आरी से गर्दन काटी, एसिड भरे ड्रम में डाले लाश के 70 टुकड़े, कातिल डॉक्टर को मिली उम्रकैद की सजा

55 साल के डॉ. सुनील मंत्री इटारसी के सरकारी अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ के तौर पर तैनात थे. उन्होंने जनवरी 2019 के आखिरी दिनों में एक ड्राइवर को अपने साथ काम पर रखा. जिसका नाम था वीरेंद्र पचौरी उर्फ वीरू. उसकी उम्र 30 साल थी.

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कातिल डॉक्टर सुनील मंत्री को अब उम्रभर जेल में रहना होगा कातिल डॉक्टर सुनील मंत्री को अब उम्रभर जेल में रहना होगा

परवेज़ सागर

  • नई दिल्ली,
  • 15 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 8:17 PM IST

मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम (होशंगाबाद) में चार साल पहले कत्ल की एक ऐसी खौफनाक वारदात सामने आई थी, जिसने पूरे एमपी को दहला दिया था. वहां कातिल कोई और नहीं बल्कि एक डॉक्टर था, जिसने अपने ही ड्राइवर को इस बेरहमी के साथ मौत के घाट उतारा था कि अच्छे-अच्छे अपराधी भी उसका तरीका देखकर सन्न रह जाएं. हम ये खूनी वारदात आपको इसलिए याद दिला रहे हैं, क्योंकि अदालत ने आरोपी डॉक्टर को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुना दी है. साथ ही उस पर 15 हजार रुपये का जुर्माना भी किया गया है. आखिर क्या था वो पूरा मामला? आइए बताते हैं आपको.   

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साल 2019
55 साल के डॉ. सुनील मंत्री इटारसी के सरकारी अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ के तौर पर तैनात थे. उन्होंने जनवरी 2019 के आखिरी दिनों में एक ड्राइवर को अपने साथ काम पर रखा. जिसका नाम था वीरेंद्र पचौरी उर्फ वीरू. उसकी उम्र 30 साल थी. 4 फरवरी 2019 को वीरू रोज की तरह अपने काम पर तो आया लेकिन उसके दांत में काफी दर्द हो रहा था. वो नर्मदापुरम के आनंद नगर में डॉक्टर के घर पर ही मौजूद था.

इलाज के बहाने कत्ल
इसी दौरान डॉक्टर सुनील ने उसके दांत की जांच की और इलाज के बहाने उसे बेहोशी का इंजेक्शन लगा दिया. नतीजा ये हुआ कि वीरू कुछ ही पल में बेहोश हो गया. इसके बाद डॉक्टर सुनील ने जो किया, उसे जानकर हर किसी का कलेजा बैठ गया. असल में डॉक्टर सुनील ने एक आरी से वीरू की गर्दन काटकर उसके धड़ से अलग कर दी. पूरे कमरे में जैसे खून की धारा बह निकली. सारा फर्श खून से लाला हो गया था. ना जाने डॉक्टर कैसे एक हैवान बन गया था. वो वीरू के धड़ को खींचकर अपने बाथरूम में ले गया और सर्जरी में इस्तेमाल होने वाले औजारों से उसके जिस्म के टुकड़े-टुकड़े कर दिए.

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लाश के 70 टुकड़ों को एसिड में डाला
डॉक्टर सुनील की हैवानियत की खेल यहीं नहीं थमा. उसने लाश के टुकड़ों को ठिकाने लगाने की जुगत पहले ही निकाल ली थी. उसने अपने घर में एक एसिड से भरा ड्रम रखा हुआ था. उस ड्रम को भरने के लिए उसने एक-एक कर एसिड की बोतलें जमा की थी. साथ ही हत्या के लिए आरियां खरीदी थीं. उसने लाश के 70 टुकड़ों को एक-एक कर उस ड्रम में डालना शुरू कर दिया. वो ऐसा इसलिए कर रहा था, ताकि लाश के तमाम टुकड़े जल्द से जल्द गल जाएं. 

ऐसे खुला था कत्ल का राज
डॉक्टर सुनील शहर के पॉश इलाके में रहते थे. जहां उन्होंने कत्ल के बाद वीरू की लाश के टुकड़ों को एसिड के ड्रम में डाल रखा था. वो हर मुमकिन कोशिश कर रहे थे कि लाश की बदबू घर के बाहर ना जाए. लेकिन इस सब के बावजूद उनके घर से लगातार पड़ोसियों को अजीब सी गंध आ रही थी. हर दिन बीतने के साथ गंध भी बढ़ती जा रही थी. इसी वजह से किसी ने पुलिस को इस बात की शिकायत कर दी थी. तभी जाकर इस सनसनीखेज मामले का खुलासा हुआ था.

अवैध संबंध बने कत्ल की वजह
पुलिस के मुताबिक, डॉ. सुनील मंत्री की पत्नी सुषमा अपने घर में ही एक बुटीक चलाती थी. जहां वीरू की पत्नी भी काम करती थी. इसी दौरान अचानक सुषमा की मौत हो गई. सुषमा से नजदीकी होने के कारण उसकी मौत के बाद वीरू की पत्नी बुटीक संभालने लगी. इसी बीच डॉक्टर सुनील और वीरू की पत्नी एक दूसरे के करीब आ गए और उनके बीच संबंध बन गए. एक दिन अचानक इस नाजायज़ रिश्ते की ख़बर वीरू को लग गई, उसने काफी हंगामा किया और वो डॉक्टर सुनील को बदनाम करने की बात कहकर ब्लैकमेल करने लगा. 

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आरी से काटकर किया था कत्ल
इसी बात से परेशान होकर डॉक्टर सुनील ने एक खौफनाक साजिश रच डाली. उसने पूरी प्लानिंग के तहत ही वीरू को अपने यहां काम दिया और उसे ड्राइवर की नौकरी पर रख लिया. और जिस दिन वीरू को दांत में दर्द था. उसी दिन यानी 4 फरवरी 2019 को डॉक्टर ने पहले इलाज के बहाने वीरू को इंजेक्शन लगाकर उसे बेहोश किया और फिर आरी से गर्दन काटकर उसकी जान ले ली.

पुलिस ने वारदात का खुलासा होते ही आरोपी डॉ. सुनील मंत्री को गिरफ्तार कर लिया था. तभी से वो जेल में बंद था. अब जाकर अदालत ने आरोपी डॉक्टर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही उस पर 15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

 

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