Berawal Double Murder Story: गुजरात से एक अजीब खबर आई. खबर थी एक महिला और एक पुरुष के कत्ल की यानी डबल मर्डर की. जब पुलिस ने मामले की तफ्तीश शुरू की तो पता चला कि दोनों कत्ल एक मेल नर्स ने किए थे, जो लोगों के घरों में जाकर उन्हें इंजेक्शन दिया करता था. अब सवाल ये था कि उसने ये दो कत्ल आखिर क्यों किए? इस वजह जानना बेहद ज़रुरी है. तो चलिए आपको बताते हैं डबल मर्डर की दिल दहला देने वाली पूरी कहानी.
एक के बाद एक क़त्ल के दो मामलों से गुजरात का छोटा सा शहर बेरावल सन्नाटे में आ गया. ये कहानी है एक ऐसे 'वूड-बी' सीरियल किलर की, जो पिछले पांच महीनों में एक-एक कर दो लोगों को मौत की नींद सुला चुका था और अगर वो पकड़ा नहीं जाता तो नामालूम कितने ही और लोगों को ऐसी ही ज़हरीली साजिश का शिकार बना कर मौत के मुंह में पहुंचा चुका होता.
कत्ल के लिए बंदूक या खंजर का इस्तेमाल नहीं
वजह ये कि वो क़त्ल तो करता, लेकिन इसके लिए वो किसी बंदूक या खंजर को नहीं, बल्कि उन दवाओं को हथियार बनाता, जिनका इस्तेमाल आम तौर पर मरीज की जिंदगी बचाने के लिए किया जाता है. कहने की जरूरत नहीं कि दुबले-पतले और मामूली से दिखने वाले इस इंजेक्शन किलर की गिरफ्तारी से सिर्फ आम लोग नहीं बल्कि गुजरात पुलिस ने भी राहत की सांस ली है.
11 नवंबर 2025, बेरावल की हुडको सोसायटी
इसी तारीख पर इस खूनी कहानी की शुरुआत उस वक्त हुई, जब शहर के हुडको सोसायटी में रहने वाली एक महिला भावना बेन की रहस्यमयी हालत में मौत हो जाती है. जब भावना की मौत हुई तो घर में अकेली थी. परिवार के बाकी लोग बाहर गए हुए थे. लेकिन जब वो घर पहुंचे तो उन्होंने घर का दरवाजा बाहर से बंद देखा. उधर, भावना से फोन पर बात करने की उनकी सारी कोशिशें नाकाम हो रही थीं. ऐसे में घरवालों ने किसी तरह दरवाजे का ताला खोला और जैसे ही घर के अंदर कदम रखा, सामने का मंजर देख कर ठिठक गए. बिस्तर पर भावना बेन की लाश पड़ी थी. आनन-फानन में पुलिस को खबर दी गई और मामले की तफ्तीश शुरू हुई.
एक तरफ पुलिस ने भावना की लाश को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया, दूसरी तरफ बहुत बारीकी से मौका-ए-वारदात का मुआयना शुरू किया. लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट के सामने आने से पहले ही मौका-ए-वारदात पर नजर आई दो चीजों ने पुलिस का शक इस मौत को लेकर गहरा कर दिया.
क़त्ल का सुराग़ नंबर- 1 - बाहर से बंद ताला
असल में भावना बेन की लाश घर के अंदर बिस्तर पर पड़ी थी और बाहर से ताला लगा हुआ था, जो इस बात का सबूत था कि उनकी मौत के पीछे किसी ना किसी साजिश जरूर है. क्योंकि अगर उनकी मौत कुदरती होती, तो फिर बाहर से किसी के ताला लगा कर जाने का सवाल ही नहीं था. खास बात ये रही कि पुलिस ने भी जब भावना के घर वालों से पूछताछ की, तो किसी ने भी घर में बाहर से ताला लगाने की बात से मना कर दिया. लेकिन ये तो सिर्फ पहला सुराग था.
क़त्ल का सुराग़ नंबर- 2 - बिस्तर पर खून की बूंदे
जल्द ही पुलिस को इस मर्डर मिस्ट्री से जुड़ा दूसरा सुराग नजर आया. असल में बिस्तर पर जहां भावना की लाश पड़ी थी, उसी बिस्तर पर कुछ खून की छोटी-छोटी बूंदें भी नजर आ रही थी. ऐसी बूंदें जो आम तौर पर लापरवाही से इंजेक्शन लगाए जाने के दौरान निकलती है. ये एक शक वाली बात थी. ऐसे में अब इस तथ्य को वेरिफाई करने के लिए पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्ट का भी इंतजार था. तो जल्द ही वो रिपोर्ट भी सामने आ गई. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ना सिर्फ भावना के शरीर में जहर के होने की पुष्टि हो गई, बल्कि उसके हाथ में इंजेक्शन मार्क भी मिले, जो इस थ्योरी को सपोर्ट करते थे कि शायद भावना का क़त्ल इंजेक्शन लगा कर किया गया. हालांकि रिपोर्ट में भावना की मौत की तात्कलिक वजह स्मोदरिंग यानी सांस रोके जाने को बताया गया था.
सामने आया आरोपी की नाम
अब तफ्तीश में एक नाम उभर कर सामने आया. ये नाम था श्याम नाथा भाई चौहान नाम के 24 साल एक ऐसे शख्स का, जो लोगों के घर-घर जा कर उन्हें नर्सिंग सपोर्ट दिया जा करता था. असल में श्याम नाथा भाई चौहान एक मेल नर्स के तौर पर शहर के तीन अलग-अलग अस्पतालों में काम कर चुका था और इन दिनों घर-घर जाकर लोगों को सर्विस दिया करता था. इसी सिलसिले में वो कभी-कभी भावना बेन के घर भी जाता था, क्योंकि भावना बेन को थायराइड की शिकायत थी. जल्द ही ये बात सामने आई कि 11 नवंबर को भावना बेन ने श्याम को ब्लड सैंपल लेने के लिए बुलाया था.
लूटपाट के लिए कत्ल की साजिश!
असल में भावना बेन सोने की चेन और अंगूठी पहनती थी, जिस पर श्याम की नजर थी. भावना बेन अपने घर के बाहर एक दुकान चलाती थी और वहां श्याम जाया करता था. उसने इसी दौरान भावना के जेवर देखे थे. और यहीं से उसने लूटपाट के लिए कत्ल की साजिश रचने की शुरुआत की. 11 नवंबर को जब भावना बेन ने श्याम को बुलाया, तो घर में और कोई नहीं था.
इंजेक्शन लगा लेने की सलाह
श्याम ने भावना का ब्लड सैंपल के लेने के दौरान उसे एक इंजेक्शन लगा लेने की सलाह दी. उसने कहा कि इस इंजेक्शन से उसे थायराइड में काफी राहत मिलेगी. भावना तैयार हो गई और श्याम ने उसे एनीस्थिसिया की हेवी डोज लगा दी. जिससे वो बेहोश हो गई. इसके बाद उसने एक भीगे कपड़े से भावना की नाक मुंह दबा कर उसकी सांस रोक कर उसकी जान ले ली, जेवर लूटे और फिर घर को बाहर से लॉक कर फरार हो गया और चाबी फेंक दी. पहले तो भावना के कत्ल में श्याम के शामिल होने का कुछ पता था, लेकिन जैसे-जैसे तफ्तीश आगे बढ़ती गई, राज खुलता गया.
पांच महीने पहले भी किया था मर्डर
श्याम को हिरासत में लेने के लिए पुलिस के पास इतने सुराग काफी थे. अब पुलिस ने श्याम को पकड़ा और उससे सख्ती से पूछताछ की. लेकिन इसी के साथ श्याम ना सिर्फ भावना बेन बल्कि उससे करीब 5 महीने पहले शहर में हुए एक ऐसे कत्ल के राज उगले, जिस पर अभी भी पर्दा पड़ा हुआ था. श्याम ने पूछताछ में दूसरे कत्ल की जो कहानी सुनाई वो कुछ यूं थी.
दोस्त ने श्याम को बुलाया था घर
पांच महीने पहले उसी शहर में रहने वाले अपने एक दोस्त अभिषेक का कत्ल करने की बात भी कबूल कर ली. असल में अभिषेक नाम के उसके दोस्त को जुलाई के महीने में एक रोज़ पैर में दर्द की शिकायत हुई. तब वो घर में अकेला था. उसने श्याम को कुछ दवाओं के साथ घर बुलाया. लेकिन लालच में अंधे श्याम ने दोस्ती की पीठ पर छुरा घोंप दिया. उसने अभिषेक को धोखे से सोडे में मॉरफिन की 8 गोलियां मिला कर पिला दीं.
बेहोश हो जाने पर किया था कत्ल
एक साथ नींद की इतनी गोलियों से अभिषेक नीम बेहोशी में चला गया. इसके बाद श्याम ने तकिए से सांस रोक कर उसकी भी जान ले ली और फिर उसकी ऊंगली से सोने की रिंग और 20 हजार रुपये कैश लूट कर फरार हो गया. तब तो किसी को ये पता भी नहीं चला कि अभिषेक का कत्ल भी हुआ है, लेकिन श्याम ने लूट के उन रुपयों से अपनी गर्लफ्रेंड के लिए मंगलसूत्र भी बनवाया. लेकिन अब जब पुलिस ने श्याम को भावना बेन के कत्ल के मामले में धर दबोचा, तो उसने अभिषेक के कत्ल का राज भी कबूल लिया. फिलहाल, पुलिस ये पता करने की कोशिश में जुटी है कि उसे एनिस्थिसिया और नींद की दवाएं इतनी बड़ी तादाद में कहां से मिलती थी.
कातिल कहीं सीरियल किलर तो नहीं?
फिलहाल, पुलिस का कहना है कि जिस तरह से श्याम एक के बाद एक कत्ल की वारदातों को अनोखी मॉडस ऑपरेंडी के जरिए अंजाम दे रहा था, उससे शक है कि अगर वो जल्द ही पकड़ा नहीं जाता, तो शायद आने वाले दिनों में ऐसी और भी वारदातों को अंजाम दे सकता था. यानी वो एक सीरियल किलर भी बन सकता था.
(गिर सोमनाथ से दिलीपभाई पूंजाभाई मोरी का इनपुट)
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