मौत का रजिस्टर: दृढ़ता, श्रद्धा और फल... कौन कहां लटकेगा सब पहले से तय

बुराड़ी के उस घर में जहां 11 लोगों की लाशें मिली हैं, अब दो रजिस्टर भी बरामद होने की बात सामने आई है. बताया जा रहा है कि इन रजिस्टर्स में सभी मौतों का दिन, वक्त और तरीका तक लिखा हुआ था.

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पुलिस के लिए ये केस अभी भी गुत्थी पुलिस के लिए ये केस अभी भी गुत्थी

अमित कुमार दुबे / चिराग गोठी

  • नई दिल्ली,
  • 02 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 2:18 PM IST

बुराड़ी के उस घर में जहां 11 लोगों की लाशें मिली हैं, अब दो रजिस्टर भी बरामद होने की बात सामने आई है. बताया जा रहा है कि इन रजिस्टर्स में सभी मौतों का दिन, वक्त और तरीका तक लिखा हुआ था.

दरअसल कल तक बुराड़ी की ग्यारह लाशों की पहेली में उलझी दिल्ली पुलिस अब दो रजिस्टर के पन्नों में फंस गई है. ये रजिस्टर घर के एक छोटे मंदिर के पास मिले हैं. रजिस्टर के पन्नों पर मौत का तरीका, मौत का दिन और मौत का वक्त साफ साफ लिखा है. हैरतनाक ये है कि परिवार ने अपनी जान हूबहू वैसे ही दी है जैसी रजिस्टर में लिखी है.

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मौत का रजिस्टर!

1. रजिस्टर में लिखा है कि सभी लोग आंखों पर पट्टियां अच्छे से बांधेंगे. पट्टी ऐसे बंधे कि सिर्फ शून्य दिखे. इसके अलावा रस्सी के साथ सूती चुन्नी और साड़ी का इस्तेमाल करना होगा.

2. सात दिन बाद लगन और श्रद्धा से लगातार पूजा करनी होगी, अगर इस दौरान कोई घर में आए तो पूजा अगले दिन करनी होगी.

3. रविवार या गुरुवार के दिन को ही इस काम के लिए चुनें.

4. बेब्बे खड़ी नहीं हो सकती तो अलग कमरे में लेट सकती हैं.

5. परिवार के सभी सदस्यों की सोच एक जैसी होनी चाहिए, इसके बाद आगे के काम दृढ़ता से शुरू होंगे.

6. मद्धम रौशनी का प्रयोग ही करें.

7. हाथों को बांधनेवाली पट्टियां बच जाएं तो उन्हें आंखों पर डबल बांध लें.

8. मुंह पर पट्टी को भी रूमाल बांधकर डबल कर लें.

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9. जितनी दृढ़ता और श्रद्धा दिखाओगे, फल उतना ही उचित मिलेगा.

10. रात 12 से 1 बजे के बीच क्रिया करनी है, और उससे पहले हवन करना है.

चौंकानेवाली बात है कि बुराड़ी के परिवार ने बिलकुल उसी अंदाज़ में मौत को चुना जैसा पहले से रजिस्टर में दर्ज था. रजिस्टर में लिखा था कि कौन कहां लटकेगा और ठीक ऐसा ही किया भी गया.

पुलिस सूत्रों के मुताबिक परिवार की मुखिया नारायणी देवी अलग कमरे में लेटी मिली थीं. बेटा भुवनेश उर्ऱफ भूपी और ललित, उनकी पत्नियां और बच्चे छत में लगी लोहे की जाली से लटके थे. नारायणी देवी की बेटी और नातिन खिड़की से लटके हुए थे. भुवनेश और ललित के अलावा सभी के हाथ मजबूती से बंधे थे.

रजिस्टर में पहली एंट्री नवंबर 2017 की है जबकि आखिरी एंट्री 25 जून की है. रजिस्टर में लिखा था- सभी इच्छाओं की पूर्ति हो. जिस तरह की बातें रजिस्टर के पन्नों पर लिखी हुई हैं उनसे लग रहा है कि या तो ये पूरी क्रिया किसी मनोकामना को पूरा करने के लिए की गई, या फिर सामूहिक जान देने के पीछे वजह मोक्ष की इच्छा है. रजिस्टर में भी ऐसा कुछ लिखा होने की बात बताई जा रही है.

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पुलिस अब रजिस्टर के एक-एक पन्ने और उसमें लिखी एक एक बात को डिकोड करने में लगी है. कई अहम सवाल पुलिस की पड़ताल के केंद्र में हैं. जैसे रजिस्टर में जो कुछ लिखा गया है वो किसने लिखा, क्या वाकई रजिस्टर में परिवार की मौत की स्क्रिप्ट लिखी है, क्या इस मौत के पीछे तंत्र मंत्र है, और क्या ये पुलिस को उलझाने का कोई तरीका तो नहीं.

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