3 दिन की बच्ची को मां ने 1.25 लाख में बेचा, पैसों की तंगी को बताया वजह

दिल्ली महिला आयोग को एक 3 दिन की बच्ची को बेचे जाने की सूचना मिली थी. आयोग ने मामले में कार्रवाई करते हुए बच्ची को बेचने वाली मां और खरीदने वाली महिला को ढ़ूंढ निकाला.

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प्रतीकात्मक तस्वीर(रायटर्स) प्रतीकात्मक तस्वीर(रायटर्स)

राहुल झारिया / राम किंकर सिंह / पुनीत शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 05 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 9:27 PM IST

दिल्ली महिला आयोग की सदस्या किरण नेगी को दो दिन पहले शिकायत मिली थी, जिसमें मंगोलपुरी में 3 दिन की बच्ची को बेचे जाने की बात का शक जताया गया था. 3 जनवरी को शिकायत मिलने के बाद उन्होंने तुरंत काउंसलर की एक टीम बनाई और बताए गए पते पर भेजा. वहां पहुंचने पर टीम शिकायतकर्ता से मिली.

इस दौरान शिकायतकर्ता ने टीम को बताया कि उसके पड़ोस में एक महिला रहती है. जिसने नवबंर में एक बच्ची को जन्म दिया था और 3 दिन बाद अस्पताल में ही बच्ची को 5 लाख रूपए में बेच दिया.

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शिकायतकर्ता के मुताबिक, उसने इस बारे में स्थानीय पुलिस को भी सूचना दी थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. इसके बाद आयोग की टीम बच्ची की मां से मिली.

आरोपी महिला ने बच्ची को 1 लाख 25 हजार रूपये में बेचे जाने की बात कबूल करते हुए बताया कि उसने अपनी बच्ची एक महिला को बेची है. बच्ची को खरीदने वाली महिला से उसकी मुलाकात एक दोस्त के जरिए हुई थी. जो कि एक फर्टिलिटी क्लीनिक में काम करती है.

आयोग की टीम बच्ची की मां को लेकर उस महिला के पास गई, जिसे बच्ची को बेचा गया था. तक उस महिला ने बताया कि उसने बच्ची को एक दूसरे व्यक्ति को 5 लाख रूपए में बेच दिया है, जबकि बच्ची की मां को 1 लाख 25 हजार रूपये ही दिए.

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हालांकि, वह महिला यह नहीं बता पाई कि उसने बच्ची को किसे बेचा. लेकिन यह जरूर बताया की उसने बच्ची को ग्वालियर में रहने वाले किसी आदमी को बेचा है. बच्ची की मां का कहना है कि उसका पति शराबी और बेरोजगार है. पैसों की जरूरत के चलते उसने बच्ची को बेचा.

दोनों महिलाओं ने लिखित में अपना गुनाह कबूल लिया है. आयोग की टीम दोनों महिलाओं को मंगोलपुरी थाने ले कर गई और एफआईआर दर्ज कराई है. पुलिस ने एफआईआर में बच्ची के माता-पिता का नाम शामिल नहीं किया है.

इसके अलावा इस मामले में अब तक पुलिस ने कोई गिरफ्तारी नहीं की है. दिल्ली महिला आयोग बच्ची के माता*पिता का नाम एफआईआर में न जोड़ने और कोई गिरफ्तारी न करने की वजह जानने के लिए दिल्ली पुलिस को नोटिस भेज रही है.

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा ने कहा, "यह बहुत शर्म की बात है कि इक्कीसवीं सदी में भी छोटी बच्चियों को बेचा जा रहा है. मासूम बच्च‍ियों के माता-पिता खुद इस काम को अंजाम दे रहे हैं."

आयोग की कहा कि जब तक इस समाज से पितृसत्तात्मकता की भावना खत्म नहीं होगी, महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ अपराध नहीं रुकेंगे बच्ची के तस्करों और उसके माता पिता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.

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दिल्ली महिला आयोग ने उस आदमी की सराहना की है, जिसने इस मामले की जानकारी दी. साथ ही आयोग ने लोगों से अपील की है कि अगर ऐसी कोई घटना किसी की भी नजर में आती है तो वे टोल फ्री नंबर 181 पर सूचना दे सकता है. इस सूचना पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी.

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