CrPC Section 97: गलत काम में लिप्त व्यक्ति के लिए तलाशी का प्रावधान है धारा 97

सीआरपीसी (CrPC) की धारा 97 (Section 97) में गलत तरीके से सीमित काम में लिप्त व्यक्ति के लिए तलाशी की प्रक्रिया को परिभाषित (Define) करती है. आइए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 97 इस बारे में क्या जानकारी देती है?

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चिन्हित व्यक्ति के लिए तलाशी करने का प्रावधान है धारा 97 चिन्हित व्यक्ति के लिए तलाशी करने का प्रावधान है धारा 97

परवेज़ सागर

  • नई दिल्ली,
  • 20 मई 2022,
  • अपडेटेड 9:52 AM IST
  • व्यक्ति विशेष के लिए तलाशी वारंट जारी करने का प्रावधान है धारा 97
  • 1974 में लागू की गई थी सीआरपीसी
  • CrPC में कई बार हुए है संशोधन

Code of Criminal Procedure: दंड प्रक्रिया संहिता की धाराएं उन कानूनी प्रक्रियाओं (Legal procedures) के बारे में विधिपूर्ण जानकारी देती हैं, जो न्यायलय (Court) और पुलिस (Police) की कार्य प्रणाली के दौरान प्रयोग में लाई जाती हैं. इसी प्रकार सीआरपीसी (CrPC) की धारा 97 (Section 97) में गलत तरीके से सीमित काम में लिप्त व्यक्ति के लिए तलाशी की प्रक्रिया को परिभाषित (Define) करती है. आइए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 97 इस बारे में क्या जानकारी देती है?
 
सीआरपीसी की धारा 97 (CrPC Section 97)
दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Proced) की धारा (97 Section 97) में गलत तरीके से सीमित काम में लिप्त व्यक्ति के लिए तलाशी करने का प्रावधान किया गया है. CrPC की धारा 97 के अनुसार, कहें तो सदोष परिरुद्ध व्यक्तियों के लिए तलाशी करने की प्रक्रिया. सीआरपीसी धारा 97 के मुताबिक, यदि किसी जिला मजिस्ट्रेट (District Magistrate), उपखंड मजिस्ट्रेट (Sub-Divisional Magistrate) या प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट (First Class Magistrate) को यह विश्वास करने का कारण (Reason to believe) है कि कोई व्यक्ति ऐसी परिस्थितियों में परिरुद्ध है, जिनमें वह परिरोध अपराध की कोटि (degree of confinement offense) में आता है, तो वह तलाशी-वारंट (Search warrant) जारी कर सकता है और वह व्यक्ति, जिसको ऐसा वारंट निदिष्ट किया जाता है, ऐसे परिरुद्ध व्यक्ति के लिए तलाशी ले सकता है, और ऐसी तलाशी तद्नुसार ही ली जाएगी और यदि वह व्यक्ति मिल जाए, तो उसे तुरंत मजिस्ट्रेट के समक्ष ले जाया जाएगा, जो ऐसा आदेश करेगा जैसा उस मामले की परिस्थितियों में उचित प्रतीत हो.

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क्या है सीआरपीसी (CrPC)
सीआरपीसी (CRPC) अंग्रेजी का शब्द है. जिसकी फुल फॉर्म Code of Criminal Procedure (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) होती है. इसे हिंदी में 'दंड प्रक्रिया संहिता' कहा जाता है. CrPC में 37 अध्याय (Chapter) हैं, जिनके अधीन कुल 484 धाराएं (Sections) मौजूद हैं. जब कोई अपराध होता है, तो हमेशा दो प्रक्रियाएं होती हैं, एक तो पुलिस अपराध (Crime) की जांच करने में अपनाती है, जो पीड़ित (Victim) से संबंधित होती है और दूसरी प्रक्रिया आरोपी (Accused) के संबंध में होती है. सीआरपीसी (CrPC) में इन प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है.
 
1974 में लागू हुई थी CrPC
सीआरपीसी के लिए 1973 में कानून (Law) पारित किया गया था. इसके बाद 1 अप्रैल 1974 से दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी (CrPC) देश में लागू हो गई थी. तब से अब तक CrPC में कई बार संशोधन (Amendment) भी किए गए है.

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