मुंबईः समीर वानखेड़े ने लगाया जासूसी का आरोप, DGP से शिकायत में कहा- मेरा पीछा करते हैं पुलिसकर्मी

बताया जा रहा है कि ओशिवारा पुलिस ने सेमेट्री (श्मशान स्थल) पर जाकर समीर वानखेड़े की सीसीटीवी फुटेज ली. समीर वानखेड़े की मां का देहांत 2015 में हो गया था और तब से वह हर रोज सेमेट्री पर जाते हैं. 

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Mumbai ncb zonal director Sameer Wankhede Mumbai ncb zonal director Sameer Wankhede

अरविंद ओझा

  • मुंबई,
  • 11 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 12:31 AM IST
  • क्रूज ड्रग्स पार्टी मामले की जांच समीर वानखेड़े की टीम कर रही है
  • इस मामले में बॉलीवुड एक्टर शाहरुख खान के बेटे फंसे हैं

मुंबई के NCB जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े ने दो पुलिसकर्मियों पर पीछा करने का आरोप लगाया है. इसकी शिकायत उन्होंने महाराष्ट्र के डीजीपी से की है. हालांकि इस पर वो टिप्पणी करने से बचते दिखे.

बताया जा रहा है कि ओशिवारा पुलिस ने सेमेट्री (श्मशान स्थल) पर जाकर समीर वानखेड़े की सीसीटीवी फुटेज ली. समीर वानखेड़े की मां का देहांत 2015 में हो गया था और तब से वह हर रोज सेमेट्री पर जाते हैं. 

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क्रूज ड्रग्स पार्टी मामले की कर रहे हैं जांच

बता दें कि हाई प्रोफाइल क्रूज ड्रग्स पार्टी मामले की जांच समीर वानखेड़े और उनकी टीम कर रही है. चार्जशीट फाइल करने के लिए एनसीबी की टीम के पास 6 महीने का टाइम है. इस बीच समीर वानखेड़े का एक्सटेंशन 6 महीने और बढ़ा दिया गया है. उन्हें दूसरी बार दूसरी बार एक्सटेंशन मिला है. 

इस हाई प्रोफाइल केस की जांच के बाद से समीर वानखेड़े एक बार फिर चर्चा में हैं. पिछले साल जब सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की मौत के बाद बॉलीवुड में ड्रग्स एंगल सामने आया था, तब भी समीर वानखेड़े का नाम चर्चा में आया था. समीर वानखेड़े को 'सिंघम' कहा जाता है और माना जाता है कि उनके नाम से बॉलीवुड सेलेब्रिटीज डरते भी हैं.

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2008 बैच के आईआरएस अधिकारी हैं समीर वानखेड़े

महाराष्ट्र के रहने वाले समीर वानखेड़े 2008 बैच के आईआरएस अधिकारी हैं. भारतीय राजस्व सेवा ज्वाइन करने के बाद उनकी पहली पोस्टिंग मुंबई के छत्रपति शिवाजी  इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर डिप्टी कस्टम कमिश्नर के तौर पर हुई थी. उनकी काबलियत की वजह से ही उन्हें बाद में आंध्र प्रदेश और फिर दिल्ली भी भेजा गया. उन्हें नशे और ड्रग्स से जुड़े मामलों का विशेषज्ञ माना जाता है.

समीर वानखेड़े के नेतृत्व में ही पिछले दो सालों के अंदर करीब 17 हजार करोड़ रुपये के नशे और ड्रग्स रैकेट का पर्दाफाश किया गया. पिछले साल ही समीर वानखेड़े को डीआरआई से नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो में ट्रांसफर किया गया है.  

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