दिल्ली मेट्रो की सुरक्षा में अब तैनात होंगी शेरनियां

दिल्ली एनसीआर की लाइफ लाइन मेट्रो की सुरक्षा में अब हथियारबंद शेरनियों यानी महिला कमांडो तैनात की जाएंगी. महिला कमांडो का यह दस्ता किसी भी हालात से निपटने के लिए हर वक्त तैयार रहेगा. महिलाओं को पुरूष कमांडो की तरह ही ट्रेनिंग दी जा रही है. इसके लिए बकायदा इन्हें मेट्रो स्टेशन पर मॉकड्रिल भी करवाई जा रही है.

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जल्द ही महिला कमांडो मेट्रो की सुरक्षा में तैनात दिखाई देंगी जल्द ही महिला कमांडो मेट्रो की सुरक्षा में तैनात दिखाई देंगी

परवेज़ सागर / अनुज मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 09 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 7:57 PM IST

दिल्ली एनसीआर की लाइफ लाइन मेट्रो की सुरक्षा में अब हथियारबंद शेरनियों यानी महिला कमांडो तैनात की जाएंगी. महिला कमांडो का यह दस्ता किसी भी हालात से निपटने के लिए हर वक्त तैयार रहेगा. महिलाओं को पुरूष कमांडो की तरह ही ट्रेनिंग दी जा रही है. इसके लिए बकायदा इन्हें मेट्रो स्टेशन पर मॉकड्रिल भी करवाई जा रही है.

सुरक्षा एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया है कि दिल्ली मेट्रो आतंकियों के निशाने पर है. आईएसआईएस के निशाने पर है. लिहाजा यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर अब मेट्रो में महिला कमांडो तैनात की जाएंगी. महिला कमांडो की खास ट्रेनिंग जारी है. ट्रेनिंग के दौरान मॉकड्रिल में हर बारीकी पर नजर रखी जा रही है. उन्हें टारगेट को जिंदा या मुर्दा पकड़ने के गुर सिखाए जा रहे हैं.

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दिल्ली में इस वक्त सीआईएसएफ के बेड़े में करीब 1000 महिला सुरक्षाकर्मी हैं. इनमें करीब 100 महिला कमांडो शामिल हैं. इस ट्रेनिंग में शामिल महिला कमांडो का सफर इतना आसान नहीं है. महिला कमांडो को रोजाना 4 से 5 घंटों की कड़ी ट्रेनिंग और करीब 8 घंटे की डियूटी करनी पड़ती है. गोरिल्ला ट्रेनिंग, एके-47 और एलएमजी जैसे हथियार चलाने का प्रशिक्षण दिया जाता है.

अचूक निशाने, गोला-बारूद चलाने के साथ-साथ विकट परिस्थितियों में हुलिया बदलना भी ट्रेनिंग के पैंतरों में शामिल है. दुश्मन से बिना हथियार के निपटने से लेकर इन महिला कमांडो को हर वो ट्रेनिंग दी जाती है, जो एक पुरुष कमांडो को दी जाती है.

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