तहव्वुर राणा का भारत प्रत्यर्पण... क्या बोलीं अजमल कसाब की शिनाख्त करने वालीं चश्मदीद देविका रोटावन?

देविका रोटावन ने ही मुंबई हमले के एक एकमात्र जिंदा पकड़े गए आरोपी आतंकी मोहम्मद अजमल कसाब की पहचान अदालत में की थी. सिर्फ 9 साल की उम्र में देविका 26/11 हमले के दौरान छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) पर आतंकियों की गोलीबारी की चपेट में आ गई थीं और उनके पैर में गोली लगी थी.

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 देविका ने ही कोर्ट में कसाब की शिनाख्त की थी देविका ने ही कोर्ट में कसाब की शिनाख्त की थी

aajtak.in

  • मुंबई,
  • 10 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 9:53 PM IST

Mumbai Attack Main Accused Tahavvur Rana Extradition: 26/11 मुंबई आतंकी हमलों की पीड़िता और मुख्य गवाह देविका रोटावन ने अमेरिका से मुख्य आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा के प्रत्यर्पण को भारत की बड़ी जीत बताया है. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि पाकिस्तान में छिपे अन्य साजिशकर्ताओं को भी बेनकाब किया जाए और उन्हें भी सजा दिलाई जाए. रोटावन ने राणा (64) को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की है.

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देविका रोटावन ने ही मुंबई हमले के एक एकमात्र जिंदा पकड़े गए आरोपी आतंकी मोहम्मद अजमल कसाब की पहचान अदालत में की थी. सिर्फ 9 साल की उम्र में देविका 26/11 हमले के दौरान छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) पर आतंकियों की गोलीबारी की चपेट में आ गई थीं और उनके पैर में गोली लगी थी. 

उस हमले में देविका रोटावन का बयान कसाब के खिलाफ बेहद अहम साबित हुआ था. कसाब को मुंबई की अदालत ने दोषी ठहराया था और साल 2012 में उसे फांसी दे दी गई थी.

तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण को लेकर रोटावन ने कहा, 'यह भारत की बहुत बड़ी जीत है और मैं इसके लिए भारत सरकार का धन्यवाद करती हूं. राणा का भारत आना आतंकवाद के अंत की शुरुआत है.' उन्होंने कहा कि भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को राणा से पूछताछ कर और भी जानकारी जुटानी चाहिए और पाकिस्तान में छिपे बाकी आतंकी तत्वों को उजागर करना चाहिए.

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रोटावन ने आगे कहा, 'तहव्वुर राणा को फांसी की सजा मिलनी चाहिए, लेकिन पाकिस्तान में बैठे जो लोग आतंकवाद को समर्थन और प्रोत्साहन दे रहे हैं, उन्हें भी सख्त सजा मिलनी चाहिए.'

26 नवंबर 2008 की उस भयावह रात को याद करते हुए उन्होंने कहा, 'मैं अपने पिता और भाई के साथ पुणे जा रही थी और हम प्लेटफॉर्म नंबर 12 और 13 के बीच ट्रेन का इंतजार कर रहे थे. तभी मैंने देखा कि एक आदमी (बाद में पता चला वह कसाब था) हाथ में बड़ा हथियार लिए लोगों पर गोलियां चला रहा था. चारों ओर लाशें और घायल लोग पड़े थे. मैं सिर्फ 9 साल की थी, मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था.'

गोली लगने के बाद देविका बेहोश हो गईं थीं. उन्हें पहले सेंट जॉर्ज अस्पताल और फिर मुंबई के जेजे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनके पैर की छह सर्जरी हुईं. उन्होंने बताया, 'मैंने कसाब को गोली चलाते हुए देखा और मेरे पिता ने कसाब और अबू इस्माइल दोनों को देखा. 10 जून 2009 को हमने ट्रायल कोर्ट में जाकर कसाब की पहचान की थी.'

तहव्वुर हुसैन राणा पाकिस्तान में जन्मा एक कनाडाई नागरिक है और आतंकवादी हमलों के मुख्य साजिशकर्ता डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी का करीबी सहयोगी है, जो अमेरिकी नागरिक है.

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आपको बता दें कि 16 साल पहले पाकिस्तान से आए 10 भारी हथियारों से लैस आतंकियों ने मुंबई के CSMT, दो फाइव स्टार होटलों और एक यहूदी केंद्र पर समन्वित हमला किया था. समुद्री रास्ते से भारत की वित्तीय राजधानी में घुसे इन आतंकियों ने लगभग 60 घंटे तक आतंक मचाया, जिसमें 166 लोग मारे गए थे, जिनमें अमेरिकी नागरिक भी शामिल थे.

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