उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के पिपरौली इलाके में खुदकुशी की एक दर्दनाक घटना सामने आई है. यहां 28 साल की महिला ने अपने पति के साथ वीडियो कॉल पर बात करते हुए आत्महत्या कर ली. महिला की पहचान बिहार के सीवान की मूल निवासी खुशी के रूप में हुई है. खुशी ने चार साल पहले बांसगांव के नदीम अंसारी से लव मैरिज की थी. शादी के बाद वो पिपरौली में किराए के घर में रह रही थी, जबकि पति सऊदी अरब में काम करता है. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है.
जानकारी के मुताबिक, जिले के पिपरौली थाना क्षेत्र में शुक्रवार रात करीब 10:30 बजे ये घटना घटी है. खुशी ने अपने छोटे बेटे आसिफ को सुलाने के बाद अपने पति नदीम से वीडियो कॉल किया. नदीम मदीना में काम करता है. कुछ दिन पहले ही घर आया था, लेकिन 9 मई को फिर वापस चला गया था. कॉल के दौरान पति और पत्नी के बीच बहस हुई और रात 10:59 बजे कॉल अचानक कट गई. इसके तुरंत बाद नदीम ने पड़ोसी से संपर्क किया, जो खुशी के घर पहुंचा.
पड़ोसी ने दरवाजा बंद देखकर खिड़की से देखा तो खुशी को छत में लगे हुक से लटकते हुए पाया. पुलिस को सूचना दी गई और मौके पर पहुंची पुलिस ने दरवाजा तोड़कर खुशी का शव बरामद किया. इस घटना के दौरान महिला का बेटा अपनी मां के पास सो रहा था. सर्किल ऑफिसर रत्नेश्वर सिंह ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. मौत के कारणों की विस्तृत जांच जारी है. प्रारंभिक जांच में मामला आत्महत्या का लग रहा है.
बताते चलें कि मई में गोरखपुर में एक महिला ने तीन तलाक के बाद खुदकुशी कर ली. इस मामले में पीड़िता की शिकायत पर कार्रवाई ना करने वाले एक उप-निरीक्षक को निलंबित कर दिया गया. उसके खिलाफ विभागीय जांच का आदेश दे दिया गया. पीड़ित महिला सानिया के पास महाराष्ट्र में रहने वाले उसके पति ने फोन किया था, इसके बाद उसने अपने कमरे में जाकर फांसी लगा ली. वो कुछ दिन पहले ही गोरखपुर में अपने मायके आई थी.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गौरव ग्रोवर ने पीड़ित परिवार की एक पूर्व शिकायत पर कार्रवाई करने में विफल रहने के लिए उप-निरीक्षक जय प्रकाश सिंह को निलंबित कर दिया. सानिया की मां आसिया के मुताबिक, उसने अपने ससुराल वालों पर दहेज उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए चौरी चौरा पुलिस स्टेशन का दरवाजा खटखटाया था. लेकिन एसआई जय प्रकाश सिंह ने उनकी शिकायत को खारिज कर दिया और मामला दर्ज करने से इनकार कर दिया.
इसके बाद में एडिशनल एसपी नॉर्थ जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव के नेतृत्व में एक आंतरिक जांच में पुष्टि हुई कि सानिया वास्तव में थाने गई थी, लेकिन कोई मामला दर्ज नहीं किया गया. इस चूक को गंभीरता से लेते हुए एसएसपी ने विभागीय जांच के आदेश दिए और सब इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया. इस मामले में सानिया के पति महाराष्ट्र के रसायनी इलाके के निवासी सलाउद्दीन सहित आठ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी.
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