यूपी में एंटी रोमियो स्क्वॉड की क्या है मौजूदा स्थिति? RTI पर मिला ये जवाब

एंटी रोमियो स्क्वॉड तब विवादों में आ गए जब उन पर मॉरल पुलिसिंग और सार्वजनिक तौर पर जोड़ों का उत्पीड़न करने के आरोप लगे. समय बीतने के साथ इन स्क्वॉड की गतिविधियां भी समाचारों की सुर्खियों से बाहर हो गईं.

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एंटी रोमियो स्क्वॉड्स यूपी में हर दिन औसतन 11 लोगों को करते हैं गिरफ्तार (फाइल फोटो) एंटी रोमियो स्क्वॉड्स यूपी में हर दिन औसतन 11 लोगों को करते हैं गिरफ्तार (फाइल फोटो)

अशोक उपाध्याय

  • नई दिल्ली,
  • 14 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 3:21 PM IST
  • एंटी रोमियो स्क्वॉड्स हर दिन औसतन 11 लोगों को करते हैं गिरफ्तार
  • प्रदेश के हर जिले में काम कर रहे हैं ये स्क्वॉड्स
  • संख्याबल जरूरत के हिसाब से होता है तय

हाथरस और बदायूं में हैरान करने वाली कथित रेप और मर्डर की घटनाएं सामने आने के बाद लोगों का सवाल है कि उत्तर प्रदेश में जोरशोर के साथ जो एंटी रोमियो स्क्वॉड शुरू किए गए थे, वो कहां हैं? 2017  में उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार के सत्ता में आने के बाद इन एंटी रोमियो स्क्वॉड शुरू किए गए थे. इनका मकसद राज्य में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना था.  

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एंटी रोमियो स्क्वॉड्स तब विवादों में आ गए जब उन पर मॉरल पुलिसिंग और सार्वजनिक तौर पर जोड़ों का उत्पीड़न करने के आरोप लगे. समय बीतने के साथ इन स्क्वॉड्स की गतिविधियां भी समाचारों की सुर्खियों से बाहर हो गईं. लोगों का रुझान और अहम (या सनसनीखेज) घटनाक्रमों की ओर हो गया.  

इन स्क्वॉड्स की मौजूदगी की ताजा स्थिति जानने को लेकर इंडिया टुडे ने सूचना के अधिकार (RTI) के तहत यूपी पुलिस को याचिका भेजी. इसमें जो सवाल किए गए, उनमें ये भी शामिल था कि क्या एंटी रोमियो स्क्वॉड्स अब भी वजूद में हैं? अगर हां तो इनके काम का स्कोप क्या है? इनका संख्याबल क्या है? ये कितने कारगर रहे हैं? और इनकी ओर से कितनी गिरफ्तारियां की गई हैं? 

एंटी रोमियो स्क्वॉड्स की ओर से की गईं गिरफ्तारियों से संबंधित सवाल पर उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय महानिदेशक से ये जवाब मिला, “मुख्यालय को उपलब्ध सूचना के मुताबिक 22.03.2017 से 30.11.2020 के बीच कुल 14,454 गिरफ्तारियां की गईं.”   

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इस जवाब के मायने निकलते हैं कि बताई गई अवधि के दौरान हर दिन औसतन 11 गिरफ्तारियां हुईं. उत्तर प्रदेश की आबादी और क्षेत्रफल जितना बड़ा है, उसे देखते हुए ये आंकड़ा बहुत कम दिखता है.  

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उत्तर प्रदेश पुलिस का कहना है कि एंटी रोमियो स्क्वॉड्स का गठन 22.03.2017 को हुआ था जब “सभी जिलों के प्रभारियों को एंटी रोमियो स्क्वॉड्स बनाने के निर्देश दिए गए थे.” 

इन स्क्वॉड्स का गठन किस मकसद से हुआ था?  हमारे इस सवाल के जवाब में यूपी पुलिस ने कहा, “एंटी रोमियो स्क्वॉड्स का गठन महिलाओं से छेड़छाड़, अभद्रता, महिलाओं और लड़कियों को अश्लील इशारे या फब्तियां कसने पर रोक लगाने के लिए किया गया था.”  

स्कवॉड्स के कुल संख्याबल संबंधी हमारे अगले सवाल पर यूपी पुलिस ने जवाब दिया, “जरूरत के हिसाब से जिला पुलिस एंटी रोमियो स्क्वॉड्स में पुलिसकर्मियों की नियुक्ति करती है.” 

हमने ये भी पूछा था कि एसे कितने स्क्वॉड्स काम कर रहे हैं? इस सवाल के जबाव में यूपी पुलिस ने कहा, “राज्य के हर जिले में एंटी रोमियो स्क्वॉड तैनात है.”  

हालांकि यूपी पुलिस की पहल के बावजूद राज्य में महिलाओं के खिलाफ समग्र तौर पर अपराध की घटनाओं में गिरावट नहीं आई है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के डेटा के मुताबिक 2017 में जब एंटी रोमियो स्क्वॉड बने थे तो महिलाओं के खिलाफ अपराध के 153 केस सामने आए थे. लेकिन 2019 में ये आंकड़ा बढ़ कर 164 हो गया. लेकिन इन स्क्वॉड के बनने के बाद राज्य में रेप केसों में कमी आई है. 2017 में उत्तर प्रदेश में हर दिन औसतन 13 रेप केस दर्ज हुए. ये आंकड़ा 2019 में घटकर 8 पर आ गया.  

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