नरेंद्र गिरि केस: पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला मौत का कारण, विसरा सुरक्षित रखा गया

महंत नरेंद्र गिरि मौत मामले में प्रयागराज पुलिस ने आनंद गिरि और आद्या तिवारी से पूछताछ की. इस दौरान दोनों के बीच विवाद, उत्तराधिकार, चंदे में गड़बड़ी समेत कई मुद्दों को छुआ गया.

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महंत नरेंद्र गिरि मौत मामले में आनंद गिरि से पूछताछ भी हुई (फाइल फोटो) महंत नरेंद्र गिरि मौत मामले में आनंद गिरि से पूछताछ भी हुई (फाइल फोटो)

अरविंद ओझा

  • प्रयागराज,
  • 22 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 1:24 PM IST
  • महंत नरेंद्र गिरि की मौत की जांच जारी
  • पुलिस ने आनंद गिरि से पूछताछ की

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुई अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत की जांच की जा रही है. बुधवार को नरेंद्र गिरि की पोस्टमॉर्टम किया गया, सुबह करीब दो घंटे तक उनका पोस्टमॉर्टम हुआ. पांच डॉक्टरों की टीम ने इस पोस्टमॉर्टम को अंजाम दिया. 

महंत नरेंद्र गिरि की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, उनकी मौत फांसी लगने की वजह से हुई है. अभी विसरा को प्रिज़र्व किया गया है. 

पोस्टमॉर्टम करीब दो घंटे तक चला, कुल पांच डॉक्टरों ने इसे किया. इस पैनल में डॉ. लालजी गौतम,  राजेश श्रीवास्तव, अमित श्रीवास्तव, बादल सिंह, राजेश कुमार राय शामिल थे. पोस्टमॉर्टम की पूरी वीडियोग्राफी की गई है. 

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आनंद गिरि से हुई पूछताछ

इससे इतर पुलिस इस मामले की जांच में भी जुटी है, इसी कड़ी में गिरफ्तार किए गए आनंद गिरि से करीब 12 घंटे तक पूछताछ हुई. पुलिस ने आद्या तिवारी से भी पूछताछ की और दोनों को आमने-सामने बैठाकर सवाल-जवाब किए. 

पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने पूछताछ में आनंद गिरि और नरेंद्र गिरि के बीच हुए विवाद के बारे में सवाल किए. आनंद गिरि को सुसाइड नोट दिखाया गया, हैंड राइटिंग को लेकर सवाल किया गया. हालांकि, आनंद गिरि ने बार-बार यही कहा कि महंत जी खुदकुशी नहीं कर सकते हैं, ये मेरे खिलाफ साजिश लग रही है. 

उत्तराधिकार से जुड़े भी सवाल हुए

उत्तराधिकार की जंग को लेकर जब सवाल हुआ तो आनंद गिरि ने कहा कि महंत जी ने जबतक उसे माफ नहीं किया था, वह हनुमान मंदिर नहीं गया था. आनंद गिरि ने कहा कि उसका अब महंत जी से कोई विवाद नहीं था, ना ही महंत जी किसी बड़ी परेशानी में थे. 

पुलिस ने इस दौरान ब्लैकमेलिंग, चंदे में गड़बड़ी को लेकर सवाल किए. वहीं, हरिद्वार से आनंद गिरि के आश्रम से बरामद लैपटॉप, फोन और अन्य सामान को जांच के लिए भेजा गया है. पुलिस ने गनर अजय समेत 4 सुरक्षाकर्मियों से भी सवाल किए.

गौरतलब है कि प्रयागराज पुलिस ने पहले आनंद गिरि को हरिद्वार से हिरासत में लिया था, बाद में उसे गिरफ्तार किया गया. महंत नरेंद्र गिरि ने अपने सुसाइड नोट में आनंद गिरि का नाम लिया था. 

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