इंडिया गेट पर प्रदर्शन, नक्सलवाद-आतंकवाद का समर्थन... डबल FIR के बाद ‘अर्बन नक्सल लिंक’ की जांच

इंडिया गेट पर प्रदूषण के खिलाफ हुए प्रदर्शन में नक्सलवाद और आतंकवाद का समर्थन करने के आरोप लगे हैं. इस दौरान पुलिस पर हमला, बच्चों-महिलाओं की पुलिस के साथ झड़प और 22 गिरफ्तारियों के बाद दो एफआईआर दर्ज की गईं हैं. मामला अब अर्बन नक्सल लिंक की जांच तक जा पहुंचा है.

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इस मामले में अब अर्बन नक्सल लिंक की जांच की जा रही है (फोटो-ITG) इस मामले में अब अर्बन नक्सल लिंक की जांच की जा रही है (फोटो-ITG)

अरविंद ओझा / हिमांशु मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 25 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 5:17 PM IST

इंडिया गेट पर प्रदूषण के खिलाफ शुरू हुआ शांत प्रदर्शन अचानक उस वक्त विवादों में आ गया था, जब कुछ छात्रों पर नक्सलवाद और आतंकवाद के समर्थन में नारे लगाने के आरोप लगे. कुछ ही मिनटों में माहौल इतना गरमा गया था कि प्रदर्शनकारी संसद मार्ग थाने और डीसीपी ऑफिस के गेट तक जा पहुंचे. रास्ते रोक दिए और पुलिस से तीखी झड़प भी हुई. पुलिस पर हमला करने का आरोप भी लगा, और छात्रों पर खुद को चोट पहुंचा कर हंगामा करने का इल्जाम. जिसकी वजह से यह मामला और भी उलझ गया. इस मामले में दो एफआईआर दर्ज हुई हैं और 22 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. अब पुलिस इस पूरे प्रकरण में ‘अर्बन नक्सल लिंक’ की जांच कर रही है.

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प्रदूषण के नाम पर.. 
इस पूरे घटनाक्रम के बाद संसद मार्ग थाने में तैनात एसआई संजीव कुमार दुबे ने शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने अपनी तहरीर में बताया कि इंडिया गेट पर प्रदूषण के मुद्दे पर चल रहे प्रदर्शन के दौरान कुछ छात्रों ने नक्सलवाद और आतंकवाद के समर्थन में नारेबाजी की. इसी आरोप के आधार पर पुलिस ने दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज कीं. शिकायत में कहा गया कि प्रदर्शन का एजेंडा सिर्फ पर्यावरण नहीं था, बल्कि इसके जरिए संवेदनशील मुद्दों को हवा देने की कोशिश की गई.

पुलिस का दावा- नक्सलवाद का समर्थन
संसद मार्ग थाने में दर्ज एफआईआर के अनुसार, प्रदर्शनकारियों का रुख अचानक नक्सलवाद और आतंकवाद के समर्थन की तरफ मुड़ गया. जब पुलिस ने उन्हें सी-हेक्सागन, इंडिया गेट इलाके से हटाने का प्रयास किया, तो समूह आक्रामक हो गया. पुलिस का कहना है कि प्रदर्शन की आड़ में कुछ लोग रणनीतिक रूप से उत्तेजक नारे लगा रहे थे, जो सुरक्षा से जुड़ा गंभीर मसला है.

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थाने और DCP ऑफिस का रास्ता रोका
एफआईआर में यह भी दर्ज है कि स्थानांतरण के बाद प्रदर्शनकारी संसद मार्ग थाने के गेट पर इकट्ठा हो गए. उन्होंने थाने के साथ डीसीपी ऑफिस के गेट को भी अवरुद्ध कर दिया. इससे न तो आम नागरिक अंदर आ पा रहे थे और न बाहर निकल पा रहे थे. पुलिस के लिए यह स्थिति बेहद चुनौतीपूर्ण हो गई क्योंकि एक छोटे से समूह ने कानून व्यवस्था पर सीधा असर डाल दिया था.

पुलिस पर हमले का आरोप
जब पुलिस ने भीड़ को हटाने की कोशिश की, तो प्रदर्शनकारी अचानक उग्र हो गए. एफआईआर में दर्ज बयान के अनुसार, उन्होंने पुलिस पर हमला किया और फिर जमीन पर हाथ-पैर पटकने लगे, जिससे उन्हें खुद चोटें आईं. डिटेन किए जाने के बाद भी उन्होंने पहचान बताने से इनकार किया और उल्टे पुलिस पर अनर्गल आरोप लगाने लगे. इससे हालात और बिगड़ते चले गए.

पुलिस के साथ झड़प
एसआई संजीव दुबे ने बताया कि शाम करीब 6:45 बजे जब वे मेन गेट पर पहुंचे, तो 18–20 बच्चे मौजूद थे और महिला पुलिसकर्मियों के साथ हाथापाई हो रही थी. दोनों पक्षों में आरोप-प्रत्यारोप लगे. बच्चों ने आरोप लगाया कि महिला स्टाफ ने उन्हें थप्पड़ मारा और हाथ पकड़ा. वहीं महिला स्टाफ का कहना था कि बच्चे जबरदस्ती बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे और उन्होंने ही हाथापाई की शुरुआत की.

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आला अफसरों की एंट्री
स्थिति बिगड़ती देख तुरंत सभी सीनियर अधिकारियों को सूचना भेजी गई. अतिरिक्त पुलिस बल मौके पर पहुंचा और बच्चों को शांत कराया गया. पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाया कि किसी भी तरह की बदसलूकी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. SHO को भी घटना की पूरी जानकारी दी गई. इसके बाद भीड़ को हटाकर इलाके में सामान्य स्थिति बहाल की गई.

पुलिसकर्मियों के बयान दर्ज
घटना में शामिल पुलिसकर्मियों जैसे W/L Ct. प्रिया, W/L Ct. किरण, HC साहिब सिंह, Ct. सोहन लाल सहित अन्य सभी का मेडिकल कराया गया और उनके बयान दर्ज किए गए. पुलिस ने यह भी बताया कि बच्चों और पुलिस स्टाफ के बीच झड़प की वजह से स्थिति पल-पल बदल रही थी. शिकायत दर्ज होते ही मामला वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में चला गया और सभी प्रोटोकॉल पूरे किए गए.

बाद में जोड़ी गई BNS की धारा 197
बाद में पुलिस ने FIR में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 197 भी जोड़ दी है. यह धारा देश की संप्रभुता, एकता और अखंडता को नुकसान पहुंचाने वाली गलत या भ्रामक सूचना फैलाने पर लागू होती है और इसमें तीन साल तक की सजा हो सकती है. फिलहाल, दो एफआईआर दर्ज हैं, 22 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं और पुलिस ‘अर्बन नक्सल लिंक’ की गहराई से जांच कर रही है. आगे और गिरफ्तारियां संभव मानी जा रही हैं.

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