हरियाणा के DGP का बयान, बराला से जुड़े दूसरे मामले में भी होगी कार्रवाई

हरियाणा के बीजेपी अध्यक्ष सुभाष बराला के परिवार से जुड़े दूसरे मामले में हरियाणा के डीजीपी का बड़ा बयान आया है. डीजीपी ने साफ कहा कि फतेहाबाद मामले में पूरी कार्रवाई की जाएगी. एक नाबालिग पीड़िता ने सुभाष बराला के परिवार के दो लड़कों पर उसे अगवा करने और रेप करने की कोशिश का आरोप लगाया था. जब पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की तो पीड़िता ने हाईकोर्ट से न्याय की गुहार लगाई थी.

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DGP ने बताया कि एसपी फतेहाबाद को इस संबंध में निर्देश दिए जा चुके हैं DGP ने बताया कि एसपी फतेहाबाद को इस संबंध में निर्देश दिए जा चुके हैं

परवेज़ सागर / सतेंदर चौहान

  • चंडीगढ़,
  • 11 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 12:07 AM IST

हरियाणा के बीजेपी अध्यक्ष सुभाष बराला के परिवार से जुड़े दूसरे मामले में हरियाणा के डीजीपी का बड़ा बयान आया है. डीजीपी ने साफ कहा कि फतेहाबाद मामले में पूरी कार्रवाई की जाएगी. एक नाबालिग पीड़िता ने सुभाष बराला के परिवार के दो लड़कों पर उसे अगवा करने और रेप करने की कोशिश का आरोप लगाया था. जब पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की तो पीड़िता ने हाईकोर्ट से न्याय की गुहार लगाई थी.

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उस नाबालिग पीड़िता की याचिका पर सुनवाई करते हुए बीते मंगलवार को हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से स्टेटस रिपोर्ट तलब की थी और हरियाणा सरकार को एक नोटिस भी जारी किया था. जिसके बाद अब सुभाष बराला और उनके परिवार की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. इसी मामले पर हरियाणा के पुलिस महानिदेशक ने शुक्रवार को बयान दिया.

इस मामले पर हरियाणा के पुलिस प्रमुख बलजीत सिंह संधू ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस हाईकोर्ट के निर्देशों के मुताबिक समय पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करेगी. उन्होंने बताया कि फतेहाबाद के एसपी को निर्देश दिए गए हैं कि वह मामले को लेकर जो भी जरूरी जांच बनती हो करें.

आरोप है कि बीते मई के महीने में सुभाष बराला के रिश्ते में पोते लगने वाले उनके परिवार के दो लड़कों कुलदीप बराला और विक्रम बराला ने टोहाना के ही एक गांव की नाबालिग लड़की का अपहरण करने की कोशिश की और इस दौरान उसके साथ छेड़खानी भी की. इसके बाद हरियाणा पुलिस ने इस मामले में FIR ही दर्ज नहीं की.

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जिससे बाद पीड़ित लड़की का परिवार और गांव के लोग सड़कों पर उतर आए. पुलिस को दबाव के चलते बाद में मुकदमा दर्ज करना पड़ा. लेकिन FIR दर्ज करने के बावजूद पुलिस ने प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सुभाष बराला के राजनीतिक रसूख और दबाव के चलते इस मामले में कोई भी कार्यवाही नहीं की और उल्टा नाबालिग पीड़ित लड़की पर ही अपने बयान बदलने का दबाव बनाना शुरु कर दिया.

पुलिस के बर्ताव से तंग आकर पीड़ित लड़की के परिवार ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका लगाकर पुलिस की कार्यवाई पर सवाल खड़े किए. और इस मामले में हाईकोर्ट से इंसाफ की गुहार लगाई. इसी के चलते हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से स्टेटस रिपोर्ट तलब की थी.

 

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