African Woman Arrest: मध्य प्रदेश पुलिस को इंदौर में गिरफ्तार की गई एक अफ्रीकी महिला के पासपोर्ट और स्टूडेंट वीज़ा पर फर्जी होने का शक है. पुलिस का मानना है कि महिला जिन दस्तावेज़ों के आधार पर भारत में आकर रह रही थी, वे फर्जी हो सकते हैं. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. उस विदेशी महिला की गिरफ्तारी के बाद से ही पुलिस उसकी पूरी पृष्ठभूमि और यात्रा संबंधी विवरण खंगालने में जुटी है.
जानकारी के मुताबिक, यह गिरफ्तारी 18 नवंबर को हुई, जब राज्य पुलिस की नारकोटिक्स विंग ने इंदौर के रेज़ीडेंसी इलाके से एक विदेशी महिला को पकड़ा. उसके पास से मिले दस्तावेज़ों के आधार पर उसकी पहचान लिंडा (25) नाम की महिला के रूप में की गई. पुलिस के अनुसार, जिस समय उसे पकड़ा गया, उसके पास एक बैग में कोकीन रखी हुई थी.
पूछताछ में सामने आया कि महिला मुंबई से बस के ज़रिए इंदौर आई थी. जांच में पता चला कि उसके पास करीब 31 ग्राम कोकीन थी, जिसे वह शहर के अंदर कहीं सप्लाई करने वाली थी. इस दौरान पुलिस को उसके पास जो पासपोर्ट मिला, वह पश्चिम अफ्रीकी देश कोटे डी आइवर (पहले आइवरी कोस्ट) का था.
पुलिस पूछताछ में महिला ने दावा किया कि वह इस साल स्टूडेंट वीज़ा पर भारत आई थी. साथ ही उसने बताया कि वह मुंबई के बाहरी इलाके नालासोपारा में रह रही थी. लेकिन जांच के दौरान सामने आए कुछ तथ्य उसकी बातों से मेल नहीं खा रहे हैं, जिस वजह से पुलिस को उसके पूरे दावा पर शक हो रहा है.
नारकोटिक्स विंग के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (DIG) महेशचंद जैन ने PTI को बताया कि जांच में मिले कुछ सुरागों के आधार पर लगता है कि आरोपी महिला का पासपोर्ट और स्टूडेंट वीज़ा नकली हो सकता है. उन्होंने कहा कि दस्तावेज़ों की बारीकी से जांच चल रही है और इन्हें फॉरेनर्स रजिस्ट्रेशन ऑफिस (FRO) के ज़रिए वेरिफाई कराया जा रहा है.
जैन ने यह भी बताया कि अगर दस्तावेज़ों में कोई गड़बड़ी मिलती है, तो महिला के खिलाफ पासपोर्ट एक्ट और विदेशी नागरिकों से जुड़े कानूनों के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी. वहीं, कोकीन बरामद होने के मामले में पहले से ही NDPS एक्ट के तहत FIR दर्ज की जा चुकी है.
अधिकारी ने बताया कि यह महिला पूछताछ के दौरान पुलिस के साथ ज्यादा सहयोग नहीं कर रही. जांच टीम के अनुसार, उसने पुलिस को जो जन्मतिथि बताई, वह पासपोर्ट पर लिखी जन्मतिथि से मिलती नहीं. इस विसंगति ने भी पुलिस की शंका को और मजबूत कर दिया है.
भारत में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों के लिए यह अनिवार्य है कि वे फॉरेनर्स रजिस्ट्रेशन ऑफिस (FRO) या फॉरेनर्स रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस (FRRO) में अपना रजिस्ट्रेशन कराएं. लेकिन इस महिला के मामले में कई बिंदु साफ नहीं हैं, जिनकी जांच अब तेज़ी से आगे बढ़ रही है.
महिला फिलहाल न्यायिक हिरासत में है और पुलिस उसकी भारत में गतिविधियों, संभावित नेटवर्क और आने-जाने के इतिहास की पूरी तरह जांच कर रही है. अब आरोपी विदेशी महिला के दस्तावेज़ों की हकीकत जांच के बाद ही सामने आएगी.
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