जुबिन गर्ग डेथ मिस्ट्री: दो सुरक्षा अधिकारी गिरफ्तार, 1.1 करोड़ के संदिग्ध लेनदेन से हड़कंप

गायक जुबिन गर्ग की मौत का रहस्य गहराता जा रहा है. सिंगापुर में डूबने से हुई कथित मौत की जांच अब मनी ट्रेल तक पहुंच चुकी है. सीआईडी की पड़ताल में सामने आए 1.1 करोड़ रुपए के संदिग्ध लेनदेन ने जांच की दिशा ही बदल दी है. शुक्रवार को उनके दो निजी सुरक्षा अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया.

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गायक के भरोसेमंद दो साथी शक के घेरे में, अब तक सात लोग गिरफ्तार. (File Photo: ITG) गायक के भरोसेमंद दो साथी शक के घेरे में, अब तक सात लोग गिरफ्तार. (File Photo: ITG)

aajtak.in

  • गुवाहाटी ,
  • 10 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 7:51 PM IST

गुवाहाटी में शुक्रवार को उस वक्त हलचल मच गई जब पुलिस ने गायक जुबिन गर्ग की रहस्यमय मौत के मामले में उनके दो निजी सुरक्षा अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया. ये वही पीएसओ हैं जो पिछले एक दशक से जुबिन की हर कदम पर सुरक्षा में तैनात थे. उन दोनों के नाम नंदेश्वर बोरा और प्रबीन बैश्य बताए है. इनके बैंक खातों से 1.1 करोड़ रुपए के संदिग्ध लेनदेन का पता चला है.

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एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक, जुबिन गर्ग की मौत के बाद दोनों सुरक्षा अधिकारियों की वित्तीय गतिविधियों की गहन जांच की गई. उनसे कई दौर की पूछताछ के बाद असम पुलिस ने मंगलवार को उन्हें निलंबित किया, लेकिन शुक्रवार को मामला गंभीर मोड़ पर पहुंच गया. सीआईडी ने दोनों को गिरफ्तार कर स्थानीय अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें पांच दिन की हिरासत में भेज दिया गया.

गायक जुबिन गर्ग की पत्नी गरिमा सैकिया गर्ग ने सफाई दी है कि उन्होंने अपने दोनों पीएसओ को सामाजिक कार्यों के लिए कुछ धनराशि दी थी. लेकिन जांच एजेंसियां इस स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं हैं. उनका कहना है कि ट्रांजैक्शन की प्रकृति और समय दोनों ही संदिग्ध हैं. खासकर तब जब सिंगापुर में पानी में डुबकर हुई जुबिन की मौत को लेकर कई सवालों के जवाब अभी भी मिलने बाकी हैं.

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दोनों पीएसओ असम पुलिस से संबद्ध हैं. करीब दस साल पहले उल्फा से जान से मारने की धमकी मिलने के बाद जुबिन गर्ग की सुरक्षा में तैनात किए गए थे. लेकिन अब उनकी भूमिका ही जांच के घेरे में है. यह पहला मौका नहीं है जब जुबिन गर्ग की मौत के सिलसिले में किसी को गिरफ्तार किया गया हो. इससे पहले नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल के आयोजक सहित पांच लोग गिरफ्तार किए गए थे.

इनमें आयोजक श्यामकानु महंत, गायक के चचेरे भाई संदीपन गर्ग, उनके प्रबंधक सिद्धार्थ शर्मा, संगीतकार शेखरज्योति गोस्वामी और गायक अमृतप्रभा महंत शामिल हैं. संदीपन गर्ग असम पुलिस सेवा के अधिकारी थे, जिन्हें गिरफ्तारी के बाद निलंबित कर दिया गया. अब तक इस केस में कुल सात गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, जो यह संकेत देती हैं कि ये एक आकस्मिक हादसा नहीं बल्कि गहरा रहस्य हो सकता है.

19 सितंबर को सिंगापुर के समुद्र में तैरते समय जुबिन गर्ग की मौत हुई थी. वह वहां नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल में भाग लेने गए थे. लेकिन मौत के हालात अब भी अस्पष्ट हैं. असम पुलिस की सीआईडी के तहत गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम जुबीन की मौत के हर एंगल, वित्तीय लेनदेन, व्यक्तिगत रिश्ते और अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए जांच कर रही है.

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