अंधविश्वास को सिर्फ आम लोग ही नहीं बल्कि अपराधी भी मानते हैं. उत्तर प्रदेश के जेवर में सामूहिक दुष्कर्म, लखनऊ डकैती और बाराबंकी कांड से चर्चा में आया और अब पुलिस गिरफ्त में कुख्यात बदमाश काला प्रधान भी अंधविश्वासी था. वह विषम तारीख में नहीं बल्कि सम तारीख में ही क्राइम करता था.
घुमंतू जनजातियों के साथ गैंग बनाकर हत्या व डकैती करने वाले कुख्यात बावरिया राजकिशोर बहेलिया उर्फ काला प्रधान को यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार किया. एसटीएफ नोएडा यूनिट ने शनिवार देर रात गाजियाबाद के साहिबाबाद में रह रहे काला प्रधान को गिरफ्तार किया था. इस पर 50 हजार का इनाम घोषित था.
काला प्रधान ने 2018 में लखनऊ में हत्या कर डकैती को अंजाम दिया था. गैंग के कई सदस्य पहले पकड़े गए थे लेकिन यह फरार हो जाता था. इस बदमाश पर 3 दर्जन से ज्यादा केस दर्ज हैं. पकड़े गए बदमाश को 2 साल पहले भी गिरफ्तार किया गया था मगर वह जमानत पर आने के बाद लापता हो गया. उसके बाद नया गैंग बना वारदात को अंजाम देने लगा था. इसने 2018 में लखनऊ और बाराबंकी में 3 लोगों की हत्या करके और अन्य लोगों को घायल कर लाखों की डकैती को अंजाम दिया था.
बिना मोबाइल के बना रखा था अपराध का नेटवर्क
एसटीएफ अधिकारी के अनुसार, काला प्रधान ने 17 साल की उम्र में अपराध की दुनिया में कदम रख दिया था. शुरू में यह हवा सिंह नामक कुख्यात लुटेरे के गैंग में शामिल हुआ था. यह गिरोह एनसीआर, यूपी, बिहार, राजस्थान व मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में वारदात कर चुका है. 2017 में जमानत पर बाहर आने के बाद काला प्रधान गायब हो गया था. जेवर सामूहिक दुष्कर्म कांड में भी इस गैंग की शामिल होने की बात सामने आई थी.
सम तारीख पर ही देता था गैंग वारदात को अंजाम
काला प्रधान गिरोह, जनजाति गिरोह की तरह ही काफी अंधविश्वास करता रहा है. पुलिस ने बताया कि यह हमेशा तारीख तय करके उस रात में आपराधिक वारदात को अंजाम देता रहा है. इसके लिए कभी विषम तारीख जैसे 3 या 5 की रात में कोई वारदात नहीं करता था. इसके बजाय सम तारीख पर ही घटना करते थे. इसके अलावा ये गिरोह वारदात में मोबाइल का बिल्कुल भी प्रयोग नहीं करता था. घटना से पहले इलाके में रेकी करता था.
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