हैदराबाद के राजीव गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर शुक्रवार को एयरहोस्टेस के साथ छेड़छाड़ करने के आरोप में एक यात्री को गिरफ्तार किया गया है. दुबई-हैदराबाद फ्लाइट में यात्री ने ऐसी हरकत की, जिसने न सिर्फ केबिन क्रू की पेशेवर मर्यादा को ठेस पहुंचाई, बल्कि माहौल तनावपूर्ण बना दिया. उसने शराब के नशे में धुत्त होकर एयरहोस्टेस को छूने की कोशिश की और उसे अपशब्द कहे.
जानकारी के मुताबिक, 30 साल का आरोपी केरल का रहने वाला है और सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करता है. शुक्रवार की रात फ्लाइट सर्विस के दौरान जब एयरहोस्टेस यात्रियों को सर्व कर रही थी, तभी आरोपी यात्री ने अवसर देखकर उसे छू लिया. क्रू मेंबर ने तुरंत यह बात अपने सीनियर्स तक पहुंचाई. आरोपी शराब के नशे में दिखाई दे रहा था और उसकी हरकतें लगातार बढ़ती जा रही थीं.
पुलिस के अनुसार, जैसे ही फ्लाइट हैदराबाद लैंड हुई, केबिन क्रू ने कैप्टन और ग्राउंड स्टाफ को घटना की जानकारी दी. एयरपोर्ट पुलिस को तुरंत सूचना भेजी गई. इसी दौरान यात्री ने नया दावा किया कि उसका पासपोर्ट सीट पर खो गया है. जब स्टाफ उसकी सीट के नीचे और आसपास तलाश करने पहुंचे, तो वहां पासपोर्ट नहीं मिला, लेकिन एक कागज का नोट मिला, जिसमें अश्लील बातें लिखी गई थीं.
यह देखकर स्टाफ चौंक गए. ये यौन उत्पीड़न और शारीरिक-मानसिक प्रताड़ना की गंभीर बात थी. इसके बाद राजीव गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पुलिस स्टेशन को सूचना दी गई. इंस्पेक्टर कंकैया समापति ने बताया कि आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 74 (क्रिमिनल फोर्स), धारा 75 (सेक्सुअल हैरेसमेंट) सहित संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है.
आरोपी को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद उसे स्थानीय कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे ज्यूडिशियल रिमांड पर भेज दिया गया. पुलिस अब इस बात की भी जांच कर रही है कि आरोपी किस मात्रा में शराब का सेवन करके फ्लाइट में सवार हुआ और क्या उसने जानबूझकर क्रू को निशाना बनाया. फ्लाइट के अन्य यात्रियों ने भी बताया कि लैंडिंग के समय आरोपी बेहद घबराया हुआ था.
एयरलाइंस मैनेजमेंट ने इस घटना पर आधिकारिक टिप्पणी नहीं दी है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक कंपनी ने आरोपी यात्री के खिलाफ नो-फ्लाई की आंतरिक प्रक्रिया शुरू कर दी है. यह घटना एक बार फिर सवाल उठाती है कि फ्लाइट में नशे में धुत यात्रियों के कारण केबिन क्रू को कितनी बार मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना झेलनी पड़ती है. जबकि वे यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए 24 घंटे तत्पर रहते हैं.
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