पूर्व विधायक से जुड़े सहकारी बैंक 'धोखाधड़ी' मामले में ED ने वापस की 386 करोड़ रुपये की संपत्ति

यह मामला पनवेल स्थित करनाला नगरी सहकारी बैंक लिमिटेड से संबंधित है. आरोप था कि इस बैंक के पूर्व अध्यक्ष विवेकानंद शंकर पाटिल ने बैंक के अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर ऋणदाता को धोखा दिया और निजी निवेश के लिए धन का हस्तांतरण किया.

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ED ने अब जाकर संपत्ति वापसी की कार्रवाई की है (फाइल फोटो-ITG) ED ने अब जाकर संपत्ति वापसी की कार्रवाई की है (फाइल फोटो-ITG)

दिव्येश सिंह

  • मुंबई,
  • 30 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 9:39 PM IST

प्रवर्तन निदेशालय (ED), मुंबई क्षेत्रीय कार्यालय ने मेसर्स कर्नाला नगरी सहकारी बैंक लिमिटेड, पनवेल के मामले में 386 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति सक्षम प्राधिकारी, एमपीआईडी (महाराष्ट्र सरकार द्वारा नियुक्त) को वापस कर दी है, ताकि इसे बैंक के उन जमाकर्ताओं के बीच वितरित किया जा सके, जिन्होंने अपना पैसा खो दिया है.

ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 5 के तहत इन संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया था क्योंकि पूर्व अध्यक्ष ने बैंक के अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर बैंक के साथ धोखाधड़ी की थी और निजी निवेश के लिए बैंक के धन का गबन किया था. पीएमएलए के तहत जांच ईओडब्ल्यू, सीआईडी, पुणे द्वारा 17.02.2020 को दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर शुरू की गई थी.

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एलईए ने अपने आरोपपत्र में आरोप लगाया था कि बैंक के अध्यक्ष और अन्य अधिकारियों ने आपराधिक साजिश रची और आरबीआई के दिशानिर्देशों और मानक बैंकिंग मानदंडों का पालन किए बिना जाली दस्तावेजों का उपयोग करके 63 फर्जी ऋण खाते तैयार किए और व्यक्तिगत लाभ के लिए 560 करोड़ रुपये की हेराफेरी की.

पीएमएलए के तहत जांच से पता चला कि जालसाजी और धोखाधड़ी के अपराध से अर्जित आय को विवेकानंद शंकर पाटिल और उनके रिश्तेदारों द्वारा नियंत्रित विभिन्न संस्थाओं में भेज दिया गया था. उन्होंने कर्नाला नगरी सहकारी बैंक लिमिटेड से निकाले गए धन का उपयोग करके विभिन्न संपत्तियां और परिसंपत्तियां खरीदीं.

अपराध की ऐसी आय (पीओसी) का उपयोग महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में विभिन्न स्थानों पर अचल संपत्तियों की खरीद के लिए किया गया. 386 करोड़ रुपये की इन संपत्तियों को पीएमएलए की धारा 5 के तहत 17.08.2021 और 12.10.2023 को कुर्क किया गया. इसके अलावा, माननीय विशेष न्यायालय, पीएमएलए के समक्ष विषय मामले में अभियोजन शिकायत दिनांक 12.08.2021 दायर की गई और मुकदमा चल रहा है.

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इस बीच, आरबीआई द्वारा नियुक्त परिसमापक ने पीएमएलए की धारा 8(8) के तहत माननीय पीएमएलए विशेष न्यायालय, मुंबई के समक्ष इसकी वापसी के लिए एक आवेदन दायर किया, जिसके लिए ईडी ने सहमति दे दी है. 

पीएमएलए विशेष न्यायालय, मुंबई ने कर्नाला स्पोर्ट्स अकादमी, पनवेल स्थित संपत्ति को परिसमापक को सौंपने और उसे नीलामी के लिए रखने का दिनांक 22.07.2025 को एक आदेश पारित किया है. न्यायालय ने सक्षम प्राधिकारी, एमपीआईडी को जमाकर्ताओं के बीच वितरण हेतु पोसारी, रायगढ़ स्थित भूमि की नीलामी करने का भी आदेश दिया.

कर्नाला नगरी सहकारी बैंक लिमिटेड, पनवेल में 5 लाख से अधिक जमाकर्ताओं की कुल जमा राशि 553 करोड़ रुपये थी, जिन्होंने अपनी गाढ़ी कमाई गंवा दी है. जमाकर्ताओं के व्यापक हित और वर्तमान में चल रहे पुनर्भुगतान प्रयासों को ध्यान में रखते हुए, प्रवर्तन निदेशालय ने प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए कदम उठाए, जिसके परिणामस्वरूप पुनर्भुगतान संभव हो सका.

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