उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में दहेज में बाइक और ज्वैलरी के लिए 26 वर्षीय एक महिला को जिंदा जला दिया गया है. इस मामले में मृतक महिला के पति और सुसरालवालों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है. आरोपियों की तलाश की जा रही है.
जहानाबाद एसएचओ मनोज कुमार मिश्रा ने बताया कि मृतक महिला के भाई अमर पाल की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया है. उसके अनुसार, मृतक महिला का नाम सोनकली था. उसकी शादी 28 अप्रैल, 2017 को मिलक काजी गांव निवासी नरेश कुमार से हुई थी. दहेज में बाइक और जेवर न लाने पर उसका पति अक्सर मारपीट करता था.
एसएचओ ने बताया कि सोनकली के ससुर जानकी और सास भगवान देवी पर भी उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप है. 30 मार्च को हुए विवाद के बाद नरेश कुमार और उसके माता-पिता ने सोनकली को गंदे कपड़ों में लपेटा, उस पर तारपीन डाला और उसे आग लगा दी. 6 अप्रैल को दम तोड़ने से पहले पीड़िता ने भाई को पूरी घटना बताई.
बताते चलें कि पिछले साल नवंबर में उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले में बहू को जिंदा जलाने के अपराध में 70 वर्षीय महिला को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी. इसके साथ ही अदालत ने उस पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया. यह घटना 20 दिसंबर, 2017 को महाराजगंज जिले के गुगली थाना क्षेत्र के अमोधा गांव में हुई थी.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पवन कुमार श्रीवास्तव ने आरती गौर (23) की दहेज की मांग पूरी न करने पर हत्या करने के मामले में दोषी कौशल्या देवी को उम्रकैद की सजा सुनाई. सरकारी वकील संतोष कुमार मिश्रा ने बताया कि अपराधी महिला ने तेल डालकर बहू को जिंदा जला दिया. सरकारी वकील ने बताया कि मृतक महिला के पिता जय प्रकाश गौर ने शिकायत की थी.
उसके आधार पर कौशल्या देवी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया था. केस की सुनवाई के दौरान नौ लोगों की गवाही हुई. इसके बाद अदालत ने दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसी तरह उत्तर प्रदेश के बरेली में दहेज हत्या के मामले में मृतक महिला के पति और सास को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी.
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