मोबाइल की दुकान चलाने वाले के अकाउंट से 300 करोड़ का ट्रांजेक्शन! नोटिस से हुआ खुलासा

मध्य प्रदेश के खंडवा के देशगांव में रहने वाले मोबाइल की दुकान चलाने वाले युवक को इनकम टैक्स विभाग ने करीब 300 करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन को लेकर नोटिस दिया. नोटिस देखकर युवक के होश उड़ गए हैं.

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करीब 300 करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन पर नोटिस (File Photo) करीब 300 करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन पर नोटिस (File Photo)

जय नागड़ा

  • खंडवा,
  • 14 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 6:12 PM IST
  • बैंक खाते में हुआ करीब 300 करोड़ का ट्रांजेक्शन
  • इनकम टैक्स विभाग ने युवक को थमाया नोटिस
  • आईटी का नोटिस देख कर युवक के उड़े होश

MP News: मध्य प्रदेश के खंडवा स्थित ग्राम देशगांव के एक युवक को इनकम टैक्स विभाग ने करीब 300 करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन को लेकर नोटिस थमाया. नोटिस मिलने पर युवक काफी परेशान है और अपने साथ फ्रॉड होने की बात कह रहा है. युवक गांव के एक छोटे किसान का बेटा है और वह गांव में ही मोबाइल एसेसरीज की दुकान चलाता है. वह अब इधर से उधर दौड़भाग कर रहा है, लेकिन उसे कहीं से कोई मदद नहीं मिल रही है.

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जिस युवक को आईटी का नोटिस मिला है उसके बैंक खाते में 290 करोड़ 39 लाख 36 हजार 817 रुपयों का बड़ा ट्रांजेक्शन पिछले साल में हुआ. जब इसकी जानकारी इनकम टैक्स विभाग को मिली तो वह एक्शन में आया और युवक को नोटिस भेज दिया. जब युवक इनकम टैक्स विभाग की ओर यह नोटिस मिला तो उसके होश उड़ गए. 

हैरानी की बात यह है कि युवक के पेन कार्ड के आधार पर मुंबई के एक्सिस बैंक में यह खाता है जिसमें यह बड़ा ट्रांजैक्शन हुआ है और वह युवक कभी मुंबई गया ही नहीं. अब इस पेचीदा मामले को लेकर ना स्थानीय पुलिस इसमें जांच करने को तैयार है ना इनकम टैक्स विभाग. युवक परेशान है कि उसके नाम पर बड़ा फ्रॉड हुआ है लेकिन कोई मदद नहीं मिल रही है.

खंडवा-इंदौर मार्ग पर खंडवा के निकटस्थ ग्राम देशगांव के प्रवीण राठौर को इनकम टैक्स विभाग ने नोटिस देकर सुनवाई के लिए ऑफिस में 15 मार्च को पेश होने का आदेश दिया है. इस कारण बताओ नोटिस में उसे अपने एक्सिस बैंक मुंबई के खाते में 12 मार्च 2021 को 290 करोड़ 39 लाख 36 हजार 817 रुपयों के ट्रांजेक्शन की जानकारी मांगी है.

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प्रवीण राठौर को इसके पहले इस तरह के दो नोटिस और मिले थे लेकिन उसने इसे मजाक समझकर गंभीरता से नहीं लिया. जब उसे तीसरा नोटिस आया तो वह परेशान हो गया. प्रवीण देशगांव के एक छोटे किसान का बेटा है. उसकी अपनी मोबाइल-एसेसरीज् की गांव में एक छोटी सी दुकान है. कभी वह इंदौर के एक कॉल सेंटर पर कार्य करता था. जहां उससे बहुत से दस्तावेज मांगे गए थे. अब प्रवीण राठौर को आशंका है कि वहीं से उसके दस्तावेज मुंबई पहुंचे हो जिसके आधार पर बैंक में खाता खोला गया है.

प्रवीण राठौर का कहना है कि उसके नाम से मुंबई में एक फर्जी अकाउंट खोला गया है जबकि वह आज तक कभी मुंबई भी नहीं गया. इसमें 290 करोड़ से ज्यादा का कुछ ट्रांजेक्शन हुआ है जिसकी उसे कोई जानकारी भी नहीं है. इसकी जानकारी उसे तब मिली जब उसे आयकर विभाग का नोटिस आया और वह वहां गया. उसकी आमदनी इतनी थी ही नहीं, इस पर उसने एक्सिस बैंक में संपर्क किया तो उन्होंने मुंबई शाखा में अकाउंट खुले जाने की जानकारी दी. खाता खोलने वाले का एड्रेस भी मुंबई का ही डाला है. उसके साथ यह धोखाधड़ी हुई है. उसके पेनकार्ड का गलत इस्तेमाल किया गया है. उसने दावा किया वह कभी मुंबई नहीं गया है, ना ही एक्सिस बैंक में कोई खाता खुलवाया है.

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प्रवीण राठौर ने कहा, 'जिस समय की यह बात है तब मैं एक कॉल सेंटर में कार्य करता था. वहां हमसे जितने दस्तावेज मांगे जाते थे. हमें देना पड़ते थे. हम पूछ भी नहीं पाते थे कि ये दस्तावेज क्यों मांगे गए? मुझे नहीं पता कि यह दस्तावेज मुंबई कैसे पहुंचे? इनकम टैक्स के नोटिस की वजह से मैं मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहा हूं. मैं यहां थाने में गया तो उन्होंने कहा कि बैंक यहां की नहीं है इसलिए यहां एफआईआर नहीं हो सकती है. खंडवा में गया तो कहा कि फ्रॉड मुंबई में हुआ है तो वहां जाकर शिकायत करो. इसकी गहन जांच की जाए, दोषियों तक पंहुचा जाए. और जब तक जांच नहीं होती इनकम टैक्स के नोटिस पर भी रोक लगे जिसकी वजह से मैं बहुत परेशान हूं'

अब करीब तीन सौ करोड़ की भारी भरकम राशि के ट्रांजेक्शन को लेकर आ रहे इनकम टैक्स विभाग के नोटिस से प्रवीण मानसिक रूप से त्रस्त हो गया है. उसे इस बड़ी उलझन से निकलने का कोई रास्ता भी नहीं दिख रहा है. उसने देशगांव थाने में गुहार लगाई तो वहां प्रभारी ने एक्सिस बैंक थाना क्षेत्र में न होने की बात कहकर एफआईआर दर्ज करने से मना कर दिया. जब वह जिला मुख्यालय खंडवा पहुंचा तो उसे कहा गया कि फ्रॉड मुंबई में हुआ है तो शिकायत भी वहीं करो. इनकम टेक्स विभाग ने इस मामले में चुप्पी साध ली है. ऐसे में अब प्रवीण की गुत्थी कैसे सुलझेगी? इससे बड़ा सवाल यह भी है कि करीब तीन सौ करोड़ रुपयों की इतनी बेनामी रकम का एक फर्जी खाते में ट्रांजेक्शन कैसे हो गया? बैंक की कार्यशैली पर सवाल उठना लाजमी है.

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