कोरोना काल के दौरान दिल्ली के तिहाड़, रोहिणी और मंडोली जेल से लगभग एक हजार कैदियों को पैरोल दी गई थी. ताकि जेल में भीड़ कम हो और कोरोना संक्रमण न फैलने पाए. लेकिन पैरोल पर जेल से बाहर निकले कई कैदी ऐसे हैं, जो तय तारीख बीत जाने के बाद भी सरेंडर नहीं कर रहे.
ऐसे लगभग 80 कैदी हैं जिनकी पैरोल की मियाद खत्म हो चुकी है. लेकिन वो शर्तों के मुताबिक जेल प्रशासन को रिपोर्ट नहीं कर रहे हैं.
इस मामले में तिहाड़ जेल के डीजी ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि फिलहाल जो इमरजेंसी पैरोल दी गई थी, उसके लिए सरेंडर करने का प्रोसेस जारी है. 13 मार्च तक अंतिम तारीख है, कई कैदी ऐसे हैं जो कुछ दिन लेट हैं. लेकिन वो जेल में सरेंडर कर रहे हैं. ऐसे में हम उनको वक्त दे रहे हैं, सरेंडर करने देर सवेर कैदी आ ही जाते हैं.
बता दें कि उम्र कैद की सजा पा चुके शमशाद को भी कोरोना काल के दौरान इमरजेंसी पैरोल मिली थी. लेकिन जेल से बाहर आते ही शमशाद ATM तोड़ने की वारदातों को अंजाम देने लगा. पैरोल की मियाद खत्म होने के बाद वह अंडरग्राउंड हो गया. हालांकि, बाद में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने शमशाद को गिरफ्तार कर लिया. वह साल 2010 में धौला कुआं गैंग रेप केस में उम्र कैद की सजा काट रहा है.
गौरतलब है कि बीते साल कोरोना वायरस महामारी अपने चरम पर थी. ऐसे हालातों में पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा की गई. इस बीच सभी को घरों में ही रहने की हिदायत दी गई. इस कड़ी में देश की जेलों से बड़ी संख्या में कैदियों को एक निर्धारित समय के लिए पैरोल पर रिहा किया गया. लेकिन पैरोल की मियाद खत्म होने के बाद भी कई कैदी वापस नहीं लौटे. हालांकि, काफी कैदी वापस जेलों में आए भी हैं.
अरविंद ओझा