6 महीने, 16 ग्रेनेड हमले और पुलिस एक्शन... पंजाब में आतंकी-माफिया गठजोड़ की साजिश बेनकाब

पुलिस का मानना ​​है कि यह हमला राज्य में धार्मिक सद्भाव बिगाड़ने की साजिश का हिस्सा था, जिसे ISI का समर्थन हासिल था. जांचकर्ता पाकिस्तान स्थित खालिस्तानी आतंकवादी हरविंदर सिंह रिंदा और गैंगस्टर हैप्पी पासिया के बीच संभावित संबंधों की भी जांच कर रहे हैं.

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पंजाब में ग्रेनेड हमलों की साजिश सरहद पार से रची गई है पंजाब में ग्रेनेड हमलों की साजिश सरहद पार से रची गई है

कमलजीत संधू

  • चंडीगढ़,
  • 08 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 8:11 PM IST

पंजाब पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए घटना के मात्र 12 घंटे के भीतर वरिष्ठ भाजपा नेता मनोरंजन कालिया को निशाना बनाकर किए गए ग्रेनेड हमले के मामले को सुलझा लिया है. पुलिस सूत्रों के अनुसार, ग्रेनेड फेंकने वाले मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और वह फिलहाल हिरासत में है. हमले में इस्तेमाल किया गया ई-रिक्शा भी पुलिस ने बरामद कर लिया है.

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इस मामले की जांच में सीमा पार से जुड़ी एक बड़ी साजिश का पता चला है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि हमले का मास्टरमाइंड जीशान अख्तर है, जो कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का करीबी है. ये वही जीशान है, जो हाई-प्रोफाइल बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में भी वॉन्टेड है और माना जाता है कि अब वह पंजाब को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे तत्वों के साथ मिलकर काम कर रहा है.

पुलिस का मानना ​​है कि यह हमला राज्य में धार्मिक सद्भाव बिगाड़ने की साजिश का हिस्सा था, जिसे ISI का समर्थन हासिल था. जांचकर्ता पाकिस्तान स्थित खालिस्तानी आतंकवादी हरविंदर सिंह रिंदा और गैंगस्टर हैप्पी पासिया के बीच संभावित संबंधों की भी जांच कर रहे हैं, जिससे पता चलता है कि सीमा पार से संचालित आतंकवादी संगठनों और संगठित अपराध सिंडिकेट के बीच गहरी सांठगांठ है.

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एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, 'यह कोई अकेली घटना नहीं है, बल्कि पंजाब में अशांति पैदा करने के लिए सावधानीपूर्वक रची गई सीमा पार की साजिश है.' चलिए अब आपको बताते हैं कि पिछले कुछ महीनों में इस तरह की कितनी घटनाएं सामने आई हैं. 

छह महीने, 16 ग्रेनेड हमले
ऐसे हमले एक चिंताजनक परेशानी के तौर पर देखे जा रहे हैं. पंजाब ने पिछले छह महीनों में पुलिस प्रतिष्ठानों, निजी आवासों, धार्मिक स्थलों और राजनीतिक हस्तियों को निशाना बनाकर 16 ग्रेनेड हमले देखने को मिले हैं. इन विस्फोटों का पैटर्न अक्टूबर 2024 के मध्य से शुरू होकर 8 अप्रैल, 2025 तक जारी है. यह सीमावर्ती राज्य में कानून और व्यवस्था को लेकर गंभीर चिंता पैदा करता है.

इनमें से पहली घटना 29 नवंबर, 2024 को हुई थी, जब अमृतसर के गुरबख्श नगर में एक पुलिस चौकी पर ग्रेनेड फेंका गया था. ठीक तीन दिन बाद, 2 दिसंबर को, नवांशहर (एसबीएस नगर) में अंसारो पुलिस चौकी पर इसी तरह का हमला हुआ. 

दिसंबर में हुए कुल पांच हमले

- 4 दिसंबर: अमृतसर के मजीठा पुलिस स्टेशन को निशाना बनाकर ग्रेनेड से हमला किया गया.

- 13 दिसंबर: बटाला के घनिया के बांगर पुलिस स्टेशन पर एक और विस्फोट हुआ.

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- 17 दिसंबर: अमृतसर के इस्लामाबाद पुलिस स्टेशन पर हमला हुआ.

- 18 दिसंबर: गुरदासपुर में बख्शीवाल पुलिस चेक पोस्ट पर विस्फोट हुआ.

- 20 दिसंबर: गुरदासपुर में ही वडाला बांगर पुलिस चेक पोस्ट पर ग्रेनेड फेंका गया.

नए साल में हमले फिर से नई तेजी के साथ शुरू हुए. 9 जनवरी, 2025 को अमृतसर शहर में गुमटाला पुलिस पोस्ट के बाहर ग्रेनेड फेंका गया. एक सप्ताह से भी कम समय बाद, 15 जनवरी को एक असामान्य घटना की सूचना मिली जब अमृतसर में एक निजी नागरिक राजिंदर कुमार के घर के बाहर ग्रेनेड फटा.

फरवरी तक जारी रहे हमले

- 3 फरवरी को फतेहगढ़ चूड़ियां पुलिस चौकी के पास विस्फोट हुआ.

- 14 फरवरी को गुरदासपुर के डेरा बाबा नानक में एक पुलिस अधिकारी के आवास को निशाना बनाकर कम तीव्रता वाला विस्फोट किया गया.

- 17 फरवरी को गुरदासपुर के रायमल में एक अन्य पुलिसकर्मी के आवास पर इसी तरह का ग्रेनेड हमला हुआ.

मार्च में टारगेट में बदलाव

- 15 मार्च को अमृतसर के खंडवाला इलाके में ठाकुरद्वारा मंदिर के बाहर विस्फोट हुआ.

- 16 मार्च को जालंधर के यूट्यूबर रोजर संधू के आवास पर ग्रेनेड जैसी वस्तु मिली.

अप्रैल की शुरुआत नए हमलों के साथ हुई. 1 अप्रैल को पटियाला के बादशाहपुर पुलिस चौकी के बाहर ग्रेनेड विस्फोट की खबर मिली. सबसे हालिया और राजनीतिक रूप से आरोपित हमला 8 अप्रैल को हुआ, जब भाजपा नेता मनोरंजन के आवास के बाहर ग्रेनेड फेंका गया.

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इनमें से ज़्यादातर घटनाएं अमृतसर, बटाला, गुरदासपुर और जालंधर में हुई हैं, जो इस क्षेत्र को अस्थिर करने के लिए स्थानीय लेकिन निरंतर अभियान का इशारा करती हैं. इस मामले में जांच चल रही है, और अधिकारियों ने सीमा पार के प्रभावों या स्लीपर सेल की संलिप्तता से इनकार नहीं किया है.

पुलिस सूत्रों ने विशेष रूप से कमज़ोर चौकियों और व्यक्तियों के लिए कड़ी सुरक्षा की ज़रूरत को स्वीकार किया है. बढ़ते तनाव के बीच पंजाब खुद को तैयार कर रहा है, हमलों की बाढ़ ने स्थानीय लोगों में दहशत पैदा कर दी है. और कानून प्रवर्तन एजेंसियों पर तेज़ी से कार्रवाई करने का दबाव भी बढ़ा दिया है.

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