. इसी साल उसने सपा के स्वघोषित समर्थन से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा था.
ऋचा दुबे ने अधिकृत प्रत्याशी के लिए फॉर्म भरा था. उसने फॉर्म में सपा की सदस्यता का नंबर भी भरा. पार्टी के सभी कार्यक्रमों में उसके शामिल होने का जिक्र है.
इसपर सपा का कहना है कि इस तरह की सदस्यता को कोई जिम्मेदार सदस्यता नहीं कहा जाता है. जिस तरह से बीजेपी मिस्ड कॉल से सदस्य बनाती है उसी तरह से गांव में लोग सदस्यता लेते हैं. सपा का कहना है इसका पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है. सपा ने इसे खारिज कर दिया है. गांव की सदस्यता का पार्टी की सीधी सदस्यता से कोई मतलब नहीं है.
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बता दें कि कुख्यात अपराधी विकास दुबे की कई राजनीतिक पार्टियों में पकड़ थी. सीधे तौर पर भले ही वो किसी राजनीतिक दल का सदस्य नहीं रहा हो, लेकिन यूपी की तीनों प्रमुख पार्टियों में उसकी पकड़ बताई जाती है. पंचायत चुनाव के दौरान भी उसे बसपा से समर्थन मिला था. जबकि उसकी पत्नी तो सपा की ही सदस्य थी.
विकास दुबे ने लिया था बीजेपी के दो विधायकों का नाम
हाल ही में विकास दुबे का साल 2017 का एक वीडियो सामने आया था. एसटीएफ जांच का वीडियो सामने आने के बाद हडकंप मच गया. वीडियो में विकास दुबे ने बीजेपी के विधायक भगवती प्रसाद सागर और अभिजीत सिंह सांगा का नाम लिया.
हालांकि, इस वीडियो के सामने आने के बाद बीजेपी के दोनों विधायक ने सफाई भी दी. भगवती सागर ने विकास दुबे के साथ अपने रिश्तों की चर्चा को खारिज कर दिया. विधायक भगवती सागर ने कहा कि विकास दुबे बड़ा अपराधी है. वह अपने बचाव के लिए सत्ता पक्ष के किसी भी नेता या जनप्रतिनिधि का नाम ले सकता है.
विकास दुबे की दहशत का आलम ये था कि किसी भी चुनाव में वह जिस पार्टी या उम्मीदवार को समर्थन देता था, गांववाले उसे ही वोट देते थे. यही एक बड़ी वजह थी कि चुनाव के वक्त वोट पाने के लिए सपा, बसपा और भाजपा के कुछ नेता उसके संपर्क में रहते थे.
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ये उसकी दहशत का ही नतीजा था कि विकास दुबे ने 15 वर्षों से जिला पंचायत सदस्य का पद कब्जा रखा है. वह खुद तो जिला पंचायत है ही, साथ ही उसने अपनी पत्नी ऋचा को घिमऊ से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़वाया था. जिसमें वह जीत गई थीं. यही नहीं उसने अपने चचेरे भाई अनुराग दुबे को पंचायत सदस्य बनवाया था.
कुमार अभिषेक