नौकरी के बदले जमीन, मनी लॉन्ड्रिंग का केस... ED की पहली चार्जशीट में लालू प्रसाद यादव और मीसा का नाम

आरोप है कि 2004 से 2009 तक, भारतीय रेलवे के विभिन्न क्षेत्रों में समूह 'डी' पदों पर कई लोगों को नियुक्त किया गया था और बदले में उन लोगों ने अपनी जमीन तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों और एक संबंधित कंपनी एके इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड को ट्रांसफर कर दी थी.

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जमीन के बदले नौकरी विवाद से जुड़ा है यह पूरा मामला जमीन के बदले नौकरी विवाद से जुड़ा है यह पूरा मामला

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 09 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 6:58 PM IST

Land for Job Case: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रेलवे में नौकरी के बदले जमीन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में मंगलवार को पहला आरोप पत्र दायर कर दिया. जिसमें बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनकी सांसद बेटी मीसा भारती का नाम भी शामिल है. राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के परिवार के एक कथित करीबी सहयोगी अमित कत्याल, कुछ अन्य व्यक्तियों और कंपनियों का नाम भी चार्जशीट में दिया गया है.

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सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि आरोप पत्र दिल्ली में विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) अदालत के समक्ष दायर किया गया है और अदालत ने इस मामले की सुनवाई 16 जनवरी को तय की है. इस मामले में कात्याल को पिछले साल नवंबर में ईडी ने गिरफ्तार किया था, जबकि लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को एजेंसी ने तलब किया था, लेकिन उन्होंने अभी तक गवाही नहीं दी है. 

यह कथित घोटाला उस समय का है, जब लालू प्रसाद यूपीए-1 सरकार में रेल मंत्री थे. आरोप है कि 2004 से 2009 तक, भारतीय रेलवे के विभिन्न क्षेत्रों में समूह 'डी' पदों पर कई लोगों को नियुक्त किया गया था और बदले में उन लोगों ने अपनी जमीन तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों और एक संबंधित कंपनी एके इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड को ट्रांसफर कर दी थी.

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मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला पीएमएलए की आपराधिक धाराओं के तहत दर्ज किया गया था. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गई एक शिकायत के बाद इस मामले का खुलासा हुआ था. इस मामले में सीबीआई पहले भी आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है.

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