उत्तर प्रदेश के फैजाबाद से गिरफ्तार आईएसआई एजेंट आफताब ने पूछताछ में खुलासा किया है कि वह दिल्ली में बैठे आईएसआई के हैंडलर मेहरबान अली के संपर्क में आया था. उसी के कहने पर वह सेना की जासूसी करता था. उसने सेना के मूवमेंट से जुड़ी जानकारी भी पाकिस्तानी एजेंसी को दी थी.
आरोपी आफताब ने पूछताछ में खुलासा किया कि वह मेहरबान अली की मेहरबानी से ही दो बार पाकिस्तान गया था. जहां आईएसआई के अधिकारियों से उसकी मुलाकात हुई. उसके बाद उसे वहां जासूसी की ट्रेनिंग दी गई. आफताब के मुताबिक 1 मई 2014 को पहली बार वो वाघा बार्डर से लाहौर गया था.
फिर वह पाकिस्तान के कराची में ग्रीन टाउन में अपने एक रिश्तेदार के यहां तीन माह तक रुका था. दिल्ली में बैठे मेहरबान अली के इशारे पर ही कराची में आफताब को आईएसआई के अधिकारियों ने ट्रेनिंग दी. फिर तीन माह बाद 29 नवम्बर 2014 को वह भारत लौट आया था. वापस आने के बाद वह मेहरबान अली से मिलता रहा.
पाकिस्तान से ट्रेनिंग लेकर लौटे आफताब ने पूछताछ में बताया कि वह मेहरबान अली को सेना की कई खुफिया जानकारी देता था. लखनऊ, फैजाबाद और अमृतसर में सेना और उनकी हर बटालियन के मूवमेंट की जानकारी कोड वर्ड के जरिए वह पाकिस्तान में बैठे आईएसआई के हैंडलर को देता था.
आफताब ने बताया कि 8 मई 2015 को वह दूसरी बार अटारी बार्डर से कराची गया था. उसे फिर से वहां ट्रेनिंग दी गई थी. इसके बाद 28 जून को वह वापस भारत लौट आया था. इस बार वह मेहरबान अली के अलावा दिल्ली में पाकिस्तान हाई कमिशन के लगातार संपर्क में रहा.
मुंबई में बैठा अल्ताफ ही आफताब को जासूसी के बदले पैसा देता था. जिसे मुंबई से गिरफ्तार किया जा चुका है. पूछताछ में आफताब ने खुलासा किया कि उसे लखनऊ और फैजाबाद में सेना के मूवमेंट और बटालियन की पोस्टिंग सेना रेजिमेंट की ट्रेन से आने और जाने की जानकारी जुटाने की जिम्मेदारी दी गई थी.
यूपी एटीएस ने अब तक इस मामले में आफताब के अलावा मुंबई से अल्ताफ और जावेद को गिरफ्तार किया है. लेकिन दिल्ली में बैठा मेहरबान अली कौन है और कहां रहता है. इसकी जानकारी जुटाई जा रही है.
परवेज़ सागर / अरविंद ओझा